नोएडा: नोएडा की सड़कें अब सिर्फ ट्रैफिक का रास्ता नहीं, बल्कि तकनीक और स्मार्ट प्लानिंग का गवाह बनने जा रही हैं। नेशनल हाईवे-9 (दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे) पर बने सेक्टर-62 गोलचक्कर की भीड़ अब इतिहास बनने वाली है। नोएडा प्राधिकरण ने यहां 35 करोड़ रुपये की लागत से गोलाकार 'स्काईवॉक' बनाने का फैसला किया है, जो ना सिर्फ ट्रैफिक को राहत देगा बल्कि दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ और नोएडा से आने वाले करीब 50,000 पैदल यात्रियों को सुरक्षित और मौसम-प्रूफ रास्ता देगा।
कैसा होगा ये स्काईवॉक? :
आपको बता दें कि यह स्काईवॉक कोई आम पुल नहीं, बल्कि गोलाकार और 400 मीटर लंबा फुल-टेक्नोलॉजी स्ट्रक्चर होगा, जो सेक्टर-62 के मॉडल टाउन गोलचक्कर को पूरी तरह घेर लेगा। ऊपर से लोहे की छत इसे धूप और बारिश से भी सुरक्षित रखेगी। राहगीरों की सुविधा के लिए यहां 2 एस्केलेटर (नोएडा की ओर) और 2 लिफ्ट (हाईवे की ओर) होंगें। यह इंतजाम खासतौर पर बुजुर्गों, दिव्यांगों और बच्चों के लिए किया गया है।
क्यों जरूरी था ये स्काईवॉक? :
नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, सेक्टर-62 गोलचक्कर हर दिन 50 हजार से ज्यादा पैदल यात्रियों की आवाजाही का गवाह है। ये लोग दिल्ली, मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा की तरफ से आने वाली बसों और ऑटो से यहां उतरते हैं और फिर सड़क पार करते हैं। नतीजतन हर रोज जाम, ट्रैफिक का ब्लॉक और एक्सीडेंट का खतरा बढ़ा रहता था। अब ये गोलाकार स्काईवॉक पैदल यात्रियों को ऊपर से जाने का विकल्प देगा, जिससे सड़क खाली होगी और वाहन आसानी से गुजर सकेंगे।
फुट ओवरब्रिज से भी होगा कनेक्शन:
रिपोर्ट के अनुसार गाजियाबाद की तरफ NH-9 पर पहले से बना फुट ओवरब्रिज (FOB) भी इस स्काईवॉक से जोड़ा जाएगा, जिससे पूरा पैदल यात्री नेटवर्क एक सर्कुलर रिंग की तरह काम करेगा। इसका मतलब गाजियाबाद से आने सीधे स्काईवाक से नोएडा में प्रवेश कर सकेगा।
DPR तैयार, टेंडर की तैयारी में प्राधिकरण :
आपको बता दें कि इस हाईटेक स्काईवॉक का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बन चुकी है और नोएडा अथॉरिटी के CEO स्तर से इसे सैद्धांतिक मंजूरी भी मिल चुकी है। अब टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
छिजारसी क्षेत्र को भी मिलेगा सुधार का तोहफा :
गौरतलब है कि स्काईवॉक के साथ-साथ छिजारसी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण का कार्य भी प्रस्तावित है। सेक्टर-63 के पास प्लॉट H-10 से H-20 तक सड़क के दोनों ओर 1 मीटर चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। इस कार्य पर 5.62 करोड़ रुपये खर्च होंगे और टेंडर की अंतिम तिथि 5 जून तय की गई है।
क्या बोले अधिकारी? :
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार "यह योजना केवल जाम का समाधान ही नहीं, बल्कि स्मार्ट आधारभूत संरचना की तरफ एक पहल है। पैदल यात्री की सेफ्टी के साथ वाहन चालकों के लिए ट्रैफिक सुचारू करना हमारी प्राथमिकता है।
क्या होगा इसका संभावित असर:
आपको बता दें कि इस परियोजना से सेक्टर-62 से NH-9 पर ट्रैफिक फ्लो में सुधार होगा जिससे एक्सीडेंट और ट्रैफिक जाम में भारी गिरावट होगी। यह पर्यावरण के लिए बेहतर होगा। इससे यात्रियों के लिए सुरक्षित, तेज और आरामदायक आवागमन का रास्ता खुलेगा।
नोएडा अब पैदल चलने वालों के लिए भी स्मार्ट हो रहा है यह स्काईवॉक सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि 'स्मार्ट सिटी' बनने की तरफ एक मजबूत कदम है।