नोएडा: गौतम बुद्ध नगर का सेक्टर-44 अब सिर्फ एक लोकेशन नहीं, बल्कि एक रोमांचक सफर की शुरुआत बनने जा रहा है। यहां ओखला पक्षी विहार और महामाया फ्लाईओवर के बीच करीब 18.7 एकड़ में 'नोएडा जंगल ट्रेल' नाम का एक अविश्वसनीय पार्क बनाया जा रहा है, जो देखने वालों को यकीन करने पर मजबूर कर देगा कि कबाड़ भी कला और कुदरत का मेल हो सकता है।नोएडा प्राधिकरण सेक्टर-44 में बना रहा है 'नोएडा जंगल ट्रेल पार्क', जो अपने आप में पूरे उत्तर भारत का पहला 4D वेस्ट-टू-वंडर जंगल पार्क होगा। यह पार्क न केवल पर्यावरण जागरूकता की मिसाल बनेगा बल्कि दिल्ली-NCR का नया टूरिज़्म हॉटस्पॉट भी साबित होगा।
क्या होगा इस 'जंगल ट्रेल' में खास?
आपको बता दे कि 18.7 एकड़ में फैला यह पार्क एक ऐसी दुनिया रचेगा जहां कबाड़ से बनीं जानवरों की मूर्तियां जीवंत अनुभव देंगी।
यहां होंगे:
●800+ जानवरों के स्कल्पचर: डायनासोर, शेर, गैंडा, अजगर, मगरमच्छ, हाथी, तितली, बत्तख, पांडा, कोआला, फ्लेमिंगो और कई दुर्लभ प्रजातियां।
●4D नाइट सफारी, जिसमें ई-कार्ट से जंगलों की सैर संभव होगी।
●अलग-अलग थीम वाले ज़ोन – आइसलैंड, पोलर रीजन, ओशियन, वेटलैंड, ग्रासलैंड, ट्रॉपिकल रेनफॉरेस्ट।
●कबाड़ से बनी लाइटिंग, फर्नीचर और शॉप्स।
●एम्फीथिएटर (1000 सीट), फूड कोर्ट, किड्स प्ले एरिया और पिकनिक स्पॉट।
500 टन वेस्ट का चमत्कारी रूपांतरण!
इस पार्क को बनाने में 500 टन लोहे और प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये स्कल्पचर इतने जीवंत होंगे कि बच्चे और पर्यटक इन्हें असली समझ बैठेंगे। यह पार्क ‘वेस्ट टू वंडर’ की अवधारणा का सर्वोत्तम उदाहरण है।
तीन ज़ोन में बंटा होगा पूरा पार्क:
1. जोन-A (4.05 एकड़):
पार्किंग (8 बसें, 76 कारें),
1000 दर्शकों का एम्फीथिएटर,
फूड कोर्ट और प्रदर्शनी क्षेत्र।
2. जोन-B (8.77 एकड़):
ट्रॉपिकल रेन फॉरेस्ट,
वेटलैंड,
घास के मैदान।
3. जोन-C (5.45 एकड़):
आइसलैंड,
ओशियन ज़ोन,
पोलर रीजन।
PPP मॉडल से तैयार हो रहा है यह अजूबा
गौरतलब है कि यह नोएडा का पहला पार्क है जो PPP मॉडल पर बन रहा है, यानी इसे बनाने वाली एजेंसी ही इसके संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी लेगी।
टिकट सिस्टम होगा और जो भी कमाई होगी, उसका 50-50% हिस्सा प्राधिकरण और एजेंसी के बीच बंटेगा।
लोकेशन इतनी स्ट्रैटेजिक कि दिल्ली, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा भी कवर
आपको बता दे कि सेक्टर-44 की लोकेशन को इसलिए चुना गया ताकि दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद से आने वाले पर्यटकों को भी सीधी पहुंच मिल सके। पास में महामाया फ्लाईओवर और ओखला पक्षी विहार भी हैं, जिससे यह पूरा क्षेत्र एक पर्यटन बेल्ट का रूप ले लेगा।
पर्यावरण शिक्षा के साथ मनोरंजन और जागरूकता का नया केंद्र:
आपको बता दे कि यह पार्क सिर्फ मनोरंजन का केंद्र नहीं होगा, बल्कि बच्चों और युवाओं को पर्यावरणीय संरक्षण, जानवरों की प्रजातियों और बायोडायवर्सिटी के महत्व को समझाने का मंच बनेगा।
बनेगा ‘वेस्ट टू वंडर’
इसमें निम्नलिखित वंडर शामिल होंगे जो वेस्ट से बने होंगे।
●कबाड़ से बने जानवर
●प्लास्टिक से बने आउटडोर फर्नीचर
●वेस्ट से बनी दुकानों और लाइट्स
●पर्यावरणीय अनुकूल तकनीक
कब खुलेगा यह पार्क?
आपको बता दे कि इसका निर्माण जून 2024 में शुरू हुआ था। लेकिन टार्गेट समय से विलम्ब हुए जा रहा था। अब एजेंसी ने अतिरिक्त 2 महीने का समय मांगा है। यानी संभावना है कि जुलाई 2025 तक यह पार्क आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पूरे परिवार का परफेक्ट ट्रैवेल गन्तव्य:
यहाँ पर बच्चों के लिए किड्स प्ले ज़ोन, पिकनिक स्पॉट और इंटरएक्टिव जानवर होंगे तो वहीं बड़ों को 4D जंगल एक्सपीरियंस और रीयलिस्टिक नाइट सफारी का आनन्द मिलेगा,यहां पे बुज़ुर्गों के लिए बैठने के प्राकृतिक एरिया और शांत वातावरण रहेगा।