रुक-रुककर आता है पेशाब तो हो जाएँ सावधान!: हो सकती हैं किडनी खराब, डॉक्टर ने...ये लक्षण दे दिखाई तो तुरंत कराए जाँच?
रुक-रुककर आता है पेशाब तो हो जाएँ सावधान!

स्वास्थ्य: अगर आपको पेशाब करते समय रुकावट महसूस होती है या पेशाब रुक-रुककर आता है, तो इसे साधारण समस्या समझकर नजरअंदाज न करें। यह आपकी किडनी के लिए एक खतरनाक संकेत हो सकता है। मणिपाल अस्पताल द्वारका के वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. विकास जैन चेतावनी देते हैं कि यह लक्षण किडनी की गंभीर क्षति की ओर इशारा कर सकता है, जो अक्सर तब तक पता नहीं चल पाता जब तक कि बहुत देर नहीं हो जाती।

कैसे पेशाब की रुकावट बन जाती है किडनी का 'साइलेंट किलर'?

आपको बता दें कि किडनी का मुख्य काम शरीर से विषैले पदार्थों को पेशाब के जरिए बाहर निकालना है। यह काम दो पतली नलियों (यूरेटर) के जरिए होता है, जो किडनी से पेशाब को ब्लैडर तक ले जाती हैं। डॉ. जैन के अनुसार, "जब यह मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, तो पेशाब किडनी में ही रुक जाता है। यह धीरे-धीरे किडनी पर दबाव बनाता है और उसे स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। सबसे डरावनी बात यह है कि यह प्रक्रिया बिना किसी स्पष्ट लक्षण के वर्षों तक चल सकती है।"

ये 4 बड़े कारण बन सकते हैं पेशाब की नली में रुकावट :

गौरतलब है कि निम्नलिखित 4 कारण पेशाब की नली में रुकावट के कारण बनते हैं।

1. किडनी स्टोन - सबसे आम दुश्मन

किडनी में बनी पथरी जब नीचे सरककर पेशाब की नली में फंस जाती है, तो वह पूरी तरह से ब्लॉकेज पैदा कर सकती है। इस स्थिति में अक्सर पेट और कमर में असहनीय दर्द होता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

2. प्रोस्टेट और ट्यूमर - बाहरी दबाव का खतरा

पुरुषों में बढ़ा हुआ प्रोस्टेट या फिर ब्लैडर, गर्भाशय या कोलन के आसपास का ट्यूमर पेशाब की नलियों पर बाहर से दबाव डालकर उन्हें संकरा कर सकता है।

3. जन्मजात विकार - बच्चों में भी खतरा

कुछ बच्चे संकरी पेशाब नली के साथ पैदा होते हैं। अगर बच्चे को पेशाब करने में तकलीफ हो या पेशाब का प्रवाह कमजोर हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

4. पुराने संक्रमण और सर्जरी के निशान

पेशाब की नली में बार-बार होने वाले संक्रमण या पेल्विक एरिया की सर्जरी के बाद ऊतकों में गांठ बन सकती है, जो नली के मार्ग को संकरा कर देती है।

ये लक्षण दिखें तो तुरंत कराएं जांच :

डॉ. जैन बताते हैं कि किडनी की बीमारी के लक्षण बहुत देर से दिखाई देते हैं। निम्नलिखित लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं:

● पीठ के निचले हिस्से या किनारों में लगातार दर्द
● बार-बार यूरिन इन्फेक्शन होना
● पेशाब में खून आना
● पेशाब की मात्रा अचानक कम हो जाना
● पैरों और आंखों के आसपास सूजन
● लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना

पेशाब में होने वाली छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज करना किडनी फेल्योर तक की स्थिति पैदा कर सकता है। समय रहते सही diagnosis और treatment से किडनी को होने वाले स्थायी नुकसान को रोका जा सकता है। याद रखें, किडनी की बीमारी एक 'साइलेंट किलर' की तरह काम करती है — इसके लक्षण दिखने तक इंतजार न करें। अगर आपको पेशाब करने में कोई भी असामान्यता महसूस हो, तो तुरंत किसी यूरोलॉजिस्ट से सलाह लें। आपकी एक छोटी सी सावधानी आपकी किडनी को गंभीर नुकसान से बचा सकती है।

अन्य खबरे