नोएडा : राजधानी में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई के संकेत मिले हैं। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच ट्रैफिक पुलिस ने करीब 3 लाख वाहनों की RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) और 4 ड्राइविंग लाइसेंस (DL) निलंबित करने की सिफारिश परिवहन विभाग को भेजी है। यह कार्रवाई ट्रैफिक पुलिस की बढ़ती सख्ती और ई-चालान सिस्टम की निगरानी के बाद सामने आई है। लेकिन अब खुद परिवहन विभाग ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं कि उनका कहना है कि हर उल्लंघन निलंबन योग्य नहीं होता।
जांच में खुलासा - हर केस में “सस्पेंशन” जरूरी नहीं :
सूत्रों के अनुसार, परिवहन विभाग ने ट्रैफिक पुलिस की ओर से भेजी गई सूची की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। टीम के एक अधिकारी ने बताया कि “कई ऐसे वाहन या ड्राइविंग लाइसेंस इस सूची में शामिल हैं जिन्होंने न तो शराब पीकर वाहन चलाया, न ही ओवरस्पीडिंग या कोई गंभीर उल्लंघन किया। फिर भी उनके खिलाफ RC या DL निलंबन की सिफारिश की गई है। यह कानूनी रूप से सही नहीं।"
अन्य जिलों और राज्यों के वाहनों पर भी कार्रवाई की सिफारिश :
ट्रैफिक पुलिस द्वारा भेजी गई सूची में दूसरे जिलों और राज्यों जैसे दिल्ली, गाजियाबाद, हरियाणा के वाहन नंबर भी शामिल हैं। अब परिवहन विभाग उन राज्यों के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई की सिफारिश करने जा रहा है। हालांकि, विभाग के अधिकारी साफ कर चुके हैं कि “पहले यह सत्यापित किया जाएगा कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा बताए गए उल्लंघन मोटर वाहन अधिनियम की धारा 19 और 21 के अंतर्गत आते भी हैं या नहीं।”
कानून क्या कहता है?
गौरतलब है कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत RC या DL निलंबन सिर्फ उन्हीं मामलों में लागू होता है —
शराब पीकर वाहन चलाने पर
तेज रफ्तार या रैश ड्राइविंग करने पर
लगातार ट्रैफिक नियम तोड़ने पर (Repeated Offence)
स्कूल बस, पब्लिक ट्रांसपोर्ट या हैवी व्हीकल से गंभीर उल्लंघन की स्थिति में
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई केस ऐसे हैं जिनमें सिर्फ लाल बत्ती पार करना या नो-पार्किंग जैसे उल्लंघन दर्ज हैं जिनमें निलंबन की कार्रवाई नहीं बनती।
3 लाख RC की फाइलों पर मचा प्रशासनिक हंगामा :
आपको बता दें कि सूत्र बताते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में RC निलंबन की सिफारिश ने खुद परिवहन विभाग को चौंका दिया है। फिलहाल, रिकॉर्ड वेरिफिकेशन का काम चल रहा है और विभाग ने ट्रैफिक पुलिस को स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है कि किन आधारों पर इतने वाहनों के निलंबन की अनुशंसा की गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें सैकड़ों ऐसे मामलों की जानकारी मिली है जिनमें न तो चालक का नाम सही है, न ही वाहन का उल्लंघन गंभीर है। सभी मामलों की फाइलें जांच टीम को भेज दी गई हैं।
वाहन मालिकों में मचा हड़कंप :
आपको बता दें कि राजधानी में यह खबर फैलते ही वाहन मालिकों में हड़कंप मच गया है। कई लोग अब अपने RC और DL की स्थिति जांचने के लिए RTO कार्यालयों और परिवहन ऐप्स की ओर रुख कर रहे हैं। कुछ ड्राइवरों का कहना है कि उन्हें चालान की सूचना भी नहीं दी गई थी, और अब अचानक निलंबन की बात सुनकर वे हैरान हैं।
विशेषज्ञ बोले “सिस्टम में पारदर्शिता जरूरी” :
ट्रैफिक विशेषज्ञों के मुताबिक “अगर हर छोटे चालान पर RC या DL निलंबित करने की सिफारिश होगी, तो सिस्टम पर भरोसा खत्म हो जाएगा। आवश्यक है कि गंभीर और सामान्य उल्लंघनों के बीच स्पष्ट फर्क किया जाए।” उन्होंने कहा कि ऐसी सूचियां AI-आधारित चालान मॉनिटरिंग सिस्टम से फिल्टर होनी चाहिए ताकि गलत सिफारिशें न जाएं।
निष्कर्ष :
ट्रैफिक पुलिस की सख्ती से शहर में अनुशासन बढ़ा है, लेकिन 3 लाख RC निलंबन जैसी कार्रवाई बिना कानूनी समीक्षा के लागू कर दी गई तो निर्दोष वाहन मालिकों पर सीधा असर पड़ेगा। अब सबकी निगाहें परिवहन विभाग की जांच रिपोर्ट पर हैं जो तय करेगी कि कितने चालान सही थे, और कितने सिर्फ आंकड़ों की जल्दबाजी में भेज दिए गए।