31 अक्टूबर को ही क्यों मनाया जाता हैं राष्ट्रीय एकता दिवस!: जानें कौन थे सरदार बल्लभ भाई पटेल; स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण में योगदान से लेकर वर्तमान समय में प्रासंगिकता तक_एक नज़र
31 अक्टूबर को ही क्यों मनाया जाता हैं राष्ट्रीय एकता दिवस!

राष्ट्रीय एकता दिवस 2025: “राष्ट्र की एकता, अखंडता और शक्ति ही भारत की पहचान है।” हर साल 31 अक्टूबर को भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) मनाया जाता है। यह दिन भारत के लौह पुरुष (Iron Man of India) कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को समर्पित है। उन्होंने आज़ादी के बाद बिखरे भारत को एक सूत्र में जोड़कर “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की नींव रखी।

राष्ट्रीय एकता दिवस 2025 कब मनाया जाएगा

इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। यह सरदार पटेल की 150वीं जयंती होगी, जिसके उपलक्ष्य में भारत सरकार ने इसे “एकता वर्ष” (Unity Year) के रूप में मनाने की घोषणा की है।

राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई?

2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य देश के नागरिकों में एकता और अखंडता की भावना को बढ़ावा देना था। यह दिन सरदार पटेल के योगदान को याद करने और उनके “एक राष्ट्र – एक पहचान” के विचार को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है।

कौन थे सरदार वल्लभभाई पटेल?

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। वे एक साधारण किसान परिवार से थे लेकिन उनके संकल्प ने उन्हें भारत का सबसे महान राष्ट्रनिर्माता बना दिया।

शिक्षा: इंग्लैंड से कानून की पढ़ाई
पेशा: वकील, स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ
पद: स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री
निधन: 15 दिसंबर 1950

उन्हें “भारत का लौह पुरुष” (Iron Man of India) कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारत की 562 रियासतों को एकजुट कर एक अखंड भारत बनाया।

सरदार पटेल का देश के निर्माण में योगदान

1. रियासतों का विलय (Integration of Princely States)
आज़ादी के बाद भारत में 562 रियासतें थीं, कुछ पाकिस्तान से जुड़ना चाहती थीं, कुछ स्वतंत्र रहना। सरदार पटेल ने अपने दृढ़ निश्चय, समझदारी और कूटनीति से राजाओं को भारत में शामिल होने के लिए तैयार किया, नतीजा – भारत एक अखंड राष्ट्र के रूप में उभरा।

2. प्रशासनिक ढांचे की स्थापना
उन्होंने IAS और IPS जैसी ऑल इंडिया सर्विसेज़ शुरू कीं ताकि भारत की प्रशासनिक एकता बनी रहे।

3. राष्ट्रीय सुरक्षा की नींव रखी
देश के भीतर कानून-व्यवस्था और सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत किया।

4. संविधान निर्माण में सहयोग
वे संविधान सभा के प्रमुख सदस्य रहे और उन्होंने केंद्र और राज्यों के बीच संतुलन बनाने पर जोर दिया।

कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस

देशभर में यह दिवस उत्सव की तरह मनाया जाता है –
“Run for Unity” (एकता दौड़): लाखों नागरिक, विद्यार्थी और सरकारी कर्मचारी दौड़ में भाग लेते हैं।
राष्ट्रीय एकता शपथ: सभी सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और कॉलेजों में एकता की शपथ ली जाती है – “मैं भारत की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करता/करती हूं…”
सांस्कृतिक कार्यक्रम: चित्रकला, भाषण, निबंध, और परेड का आयोजन किया जाता है।
मुख्य आयोजन: प्रधानमंत्री द्वारा गुजरात के केवडिया स्थित Statue of Unity पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश को संबोधित किया जाता है।

Statue of Unity, सरदार पटेल की अमर विरासत

स्थान: केवडिया, गुजरात
ऊंचाई: 182 मीटर – विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा
उद्घाटन: 31 अक्टूबर 2018
लागत: ₹2,989 करोड़

यह स्मारक सरदार पटेल की “एकता और दृढ़ता” का प्रतीक है। यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं और 31 अक्टूबर को यहां भव्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम होता है।

सरदार पटेल और स्वतंत्रता आंदोलन

• गांधीजी के “असहयोग आंदोलन” और “नमक सत्याग्रह” में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
• उन्हें “सरदार” की उपाधि 1928 में बारडोली आंदोलन की सफलता के बाद मिली।
• उन्होंने किसानों, मजदूरों और आम जनता को एकजुट कर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ जन आंदोलन चलाया।

सरकार द्वारा चलाए गए प्रमुख कार्यक्रम (2025 में)

• सरकार ने 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में कई विशेष कार्यक्रमों की घोषणा की है: “एक भारत श्रेष्ठ भारत सप्ताह” (25–31 अक्टूबर) मनाया जाएगा।
• Statue of Unity परिसर में 3D लाइट शो और सांस्कृतिक परेड आयोजित की जाएगी।
• स्कूलों में “एकता क्विज़” और “राष्ट्र निर्माण पोस्टर प्रतियोगिता” होंगी।
डिजिटल एकता अभियान: सोशल मीडिया पर #RashtriyaEktaDiwas और #SardarPatel150 ट्रेंड चलाया जाएगा।

सरदार पटेल के प्रेरणादायक विचार

• “एकता के बिना आज़ादी अधूरी है।”
• “देश की सेवा ही सच्ची पूजा है।”
• “भारत की एकता हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।”

सरदार पटेल का जीवन से सीख

उनका जीवन सिखाता है कि कठिन निर्णय ही सच्चे नेतृत्व की पहचान होते हैं। राष्ट्र की एकता किसी व्यक्ति से बड़ी होती है। साहस और धैर्य से असंभव भी संभव बनाया जा सकता है।

राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व आज के समय में

आज जब देश के सामने सामाजिक, भाषाई और सांस्कृतिक विविधता है तो सरदार पटेल का संदेश पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है – “भारत की ताकत उसकी विविधता में नहीं, बल्कि उसकी एकता में छिपी है।”

राष्ट्रीय एकता दिवस हमें याद दिलाता है कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह धर्म, जाति, भाषा से ऊपर उठकर देश की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखे।

निष्कर्ष

राष्ट्रीय एकता दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं, यह एक राष्ट्रीय संकल्प है। यह दिन हमें बताता है कि भारत की ताकत उसकी एकता, अनुशासन और विविधता में छिपी है। सरदार पटेल ने जिस एकता की नींव रखी, वही आज भारत की असली पहचान है।

“यदि सरदार पटेल न होते, तो शायद आज भारत इतने राज्यों में नहीं बंटा होता बल्कि एक मजबूत, अखंड राष्ट्र के रूप में खड़ा न होता।”

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