दिल्ली NCR में 20,000 परिवारों पर मंडराया संकट!: इन परिवारों का सरकारी राशन हो सकता बंद वही...जानें कार्रवाई की वजह और नई व्यवस्था_एक नज़र?
दिल्ली NCR में 20,000 परिवारों पर मंडराया संकट!

गुरुग्राम : हरियाणा सरकार की नई कार्रवाई से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के गुरुग्राम में लगभग 20,000 परिवारों का सरकारी राशन बंद होने का खतरा पैदा हो गया है। सरकार राशन कार्ड धारकों की पात्रता की फिर से जांच कर रही है और जो परिवार नए मानदंडों पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें सरकारी राशन के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा।

किन लोगों का राशन होगा बंद?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनके अनुसार निम्नलिखित श्रेणियों के लोगों का राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है:

●जिन परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख से अधिक है।
●परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी या पेंशन मिलती हो
●जो परिवार लगातार छह महीने तक राशन नहीं लेते हैं

क्या है नई व्यवस्था?

सरकार की नई प्रक्रिया के तहत सभी राशन कार्डों को परिवार पहचान पत्र (Family ID) और आधार से लिंक किया जा रहा है। इसके साथ ही स्वचालित सिस्टम के जरिए आय और पात्रता की जांच की जा रही है। अयोग्य पाए गए लोगों का नाम सीधे सूची से हटाया जा रहा है।

गुरुग्राम के आंकड़े चौंकाने वाले

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक विभाग के अनुसार सितंबर 2024 में गुरुग्राम में कुल 1,91,249 राशन कार्ड धारक थे। सितंबर से नवंबर 2024 के बीच पहले ही 36,000 कार्ड बंद किए जा चुके हैं। वर्तमान में केवल 1,22,792 कार्ड सक्रिय हैं। इनमें 18,711 AAY (अंत्योदय) और 1,04,081 BPL (गरीबी रेखा से नीचे) कार्ड शामिल हैं।

क्या मिलता है राशन कार्ड पर?

गौरतलब है कि प्रत्येक सक्रिय राशन कार्ड पर परिवार को 5 किलोग्राम राशन अनाज, 2 किलोग्राम सरसों तेल औऱ 1 किलोग्राम चीनी मिलता है।

विभाग का स्पष्टीकरण :

गुरुग्राम के जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक नरेश कुमार ने बताया, "सरकार की ओर से राशन कार्ड को फैमिली आईडी से लिंक किया जा रहा है। इसमें ऐसे कार्ड धारक जिनकी वार्षिक आय ₹1.80 लाख से अधिक है, उनका राशन जल्द बंद कर दिया जाएगा।"

लोगों में व्यापक चिंता

इस कार्रवाई से गुरुग्राम के हजारों परिवार चिंतित हैं। कई लोगों का कहना है कि आय के आधार पर ही पात्रता तय करना उचित नहीं है, क्योंकि महंगाई के इस दौर में ₹1.80 लाख सालाना आय वाला परिवार भी गरीब ही माना जाना चाहिए।

सरकार का कहना है कि इस कार्रवाई से सही लोगों तक राशन पहुंचेगा और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी। हालांकि, विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस नीति की कड़ी आलोचना की है।

अन्य खबरे