ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश की औद्योगिक रफ्तार अब आसमान छूने को तैयार है! यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने देश को आत्मनिर्भर टेक्नोलॉजी हब बनाने के लिए पांच नए औद्योगिक पार्कों का बिगुल फूंक दिया है। इसमें सेमीकंडक्टर पार्क से लेकर लेदर, इलेक्ट्रिक वाहन, प्लास्टिक प्रोसेसिंग और हथकरघा जैसे विविध क्षेत्र शामिल हैं और इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये के निवेश का सैलाब आने वाला है।
सेक्टर-10 बनेगा सेमीकंडक्टर का गढ़, आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा नया पंख!
आपको बता दे कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बगल में, सेक्टर-10 अब सिर्फ एक सेक्टर नहीं, बल्कि 'इंडियन सिलिकॉन वैली' का बीज बनने जा रहा है। यहां भारत का पहला सेमीकंडक्टर पार्क तैयार किया जा रहा है। फॉक्सकॉन, वामा सुंदरी, टॉर्क, एडिटेक और भारत सेमी सिस्टम्स जैसी हाईटेक कंपनियों ने जमीन के लिए आवेदन किया है।सेमीकंडक्टर उद्योग विशेषज्ञ ने कहा है कि सेमीकंडक्टर आज के हर डिजिटल उपकरण की धड़कन है,मोबाइल हो या मिसाइल। यह पार्क भारत को तकनीकी गुलामी से आज़ादी दिला सकता है।
निवेश हेतु जमीन आवंटन शुरू: आपको बता दे कि इन कंपनियों को कम से कम 40 से 80 हजार करोड़ रुपये तक का निवेश करना होगा। भारत सेमी सिस्टम्स और कीन्स सेमी कॉन प्राइवेट लिमिटेड को 50-50 एकड़, एडिटेक को 100 एकड़ जमीन दी जा रही है। शासन से अंतिम मंजूरी बाकी है लेकिन तैयारी युद्ध स्तर पर शुरू हो चुकी है।
5 नए औद्योगिक पार्क — हर सेक्टर को मिलेगा अपना ठिकाना
गौरतलब है कि यीडा सिर्फ चिप फैक्ट्रियों पर नहीं रुकी। वह एक साथ पांच इंडस्ट्रियल हब बना रही है:
1. लेदर फुटवियर पार्क: चमड़े के परिधान और जूता उद्योग को मिलेगा समर्पित हब।
2. सहायक उपकरण पार्क: मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को मिलेगा समर्थन।
3. प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क: छोटे-बड़े उद्यमियों को मिलेंगे मौके।
4. हथकरघा पार्क: पारंपरिक उद्योग को नया जीवन।
5. इलेक्ट्रिक वाहन पार्क: ग्रीन मोबिलिटी के लिए तैयार आधारभूत संरचना।
यीडा के CEO डॉ. अरुण वीर सिंह ने कहा कि "यह सिर्फ उद्योग नहीं, यूपी के विकास का मॉडल है जो रोजगार, तकनीक और ग्रामीण सशक्तिकरण को जोड़ता है।"
जाने क्या है यीडा?
यमुनाएक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Expressway Industrial Development Authority - YEIDA) का गठन 11 अप्रैल 2001 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों ओर के क्षेत्रों में सुनियोजित औद्योगिक, आवासीय, वाणिज्यिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है। यह प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा तक फैले क्षेत्र में विकास की बड़ी योजनाओं को लागू करता है, जिनमें जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर और सेमीकंडक्टर हब जैसे मेगा प्रोजेक्ट शामिल हैं।
किसानों को भी मिली सौगात: 1000 करोड़ का मुआवजा, गांवों में दौड़ी खुशी की लहर!
गौरतलब है कि इस विकास योजना में अकालपुर, म्याना और मकसूदपुर गांवों की 243.9 हेक्टेयर भूमि ली जा रही है, जिसमें से 218.52 हेक्टेयर का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। इसके बदले 2500 किसानों को करीब 1000 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है। अब तक 50 करोड़ से ज्यादा की राशि बांटी जा चुकी है। प्रशासन की टीम गांवों में कैंप लगाकर मुआवजा बांट रही है। किसानों में उत्साह है, क्योंकि अब उनका खेत सिर्फ फसल नहीं, भविष्य का निर्माण करेगा।
भारत का नया टेक्नोलॉजी ट्रायंगल: एयरपोर्ट, सेमीकंडक्टर और सुपर इन्फ्रास्ट्रक्चर
आपको बता दे कि ये सभी पार्क नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, और यीडा के अन्य प्रोजेक्ट्स के पास हैं, जिससे यह इलाका 'इंडिया का अगला टेक्नो-इकोनॉमिक ट्रायंगल' बनने की दिशा में अग्रसर है। आने वाले समय में यहां हजारों नौकरियां, MSME हब, एक्सपोर्ट ज़ोन और हाईटेक क्लस्टर पनपेंगे।यीडा की यह मेगा योजना केवल ज़मीन पर निर्माण नहीं, आत्मनिर्भर भारत के डिजिटल, हरित और रोजगारयुक्त भविष्य की नींव है। उत्तर प्रदेश अब सिर्फ धार्मिक पर्यटन, राजनीति या कानून-व्यवस्था के लिए चर्चा में नहीं रहेगा अब यह भारत की चिप क्रांति और औद्योगिक नवाचार का नया केंद्र बनकर उभरेगा।