नोएडा : शहर में 30 साल पुरानी और जर्जर इमारतों को तोड़कर दोबारा भव्य रूप में बनाया जाएगा। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने एक नई पुनर्विकास नीति लागू की है,शहर की धड़कन कहलाने वाली 30 साल पुरानी इमारतें अब इतिहास बनेंगी।
प्राधिकरण की नई 'पुनर्विकास नीति' के तहत 100 से ज्यादा जर्जर हाइराइज और 500 लो राइज सोसाइटियों को तोड़कर उन्हें एक बार फिर नए सिरे से बनाया जाएगा।जिससे करीब 10 लाख लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। इस योजना को प्राधिकरण की 218वीं बोर्ड बैठक में मंजूरी दी गई थी।
क्या है नोएडा की Redevelopment Policy? :
आपको बता दें कि जिन इमारतों की हालत बहुत खराब है या जो 30 साल से ज्यादा पुरानी हैं, उन्हें तोड़कर दोबारा बनाया जाएगा। इसके लिए 70% लीज होल्डर्स की सहमति जरूरी होगी। निर्माण शुरू करने से पहले रिपोर्ट और अनुमति लेना जरूरी है। IIT/NIT जैसी एजेंसियों द्वारा जर्जर घोषित होने पर पुनर्निर्माण संभव होगा। प्राधिकरण एक्स्ट्रा एफएआर (Floor Area Ratio) देगा ताकि डेवलपर्स को भी मुनाफा दिखे और निवासियों को अतिरिक्त जगह मीले। साथ ही नई इमारतों में लिफ्ट, पार्किंग, सीसीटीवी, ग्रीन एरिया और अन्य सुविधाएं होंगी।
फंक्शनल यूनिट्स की चौकाने वाली संख्या :
जानकारी के अनुसार नोएडा में कुल 11,100 ग्रुप हाउसिंग यूनिट्स में से 9700 फंक्शनल हैं। इनमें से लगभग 100 हाइराइज और 500 लो राइज सोसायटी 30 साल पुरानी हो चुकी हैं। इस नीति के बाद इन सोसाइटीज़ का कायाकल्प होगा।
लोगों को क्या मिलेगा? :
गौरतलब है कि पुराने मकान तोड़े जाने पर किराया, फ्री आवास या अस्थायी घर दिया जाएगा। यानी कोई बेघर नहीं होगा। जब तक नया घर न बने, सरकार साथ निभाएगी। नया मकान बनेगा तो 15% ज़्यादा कारपेट एरिया मिलेगा। सभी सुविधा और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
फ्लैट नहीं, अब मिलेंगे स्मार्ट होम्स :
जानकारी के अनुसार नई इमारतों में लिफ्ट और अंडरग्राउंड पार्किंग, CCTV सर्विलांस, EV चार्जिंग प्वाइंट, ग्रीन ज़ोन और रेन वाटर हार्वेस्टिंग, STP (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) शामिल रहेंगें साथ ही फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतज़ाम रहेगा।
डेवलपर कैसे चुने जाएंगे? :
आपको बता दें कि प्राधिकरण या RWA (AOA) डेवलपर चुन सकते हैं। ब्लैकलिस्टेड कम्पनियों की एंट्री बैन होगी। डेवलपर का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए। डेवलपर को प्रोजेक्ट पूरा करने की वित्तीय क्षमता साबित करनी होगी। ESROW खाता अनिवार्य होगा ताकि पैसा गायब न हो।
अगर समय पर नहीं बना प्रोजेक्ट तो... :
गौरतलब है कि अगर काम समय पर न हुआ तो डेवलपर को भारी जुर्माना देना होगा। किराया न देने पर प्राधिकरण कार्रवाई करेगा। साथ ही "त्रिपक्षीय समझौता" भंग होने पर प्रोजेक्ट रद्द कर दिया जाएगा।
क्या होगा फायदा? :
आपको बता दें कि प्राधिकरण के इस कदम से शहर में रहने की गुणवत्ता बेहतर होगी। लोगों को ज्यादा सुरक्षित और सुंदर मकान मिलेंगे। इससे नोएडा स्मार्ट सिटी की दिशा में एक और कदम बढ़ेगा।
यह योजना नोएडा की शहरी तस्वीर को बदल सकती है, और हज़ारों परिवारों को एक नई, सुरक्षित और सुविधाजनक ज़िंदगी दे सकती है। रहन-सहन के स्तर में सुधार होगा। यह नोएडा को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।