GNIDA Industrial Plots Scheme 2025: ग्रेटर नोएडा हालिया लॉन्च 40 औद्योगिक भूखंडों की योजना में, होगा 800 करोड़ का मेगा-इन्वेस्टमेंट; 40 एकड़ क्षेत्र, 400 करोड़ का राजस्व और 10 हजार नौकरियों का सृजन?
GNIDA Industrial Plots Scheme 2025

ग्रेटर नोएडा : अब ग्रेटर नोएडा सिर्फ रियल एस्टेट का हब नहीं, बल्कि इंडस्ट्रियल पावरहाउस बनने की रफ्तार पर है। उत्तर भारत के सबसे तेजी से उभरते औद्योगिक शहर ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक निवेश की नई हलचल हुई है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) ने 800 करोड़ रुपये के निवेश और 10,000 से अधिक रोजगार के वादे के साथ 40 औद्योगिक भूखंडों की हाई-प्रोफाइल योजना लॉन्च कर दी है। ये योजना सिर्फ जमीन नहीं, सपनों की फैक्ट्रियों और स्टार्टअप्स की नींव बनने जा रही है।

जानें क्या है योजना में शामिल?

गौरतलब है कि इस योजना में 40 औद्योगिक भूखंड शामिल होंगें। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 40 एकड़ में फैला होगा। इसका प्लॉट साइज़ 627 वर्ग मीटर से 8000 वर्ग मीटर तक होगा। इसका लोकेशन ईकोटेक-11, ईकोटेक-3, ईकोटेक-6, ईकोटेक-वन एक्सटेंशन, उद्योग विहार एक्सटेंशन आदि होगा।

रजिस्ट्रेशन चालू, ब्रोशर वेबसाइट पर होगा लाइव :

आपको बता दें कि 26 मई 2025 से ये योजना ऑफिसियल रूप से लॉन्च हो चुकी है। ग्रेटर नोएडा की वेब-साइट www.greaternoidaauthority.in और दूसरी वेबसाइट gnida.etender.sbi पर ब्रोशर उपलब्ध है। 16 जून को रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख होगी और ऑक्शन की तारीख जल्द घोषित होगी।

400 करोड़ का रेवेन्यू और 800 करोड़ का होगा निवेश :

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि “ग्रेटर नोएडा अब केवल NCR का एक्सटेंशन नहीं, बल्कि भारत का नया ‘इंडस्ट्रियल इंजन’ बन रहा है। इस स्कीम से हमें 400 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष राजस्व और 800 करोड़ रुपये का निवेश मिलेगा। और सबसे अहम बात 10,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।”

यह योजना क्यों है गेम चेंजर? :

जानकारी के अनुसार इस योजना से देशभर के उद्यमियों के लिए NCR में सस्ती, सुविधाजनक और लोकेशन-फ्रेंडली जमीन मिलेगी। इसमें योजनाबद्ध तरीके से विकसित सेक्टर बनेगा। साथ ही पॉजेशन तय समय में होगी, इसमें कोई देरी नहीं होगी। इससे ग्रेटर नोएडा को ‘मेक इन इंडिया’ में नया बूस्ट मिलेगा।

जानें क्यों खास हैं ये लोकेशन :

गौरतलब है कि ईकोटेक-11 और ईकोटेक-3; इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, टेक मैन्युफैक्चरिंग के लिए पसंदीदा ज़ोन है। वहीं उद्योग केंद्र एक्सटेंशन और उद्योग विहार; SMEs और MSMEs के लिए आदर्श है। आपको बता दें कि ईकोटेक वन एक्सटेंशन; लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और स्टार्टअप्स की नई पसंद बन गयी है।

बड़े खिलाड़ियों की नजर इन भूखंडों पर :

सूत्रों के मुताबिक पहले ही 50 से अधिक उद्योगपति और स्टार्टअप फाउंडर इस स्कीम में रुचि दिखा चुके हैं। इनमें टेक, ऑटोमोबाइल, फार्मा और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज के दिग्गज शामिल हैं। ACEO सौम्य श्रीवास्तव ने इस पर बयान दिया है कि योजना को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि हर स्केल के उद्यमी को मौका मिले। प्लॉट साइज़ में विविधता रखी गई है ताकि छोटे और बड़े निवेशक दोनों आगे आएं।

क्या है जनता के लिए मतलब? :

गौरतलब है कि नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए 10,000+ रोजगार के अवसर मिलेंगें। प्रॉपर्टी निवेशकों के लिए ग्रेटर नोएडा "गोल्डन ज़ोन" बन गया है। इस परियोजना से स्थानीय MSMEs और स्टार्टअप्स को बूस्ट मिलेगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की यह योजना केवल 40 भूखंड नहीं, बल्कि 40 सुनहरे मौके हैं। ये उन लोगों के लिए है जो ‘मेक इन इंडिया’ को हकीकत में बदलना चाहते हैं, और उनके लिए जो अपने शहर में नौकरी, कारोबार और तरक्की का सपना देखते हैं।

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