नई दिल्ली: देश में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार एक नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। दरअसल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अब ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा एक सख्त और प्रभावशाली बदलाव करने की तैयारी में है। इस बदलाव के तहत अगर कोई व्यक्ति ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके लाइसेंस पर नेगेटिव पॉइंट्स दर्ज किए जाएंगे। अगर ये पॉइंट्स तय सीमा से अधिक हो जाते हैं, तो आगे चलकर उस व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
ड्राइविंग लाइसेंस सिस्टम में बड़ा बदलाव!
सरकार मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करने जा रही है। जिसके तहत 'डेमेरिट और मेरिट' पॉइंट सिस्टम को ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में जोड़ा जाएगा। यह सिस्टम पहले से ही अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा और फ्रांस जैसे कई देशों में लागू है और वहां इसे दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के एक प्रभावी उपाय के रूप में देखा गया है। अब भारत में भी इस मॉडल को अपनाकर ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने की योजना है।
जानकारी के अनुसार अगर कोई व्यक्ति बार-बार रेड लाइट कूदता है, स्पीड लिमिट का उल्लंघन करता है या अन्य ट्रैफिक कानून तोड़ता है तो उसके ड्राइविंग रिकॉर्ड में निगेटिव पॉइंट्स जोड़े जाएंगे। वहीं अच्छा ड्राइविंग व्यवहार दिखाने वाले और सड़क पर जरूरतमंदों की मदद करने वाले व्यक्तियों को मेरिट पॉइंट्स दिए जाएंगे।
लाइसेंस रद्द होने के डर से लोग करेंगे नियमों का पालन
सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार केवल जुर्माने की राशि बढ़ा देने से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में कोई खास कमी नहीं आई है। 2019 में जुर्माने बढ़ाने के बावजूद सड़क हादसों की संख्या में अपेक्षित गिरावट नहीं देखी गई और अभी भी हर साल करीब 1.7 लाख लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में जा रही है। ऐसे में मंत्रालय का मानना है कि अगर लोगों को लाइसेंस रद्द होने का डर सताएगा तो वे ट्रैफिक नियमों का पालन ज्यादा गंभीरता से करेंगे।
अब इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और ऑटोमेटेड सिस्टम्स के जरिए नियमों के उल्लंघन को रिकॉर्ड किया जाएगा। जिससे दोषियों पर त्वरित कार्रवाई संभव हो सकेगी।
एस सुंदर समिति की सिफारिशों को बनाया आधार
गौरतलब है कि 2011 में गठित एस सुंदर समिति ने मोटर व्हीकल एक्ट की गहराई से समीक्षा की थी। समिति ने सुझाव दिया था कि हर ट्रैफिक अपराध के लिए एक निश्चित पॉइंट सिस्टम तय किया जाए और अगर किसी चालक के खाते में तीन साल में 12 से अधिक डेमेरिट पॉइंट्स जुड़ जाते हैं तो उसका लाइसेंस एक वर्ष के लिए निलंबित कर दिया जाए। यदि वह निलंबन के बाद भी वही गलती दोहराता है और दोबारा 12 पॉइंट्स जोड़ लेता है तो उसका लाइसेंस पांच साल तक के लिए रद्द किया जा सकता है।
लाइसेंस रिन्यूअल के लिए भी देना होगा ड्राइविंग टेस्ट
मंत्रालय अब ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण से जुड़े नियमों को भी सख्त बनाने पर काम कर रहा है। जिन चालकों ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है उन्हें लाइसेंस रिन्यू कराने से पहले फिर से ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। अभी तक रिन्यूअल के लिए टेस्ट देना जरूरी नहीं था।
इलेक्ट्रिक वाहनों के नियमों में भी होंगे बदलाव
इसके साथ ही सरकार छोटे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी नियमों में बदलाव करने की दिशा में बढ़ रही है। 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार और 1500 वॉट से कम पावर वाले ई-वाहनों को चलाने के लिए लर्नर लाइसेंस अनिवार्य किया जा सकता है। इसके लिए अलग से नियम बनाए जाएंगे।