भारत बना जापान को पछाड़कर, दुनिया की 4th सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था!: नीति आयोग ने...जानें कब तक बन सकता हैं भारत तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति?
भारत बना जापान को पछाड़कर, दुनिया की 4th सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था!

 नई दिल्ली: भारत ने वैश्विक आर्थिक पटल पर इतिहास रच दिया है। भारत विकासशील अर्थव्यवस्था से विकसित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते हुए एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। अब भारत न सिर्फ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, बल्कि जापान को पीछे छोड़ते हुए सीधा अमेरिका, चीन और जर्मनी की कतार में खड़ा हो गया है।

नीति आयोग की घोषणा :

आपको बता दें कि नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने नीति आयोग की 10 वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में इस उपलब्धि का ऐलान करते हुए कहा कि "भारत अब 4 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी है। हम जापान से बड़े हो चुके हैं और चौथे नंबर पर काबिज हैं। अब सिर्फ तीन देश अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से आगे हैं।" यह डेटा सिर्फ देश की वाहवाही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा प्रमाणित है। यानि अब भारत की दावेदारी सिर्फ आत्मविश्वास पर नहीं, आंकड़ों पर टिकी है।

केंद्रीय मंत्री का बयान: "यह है सरकार की बड़ी उपलब्धि" :

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "यह सिर्फ एक आर्थिक छलांग नहीं है, यह विकसित भारत की हुंकार है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना होगा, जिनकी दूरदर्शिता और आर्थिक नीति ने यह संभव बनाया।"

कैसे जापान से आगे निकला भारत :

आईएमएफ की अप्रैल-2025 World Economic Report के अनुसार, भारत की नॉमिनल GDP 4.185 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गई है, जबकि जापान की GDP 4.186 ट्रिलियन डॉलर अनुमानित है। भारत नें यह उपलब्धि घरेलू मांग में मजबूत होना, जनांकिकीय लाभ, नीतियों के सुधार व स्थिरता के दम पर हासिल की। जबकि जापान की अर्थव्यवस्था को ग्लोबल-ट्रेड टेंशन, जनसंख्या की घटती प्रवृत्तिऔर नीति परिवर्तनों की वजह से सुस्ती का सामना करना पड़ा।

अब तीसरी इकोनॉमी बनने की उलटी गिनती शुरू :

जानकारी के लिये बता दें कि बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने यह भी दावा किया कि अगर भारत ने अपनी वर्तमान विकास की चाल बनाये रखी, तो अगले लगभग 3 वर्षों के भीतर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन जाएगा। वर्तमान में जर्मनी की GDP लगभग 5 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि भारत की गति को देखकर अनुमान है कि 2028 तक भारत 5.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।

कैसे बदल रहा है आम आदमी का जीवन? :

गौरतलब है कि यह आर्थिक क्रांति केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है। इसके असर आम आदमी की जिंदगी में भी दिखने लगे हैं। इससे बढ़ते निवेश और इंडस्ट्री विस्तार से लाखों नए नौकरियों के अवसर बढ़े हैं। लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है । इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा में भी सरकार का निवेश तेजी से बढ़ा है। वहीं मध्य वर्ग की आमदनी बढ़ने से देश की खपत शक्ति में भी भारी इजाफा हुआ है। आय असमानता, महंगाई और शहरी-ग्रामीण अंतर जैसी चुनौतियां भी बनी हुई हैं इन मुद्दों को सरकार को सतर्कता से सुलझाना होगा।

भारत अब महाशक्ति बनने की दहलीज पर है। आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ शुरुआत है। भारत की जनसांख्यिकीय शक्ति, डिजिटल बुनियाद, नीति सुधार और वैश्विक भरोसे ने देश को उस मंच पर खड़ा कर दिया है, जहां से वह जीडीपी में बड़े देशों को टक्कर दे सकता है। भारत का लक्ष्य अब तीसरे नंबर पर आना है जिससे विकसित भारत की तस्वीर को हकीकत में बदला जा सके।

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