नोएडा एक्सप्रेसवे पर डबल अंडरपास का होगा निर्माण!: जुलाई से शुरू होगा मेगा प्रोजेक्ट, 38 सेक्टर और 20 गांवों की बदलेगी किस्मत...
नोएडा एक्सप्रेसवे पर डबल अंडरपास का होगा निर्माण!

नोएडा : नोएडा वालों के लिए एक खुशखबरी है। जल्द ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर जुलाई से दो मेगा-अंडरपास का निर्माण शुरू होने जा रहा है। ये अंडरपास गांव झट्टा (चैनेज 16.900 किमी) और गांव सुल्तानपुर (चैनेज 6.1 किमी) के पास बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही इसका शिलान्यास कर चुके हैं। अब जल्द ही ज़मीनी काम की शुरुआत होगी। कुल बजट ₹181 करोड़ तय किया गया है।

क्या मिलेगा फायदा? :

आपको बता दें कि 20 गांव और 38 सेक्टर को सीधा एक्सप्रेसवे कनेक्शन मिलेगा। सेक्टर 128 से 132 तक और साथ ही सेक्टर 145 से सेक्टर 159 तक की जनता की जाम की परेशानी खत्म होगी। ग्रेटर नोएडा वेस्ट, NSEZ और औद्योगिक क्षेत्रों की भी लिंकिंग सुधरेगी।

कहाँ बनेंगे अंडरपास? क्या होगी खासियत? :

गौरतलब है कि 2 अंडरपास का निर्माण निम्नलिखित जगहों पर होगा।

 1. झट्टा अंडरपास (चैनेज 16.900 किमी)

●सेक्टर: 145, 146, 155, 159 के बीच

●लंबाई: 800 मीटर

●लागत: ₹99.74 करोड़

●लाभार्थी: सेक्टर 151-159, 162 और 9 गांव

 2. सुल्तानपुर अंडरपास (चैनेज 6.10 किमी)

●सेक्टर: 128, 129, 132, 108 के बीच

●लंबाई: 731 मीटर

●लागत: ₹81.61 करोड़

●लाभार्थी: 20+ सेक्टर और लगभग 11 गांव, NSEZ, फेस- 2

पहली बार आएगी 'डायाफ्राम वॉल तकनीक' :

आपको बता दें कि अब सड़क धंसने की टेंशन खत्म होगी। इस बार अंडरपास में Box Pushing तकनीक की जगह डायाफ्राम वॉल टेक्नोलॉजी लाई जा रही है।

क्या है डायाफ्राम वॉल तकनीक? :

आपकी जानकारी के लिये बता दें कि पहले ज़मीन में दो पक्की दीवारें बनाई जाएंगी। ऊपर से छत डाली जाएगी। फिर बीच की मिट्टी को निकालकर सड़क तैयार होगी। खास बात यह है कि इससे खुदाई बहुत कम होगा, ट्रैफिक को कम नुकसान होगा। यही तकनीक दिल्ली मेट्रो और हाईस्पीड रेल परियोजनाओं में इस्तेमाल होती है।

कब होगा काम शुरू? :

आपको बता दें कि जुलाई के पहले हफ्ते से खुदाई शुरू होगी। मानसून के बाद पेड़ हटाने, सफाई और साइट लेवलिंग का काम तेज़ी से होगा। लगभग 18 महीने में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा ।

ट्रैफिक पर क्या असर पड़ेगा? :

विदित है कि इस दौरान कुछ समय के लिए ट्रैफिक डायवर्जन रहेगा लेकिन स्थायी समाधान के लिए थोड़ी असुविधा जरूरी होगी। प्राधिकरण का दावा है कि फेज़ वाइज काम से ट्रैफिक पर न्यूनतम असर पड़ेगा।

प्रशासन क्या कहता है? :

नोएडा प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि : "पहली बार इस स्तर पर डायाफ्राम तकनीक अपनाई जा रही है। इससे सड़क नहीं बैठेगी और भविष्य में मरम्मत की जरूरत कम होगी। यह निर्माण तकनीक शहर के ट्रैफिक इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई देगी।"

नोएडा में ट्रैफिक जाम और गांव-सेक्टर अलगाव की समस्या पर अब फुलस्टॉप लगने वाला है। 181 करोड़ का यह अंडरपास प्रोजेक्ट सिर्फ कंक्रीट का निर्माण नहीं, बल्कि कनेक्टिविटी की क्रांति है। नोएडा अब और तेज़, और स्मार्ट होने की राह पर है।

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