ट्रंप के चीन पर 100% टैरिफ अटैक से, वैश्विक बाजार में भूचाल!: जानें भारत के लिए कैसे सिद्ध होगा आपदा में अवसर, चीन बोला- लड़ना नहीं...
ट्रंप के चीन पर 100% टैरिफ अटैक से, वैश्विक बाजार में भूचाल!

नई दिल्ली/वॉशिंगटन: अमेरिका और चीन के बीच फिर छिड़ी ट्रेड वॉर की जंग ने एक बार फिर पूरी दुनिया को हिला दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले सभी सामानों पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। इस कदम से वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल मच गई है, लेकिन इस ‘आर्थिक युद्ध’ के बीच भारत के लिए सुनहरा अवसर उभरता दिख रहा है।

ट्रंप का आर्थिक ‘मिसाइल अटैक’!

आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि 1 नवंबर 2025 से चीन से आने वाले हर उत्पाद पर 100% टैरिफ लागू होगा। अभी तक चीन के उत्पादों पर 30% टैरिफ था, यानी अब कुल टैक्स 130% हो जाएगा। इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन ने चीन को झटका देते हुए महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर निर्यात पर नियंत्रण लगाने की भी घोषणा कर दी है। ट्रंप ने आरोप लगाया कि बीजिंग वैश्विक बाजार में अनुचित व्यापार नीति अपना रहा है और अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है। उनका कहना है, “अब चीन को उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा।”

चीन का पलटवार — "लड़ना नहीं चाहते, पर डरते भी नहीं!"

गौरतलब है कि ट्रंप के फैसले के बाद चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने इसे “दोहरे मापदंड का उदाहरण” बताते हुए अमेरिका को चेतावनी दी कि “चीन लड़ना नहीं चाहता, लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी तो लड़ने से पीछे नहीं हटेगा।” चीन ने अमेरिका पर वैश्विक आपूर्ति शृंखला (Supply Chain) को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया और कहा कि यह कदम दोनों देशों के बीच चल रही आर्थिक वार्ता को कमजोर करेगा। साथ ही बीजिंग ने संकेत दिए हैं कि वह अमेरिकी जहाजों पर विशेष पोर्ट चार्ज लगाने और निर्यात नियमों को और कड़ा करने की तैयारी कर रहा है।

भारत को मिल सकता है बड़ा एक्सपोर्ट बोनस:

विदित है कि ट्रंप के इस फैसले से भले दुनिया में चिंता बढ़ी हो, लेकिन भारतीय एक्सपोर्टर्स के लिए यह “गोल्डन विंडो” खुल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब चीन के सामान पर 130% टैक्स लगेगा, तब भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में सस्ते और आकर्षक हो जाएंगे। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के अध्यक्ष एस.सी. रालहन ने कहा कि भारत का एक्सपोर्ट वॉल्यूम 7.3 लाख करोड़ रुपये से भी ऊपर जा सकता है। ट्रम्प के इस कदम से टेक्सटाइल, खिलौने, फुटवियर और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भारत को भारी फायदा होगा।

किन सेक्टर्स को मिलेगा सबसे बड़ा फायदा?

टेक्सटाइल उद्योग: चीन के महंगे प्रोडक्ट्स के चलते अमेरिकी कंपनियां भारतीय कपड़ा उत्पादों की ओर झुकेंगी।
खिलौना उद्योग: अमेरिकी रिटेलर्स पहले ही भारतीय एक्सपोर्टर्स से संपर्क कर रहे हैं।
फुटवियर और इलेक्ट्रॉनिक्स: चीन के दाम बढ़ने से भारत की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी।
सोलर पैनल और व्हाइट गुड्स: अमेरिकी आयातकों को अब भारत से विकल्प मिलेंगे।

ग्लोबल असर: कीमतें बढ़ेंगी, सप्लाई चेन हिलेगी

थिंक टैंक GTRI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ट्रेड वॉर से इलेक्ट्रिक वाहनों, विंड टर्बाइन्स, सेमीकंडक्टर और मोबाइल पार्ट्स की कीमतें बढ़ सकती हैं। एशियाई देश जैसे जापान, साउथ कोरिया और सिंगापुर भी झटका महसूस करेंगे, क्योंकि वे अमेरिका और चीन दोनों के प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं।

भारत-अमेरिका व्यापार रिश्ते होंगे मजबूत

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच 131.8 बिलियन डॉलर (11.6 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार हुआ। भारत ने अमेरिका को 86 बिलियन डॉलर (7.6 लाख करोड़ रुपये) का निर्यात किया — जो भारत के कुल एक्सपोर्ट का लगभग 19% हिस्सा है। अब अगर चीन पर अमेरिकी भरोसा कम होता है, तो भारत इस खाली जगह को भर सकता है।

विश्व की इन दो महाशक्तियों की जंग भारत की जीत का मौका है। अमेरिका और चीन के बीच यह आर्थिक युद्ध भले वैश्विक बाजार को झटका दे, लेकिन भारत के लिए यह ‘Make in India’ को गति देने का अवसर है। अगर भारत अपनी उत्पादन क्षमता, सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करता है, तो वह इस वैश्विक संघर्ष में सबसे बड़ा विजेता बनकर उभर सकता है।

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