हार्ट अटैक के समय अकेले हैं तो तुरन्त करें ये काम!: जल्दी उठाएं ये 10 जान बचाने वाले कदम, डॉक्टरों से जानें हार्ट-अटैक से पहले के लक्षण और...
हार्ट अटैक के समय अकेले हैं तो तुरन्त करें ये काम!

स्वास्थ्य: भारत समेत दुनिया भर में लगभग 50% अचानक कार्डियक मौतें तब होती हैं जब मरीज अकेला होता है और एम्बुलेंस तक पहुंचने में देरी हो जाती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के इस डरावने आंकड़े के बीच, विशेषज्ञ बता रहे हैं कि अगर हार्ट अटैक के शुरुआती 90 मिनट के गोल्डन पीरियड में सही कदम उठाए जाएं, तो जान बचने के 80% चांस बढ़ जाते हैं। आइए जानते हैं वो 10 जीवनरक्षक उपाय जो आपको अकेलेपन में भी हार्ट अटैक से लड़ने की ताकत देंगे।

पहचानें खतरे के संकेत: ये हैं हार्ट अटैक के 5 बड़े लक्षण -

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिल्मों के उलट, असल जिंदगी में हार्ट अटैक अचानक नहीं आता। 90% मामलों में शरीर 1-2 घंटे पहले ही संकेत देने लगता है:

 1. सीने में भारीपन: ऐसा लगे जैसे कोई भारी पत्थर चेस्ट पर रख दिया गया हो।

 2. बाएं हाथ में दर्द: दर्द छाती से बाएं हाथ, जबड़े और पीठ तक फैल सकता है।

 3. सांस फूलना: बिना किसी मेहनत के सांस लेने में तकलीफ होना।

 4. ठंडा पसीना: अचानक से ठंडा पसीना आना और चक्कर आना।

 5. जी मिचलाना: उल्टी जैसा महसूस होना या पेट में तेज दर्द।

अकेले हैं तो तुरंत उठाएं ये 10 जान बचाने वाले कदम :

 1: 108 पर तुरंत कॉल करें - हर मिनट है कीमती 

सबसे पहले फोन उठाएं और 108 एमर्जेंसी नंबर डायल करें। भले ही आपको पूरी तरह यकीन न हो, लेकिन शक होते ही कॉल कर दें। हर मिनट की देरी से 10 लाख हार्ट सेल्स मरती हैं और बचने के चांस 10% कम हो जाते हैं।

 2: पैनिक बटन या बैंड का इस्तेमाल करें 

गौरतलब है कि अगर आप अक्सर अकेले रहते हैं, तो पैनिक बटन या स्मार्ट बैंड जरूर रखें। आजकल मार्केट में कई ऐसे गैजेट्स उपलब्ध हैं जो इमरजेंसी में आपके परिवार और एम्बुलेंस को अलर्ट कर सकते हैं।

3: इमरजेंसी कोड भेजें :

अपने परिवार और करीबी दोस्तों के साथ एक इमरजेंसी कोड (जैसे 'A' या '1') तय करें। इस कोड का मैसेज मिलते ही उन्हें पता चल जाएगा कि आप खतरे में हैं और उन्हें तुरंत आपके पास पहुंचना है।

4: 300mg एस्पिरिन चबाएं :

विदित है कि हर्ट अटैक के समय अगर घर में 300mg की एस्पिरिन है तो एक गोली को चबा लें (निगलें नहीं)। यह ब्लड क्लॉट को बढ़ने से रोकती है और 25% तक खतरा कम कर देती है। अगर एस्पिरिन से एलर्जी है तो न लें।

5: शांत बैठ जाएं, लेटें नहीं :

किसी कुर्सी पर सीधे बैठ जाएं और पीठ को सहारा दें। बिल्कुल न लेटें और न ही घूमें-फिरें। इससे हार्ट पर अतिरिक्त लोड नहीं पड़ेगा।

6: दरवाजा अनलॉक कर दें

आपात स्थिति में सुरक्षित तरीके से मुख्य दरवाजा खोल दें ताकि मदद पहुंचने पर किसी को दरवाजा तोड़ना न पड़े।

7: पड़ोसी को वॉयस मैसेज भेजें :

अपने पड़ोसी को तुरंत एक छोटा वॉयस मैसेज भेजें: "मुझे हार्ट अटैक आया है, तुरंत आइए।" पड़ोसी सबसे तेज मदद पहुंचा सकता है।

8: धीरे-धीरे सांस लें :

आपको बता दें कि ऐसे आपात स्थिति में गहरी और लंबी सांसें लेने की कोशिश करें। तेज सांस लेने से हार्ट रेट बढ़ जाती है जो इस समय खतरनाक है।

9: खुद ड्राइव न करें :

अपनी कार से हॉस्पिटल जाने की कोशिश न करें। रास्ते में बेहोश होने पर दुर्घटना हो सकती है। एम्बुलेंस का इंतजार करें क्योंकि उसमें बुनियादी इलाज की सुविधा होती है।

10: एनर्जी बचाएं, कम बोलें :

जब तक मदद नहीं आ जाती, बातचीत कम से कम करें और अपनी एनर्जी बचाए रखें।

हार्ट अटैक के 70% मामलों में मरीज की मौत सिर्फ इसलिए हो जाती है क्योंकि उसे सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता। अगर आप अकेले रहते हैं या आपके परिवार में किसी को हार्ट की बीमारी है, तो आज से ही तैयारी शुरू कर दें। पैनिक बटन का इंतजाम करें, इमरजेंसी कोड तय करें और हमेशा एस्पिरिन अपने पास रखें। याद रखें, घबराहट में गलत फैसला लेने से बेहतर है कि आप पहले से ही सही कदम जानते हों। आपकी एक छोटी सी तैयारी आपकी जिंदगी बचा सकती है।

डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट चिकित्सा शोध, जनरल जानकारी और विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित है। किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के लिए योग्य चिकित्सक से परामर्श ज़रूर करें। NCR पत्रिका इसकी सटीकता या व्यक्तिगत असर की जिम्मेदारी नहीं लेता।

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