नई दिल्ली : देश में चुनावी इतिहास में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। 12 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में आज आधी रात से मतदाता सूचियों (Voter Lists) को पूरी तरह फ्रीज़ कर दिया गया है। इसके बाद शुरू होगा Election Commission of India (ECI) का SIR 2.0-रिविजन ऑपरेशन (Special Intensive Revision), जिसका लक्ष्य है – गलत रिकॉर्ड हटाना, नए वोटर्स जोड़ना और सूची को इंटैक्ट बनाना। मुख्य चुनाव आयुक्त Gyanesh Kumar ने कल घोषणा की कि “आज रात से इन 12 राज्यों में मतदाता सूची फ्रीज़ कर दी जाएंगी। राज्य सरकारों को सूची में बदलाव या प्रशासनिक फेरबदल के लिए पहले आयोग की अनुमति लेनी होगी।” ऐसा पहली बार हो रहा है कि इतनी व्यापक और सख्त प्रक्रिया एक साथ लागू की जा रही है।
क्यों किया गया फ्रीज़?
गौरतलब है कि वोटर लिस्ट में वर्षों से लगातार शिकायतें मिलती रही हैं कि -
●मृत व्यक्ति का नाम भी वोट डाल लेता है
●एक इंसान दो-दो जगह वोटर है।
●फर्जी नागरिक भी वोट की लाइन में लगा रहता है!
ECI का लक्ष्य यह साफ करना है कि मतदान में योग्य वोटर शामिल हों, तथा अयोग्य या डुप्लीकेट नाम बाहर हों।
SIR 2.0 क्या है?
आपको बता दें कि SIR यानी Special/Intensive Revision; यह ECI द्वारा चलाया जाने वाला फुल-स्केल रिविजन अभियान है जिसमें:
●नए 18+ उम्र के वोटर्स को जोड़ा जाता है।
●जिनकी मृत्यु हो चुकी है, माइग्रेशन हुई है या दो बार नाम दर्ज है उन्हें सूची से हटाया जाता है।
●पते, नाम, वोटर-लिस्ट में गलती हो तो सुधार होता है।
●BLOs (परिचय पत्र वितरक) घर-घर जाकर यह काम करते हैं।
इस राउंड के शुरुआत से पहले, सूची फ्रीज़ हो गई है यानी अब नाम नहीं बदले जाएंगे, नए नाम नहीं जोड़े जाएंगे जब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।
कौन-कौन हैं वो 12 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश?
अंडमान एवं निकोबार
छत्तीसगढ़
गोवा
गुजरात
केरल
लक्षद्वीप
मध्य प्रदेश
पुडुचेरी
राजस्थान
तमिलनाडु
उत्तर प्रदेश
पश्चिम बंगाल
ध्यान दें: असम में यह प्रक्रिया नहीं होगी क्योंकि वहां नागरिकता की स्थिति अलग है।
प्रक्रिया की रूपरेखा
गौरतलब है कि आज आधी रात से सूची फ्रीज़ हो चुकी है। राज्य-संघ/क्षेत्र में BLO/BLA द्वारा गणना-प्रपत्र वितरित किये जायेंगे। जिसके बाद 2002-04 के SIR डेटा को मिलान किया जा सकेगा (वेब पोर्टल भी खुलेगा)। इसके अंतर्गत प्रक्रिया पूर्ण होने की डेडलाइन 7 फरवरी निश्चित की गई है।
नए नियम, नए दस्तावेज :
विदित है कि इस प्रक्रिया में नाम दो जगह दर्ज होना, मृत व्यक्ति का नाम होना, बाहरी नागरिक का नाम होना इन सबका ट्रैक बनाया जाएगा।
मान्य दस्तावेज़ की सूची में शामिल हैं: आधार-कार्ड, जन्म-प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, 10वीं मार्कशीट, निवास-प्रमाण आदि
ध्यान दें कि आधार कार्ड पहचान का प्रमाण है, निवास या नागरिकता का प्रमाण नहीं (सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार)
क्यों इतनी सख्ती?
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले दशकों में वोटर-सूची में अनियमितताएँ बढ़ी हैं; माइग्रेशन, नाम डुप्लीकेट्स, मृत व्यक्तियों के नाम आदि में बदलाव हुआ है। इसके साथ ही वोटिंग प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करनी है। लोक-तंत्र की आधारशिला है कि प्रत्येक योग्य वोटर को मिले वोट का अधिकार, और अयोग्य व्यक्ति वोटर सूची में न हो।
आज से शुरू हुआ SIR 2.0 सिर्फ एक नाम बदलने की प्रक्रिया नहीं…यह लोकतंत्र की संचालन की बड़ी मुहिम है। अगर आपका नाम शामिल है तो यह समय है सक्रिय होने का। अगर नाम नहीं है तो मिलान कराएं।