लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सब्सिडी प्रक्रिया को और भी आसान बना दिया है। अब राज्य के लोग बिना किसी डीलर के चक्कर लगाए सीधे ऑनलाइन आवेदन करके अपने बैंक खाते में सब्सिडी का पैसा पा सकते हैं। पहले यह पूरी प्रक्रिया सिर्फ डीलरों के माध्यम से होती थी और मंजूरी के लिए आवेदन लखनऊ स्थित परिवहन विभाग मुख्यालय भेजना पड़ता था। लेकिन अब नए नियमों के तहत जिले के एआरटीओ को ही सब्सिडी मंजूरी का अधिकार दे दिया गया है।
खरीदार खुद कर पाएगा आवेदन
अब तक की व्यवस्था में सिर्फ डीलर ही सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते थे। जिससे ईवी खरीदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। खासकर दोपहिया ईवी लेने वाले लोग अक्सर आवेदन नहीं कर पाते थे क्योंकि डीलरशिप कुछ बड़े शहरों तक ही सीमित थी। अब सरकार ने यह अधिकार वाहन मालिकों को दे दिया है कि वे खुद ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर सब्सिडी के लिए आवेदन करें। इसके लिए उन्हें https://upevsubsidy.in/ वेबसाइट पर जाना होगा जहां से सभी जरूरी निर्देश और दस्तावेजों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
सब्सिडी की सीमा को बढ़ाकर किया गया 3 गुना
पहले एआरटीओ को प्रतिदिन केवल 5 लाख रुपये तक की सब्सिडी मंजूरी की सीमा थी जिससे कई बार आवेदन लंबित रह जाते थे। अब यह सीमा बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है जिससे अब अधिक संख्या में आवेदकों को तुरंत लाभ मिल पा रहा है।लखनऊ के एआरटीओ प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि अब सब्सिडी प्राथमिकता के आधार पर मंजूर की जा रही है जिसमें लोगों को कोई असुविधा नहीं हो रही है। इसके अलावा हेल्प डेस्क और अधिकारी भी आमजन को आवेदन प्रक्रिया में सहायता कर रहे हैं।
पहली गाड़ी पर ही मिलेगी सब्सिडी
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि सब्सिडी केवल पहली बार खरीदे गए ईवी वाहन पर ही मिलेगी। अगर कोई व्यक्ति दूसरी बार ईवी खरीदता है तो उसे सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही आवेदन में गलत जानकारी देने पर न केवल सब्सिडी रद्द कर दी जाएगी बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। लखनऊ में अब तक आए 3029 आवेदनों में से 2540 लोगों को सफलतापूर्वक सब्सिडी का भुगतान किया जा चुका है।
*कितनी दी जा रही है सब्सिडी?
राज्य सरकार द्वारा ईवी को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न श्रेणियों में सब्सिडी निर्धारित की गई है। इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने पर 5000 रुपये, कार पर 1 लाख रुपये, ई-लोडिंग वाहन पर 1 लाख रुपये और बसों पर 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा वाहन रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में भी छूट का लाभ दिया जा रहा है।