महत्वपूर्ण व्यक्तित्व: देश आज पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जन्म जयंती मना रहा है। राष्ट्रपति भवन से लेकर संसद, कांग्रेस मुख्यालय से लेकर पूरे देश में उन्हें याद किया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी समेत कई नेताओं ने शांतिवन स्थित समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
लेकिन सवाल उठता है आखिर नेहरू जयंती कब से मनाई जाती है? बाल दिवस नेहरू के नाम पर कैसे जुड़ा? नेहरू को लेकर देश में इतना सम्मान और इतना विवाद क्यों है?
चलिए, समझते हैं पूरी कहानी…
नेहरू जयंती कब से मनाई जाने लगी?
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था। उनके निधन (27 मई 1964) के बाद अगले ही वर्ष से 1965 में आधिकारिक रूप से नेहरू जयंती मनाया जाना शुरू हुआ।
इसे सरकार, संसद और नेहरू मेमोरियल फंड की ओर से राष्ट्रीय समारोह के रूप में मान्यता दी गई। बाद में यही दिन आगे चलकर देश का बाल दिवस भी बन गया और इसके पीछे भी एक दिलचस्प इतिहास है।
बाल दिवस का इतिहास: 14 नवंबर ही क्यों चुना गया?
दरअसल, 1950 के दशक में भारत में बच्चियों और बच्चों को समर्पित कोई राष्ट्रीय दिवस नहीं था। नेहरू बच्चों से अत्यधिक प्रेम करते थे, बच्चे उन्हें 'चाचा नेहरू' कहकर बुलाते थे। उनके भाषणों में हमेशा बच्चों के भविष्य, शिक्षा, वैज्ञानिक सोच और आधुनिक भारत की नींव पर जोर रहता था। वे कहा करते थे “आज के बच्चे ही कल का भारत बनाएंगे।”
1964 में उनके निधन के बाद देशभर के शिक्षकों, स्कूलों और संगठनों ने सुझाव दिया कि बच्चों को समर्पित दिन नेहरू को समर्पित होना चाहिए। इसलिए 14 नवंबर, नेहरू के जन्मदिन को ही राष्ट्रीय बाल दिवस (Children’s Day) घोषित कर दिया गया। UN विश्व बाल दिवस 20 नवंबर को मनाता है, लेकिन भारत 14 नवंबर को मनाता है केवल नेहरू प्रेम के कारण।
नेहरू जी कौन थे? एक नज़र उनके जीवन पर
जन्म: 14 नवंबर 1889, इलाहाबाद
पिता: मोतीलाल नेहरू, प्रसिद्ध वकील
शिक्षा: हैरो स्कूल, ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज
1912: में भारत लौटकर स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े
1919: के बाद गांधीजी के सबसे नजदीकी सहयोगी बन गए
1929: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने
1947: स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री
नेहरू 17 साल तक लगातार भारत के पीएम रहे, यह किसी भी भारतीय नेता का सबसे लंबा कार्यकाल है।
नेहरू की सबसे बड़ी उपलब्धियां, किस तरह बनाया नया भारत
यहां वे निर्णय हैं जिन्होंने आधुनिक भारत की पहचान बनाई:
आधुनिक विज्ञान, तकनीक और शोध की नींव
IIT, AIIMS, DRDO, ISRO की बुनियाद
बड़े वैज्ञानिक संस्थान
प्लानिंग और इंडस्ट्रियल विकास
पंचवर्षीय योजनाएं और औद्योगिक क्रांति
स्टील प्लांट (भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर)
बांध, ऊर्जा परियोजनाएं
पब्लिक सेक्टर यूनिट्स (PSUs)
लोकतंत्र और संविधान को मजबूत आधार
संसदीय लोकतंत्र की मजबूत जड़ें
स्वतन्त्र प्रेस और न्यायपालिका का सम्मान
चुनाव आयोग की स्वतंत्रता
विदेश नीति, गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM)
न तो अमेरिका, न ही सोवियत यूनियन के प्रभाव में
स्वतंत्र विदेश नीति
विश्व मंच पर भारत की अलग पहचान
विवाद भी कम नहीं, आलोचकों का क्या कहना है?
नेहरू को लेकर देश में दोहरी राय है। आलोचक इन्हें इन मुद्दों पर घेरते हैं:
कश्मीर मुद्दे का समाधान अधूरा छोड़ना
तिब्बत-चीन नीति को लेकर गलत आकलन
1962 का भारत-चीन युद्ध
PSU मॉडल के कारण निजी उद्योग को सीमित करना
हालाँकि समर्थकों का कहना है कि नेहरू ने ऐसे समय में देश संभाला जब भारत के पास संसाधन, उद्योग, विज्ञान और संस्थान कुछ भी नहीं था। उन्होंने नींव रखी, जिस पर बाद की सरकारों ने इमारत खड़ी की।
125वीं जयंती पर देशभर में कार्यक्रम, कैसे मनाया गया नेहरू दिवस?
हर साल की तरह इस बार भी:
स्कूलों में बाल दिवस कार्यक्रम, सांस्कृतिक आयोजन
बच्चों के लिए खेल, पेंटिंग, प्रतियोगिताएं
संसद परिसर में नेहरू को श्रद्धांजलि
शांतिवन में पुष्पांजलि
नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम में विशेष प्रदर्शनी
बच्चों को समर्पित वेलफेयर कार्यक्रम
कई राज्यों में बाल सुरक्षा और शिक्षा पर विशेष अभियान
नेहरू के कुछ लोकप्रिय विचार
बच्चे राष्ट्र की आत्मा होते हैं।
भविष्य उन्हीं का है जो अपने सपनों की सुंदरता पर विश्वास करते हैं।
अज्ञानता हमेशा डर को जन्म देती है।
विज्ञान ही आधुनिक समाज का सबसे बड़ा हथियार है।
आखिर नेहरू को ‘चाचा नेहरू’ क्यों कहा गया?
यह भी एक दिलचस्प कहानी है। नेहरू हर जगह बच्चों से घिरे रहते थे, वे स्कूल जाते, बच्चों से बातें करते, उनकी पेंटिंग देखते, उन्हें गुलाब का फूल देते।
उनकी ये आदतें बच्चों को इतनी प्रिय लगीं कि उन्होंने नेहरू को ‘चाचा’ कहना शुरू कर दिया। नेहरू ने भी इसे अपनाया और बच्चों के बीच एक दोस्त की तरह लोकप्रिय हो गए।
नेहरू की विरासत आज भी क्यों महत्वपूर्ण है?
क्योंकि आज का भारत:
IIT–AIIMS–ISRO
बड़े बांध
इंडस्ट्रियल बेल्ट
लोकतांत्रिक संस्थान
आधुनिक शिक्षा मॉडल
इन सब पर टिका है, जिसकी नींव नेहरू युग में डाली गई थी।
निष्कर्ष: केवल जयंती नहीं, भारत की नींव रखने वाले नेता को सलाम
125वीं जयंती पर नेहरू को लेकर देश फिर चर्चा में है, एक तरफ सम्मान, दूसरी तरफ आलोचना। लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता की नेहरू आधुनिक भारत के प्रमुख निर्माणकर्ताओं में से एक थे।
बाल दिवस और उनकी जयंती दोनों आज भी भारत के बच्चों, भारत के लोकतंत्र और आधुनिक भारत की सोच को आगे बढ़ाने का प्रतीक हैं।