अमेरिकी राजनीति में नई राजनीतिक पार्टी की एंट्री!:: ट्रंप से भिड़े एलन मस्क, बोले बिल पास हुआ तो बनाऊंगा अपनी पार्टी और...ये हैं ट्रंप और मस्क के बीच नाराजगी की वजह?
अमेरिकी राजनीति में नई राजनीतिक पार्टी की एंट्री!:

 वाशिंगटन : अमेरिका में एक नई राजनीतिक भूचाल की आहट सुनाई दे रही है। दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से खुली जंग छेड़ दी है। वजह है ट्रंप का नया कानून ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’, जो सरकारी खर्च और कर्ज को जबरदस्त तरीके से बढ़ा सकता है। मस्क ने इस बिल का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि अगर यह बिल कानून बना, तो वे अमेरिका में एक नई राजनीतिक पार्टी ‘अमेरिकन पार्टी’ का गठन करेंगे। ये वही मस्क हैं जिन्होंने ट्रंप के पिछले चुनाव अभियान में 30 करोड़ डॉलर (करीब ढाई हजार करोड़ रुपये) तक खर्च किए थे। दोस्ती इतनी गहरी थी कि ट्रंप ने उन्हें सरकारी व्यय में सुधार के लिए एक खास जिम्मेदारी भी दी थी।

तो आखिर क्यों नाराज हैं मस्क?

आपको बता दें कि एलन मस्क को सबसे बड़ा एतराज़ है उस बिल से जिसमें हेल्थकेयर सुविधाओं में कटौती हो रही है साथ ही स्वच्छ ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म किया जा रहा है। और सबसे गंभीर बात यह कि अमेरिका का कर्ज अगले 10 साल में $37 ट्रिलियन से बढ़कर $40 ट्रिलियन हो सकता है। इसका सीधा असर मस्क की ग्रीन टेक्नोलॉजी कंपनियों टेस्ला और स्पेस-X पर पड़ सकता है। इसलिए मस्क ने कहा कि अगर बिल पास हुआ, तो अगला दिन मेरी पार्टी का एलान होगा।

मस्क का नया दावा: 'America Party' :

गौरतलब है कि ट्रंप से नाराज होकर मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोल कराया था, जिसमें 80% लोगों ने उनके नई पार्टी के प्रस्ताव का समर्थन किया। मस्क ने कहा, “लोग अब रिपब्लिकन और डेमोक्रेट से थक चुके हैं, बदलाव जरूरी है।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो भी रिपब्लिकन नेता ट्रंप के इस बिल का समर्थन करेंगे, वे उनके खिलाफ दूसरे उम्मीदवार को समर्थन देंगे। मस्क पहले ही कुछ नेताओं, जैसे कि थॉमस मैसी, का समर्थन कर चुके हैं।

क्या अमेरिका में तीसरी पार्टी संभव है?
आपको बता दें कि इतिहास बताता है कि अमेरिका की राजनीति दो ही पार्टियों के इर्द-गिर्द घूमती है, डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी। हालांकि अमेरिका में 55 से ज्यादा पंजीकृत पार्टियां हैं, लेकिन केवल तीन-चार ही राष्ट्रीय स्तर पर नजर आती हैं:

1. ग्रीन पार्टी – पर्यावरण पर केंद्रित
2. लिबरटेरियन पार्टी – सरकार की सीमित भूमिका की समर्थक
3. कॉन्स्टीट्यूशन पार्टी – संविधान की शुद्ध व्याख्या की मांग

इन पार्टियों को कुछ वोट जरूर मिलते हैं लेकिन राष्ट्रपति पद तक पहुंच नहीं बन पाई है।

तीसरी पार्टी के प्रयास – सफलता या धोखा?

विदित है कि 1992 में अरबपति रॉस पेरोट ने रिफॉर्म पार्टी बनाई थी, उन्हें 19% वोट मिले यह आज तक किसी तीसरी पार्टी के लिए सबसे ज़्यादा पॉपुलर वोट हैं। 2000 में राल्फ नेडर ने ग्रीन पार्टी से राष्ट्रपति चुनाव लड़ा, जिससे वोट बंट गए और अल-गोर चुनाव हार गए। यहां तक कि 19वीं सदी में अब्राहम लिंकन की रिपब्लिकन पार्टी भी एक समय तीसरी पार्टी थी जिसने व्हिग पार्टी को खत्म कर दिया।

तो फिर तीसरी पार्टी क्यों नहीं जमती?

गौरतलब है कि अमेरिका में हर राज्य में बैलट पर नाम लाने के लिए 15 लाख सिग्नेचर चाहिए। चुनाव फंडिंग के लिए सरकार से मदद तभी मिलती है जब पिछली बार अच्छे वोट मिले हों। अमीर डोनर्स पहले से ही दो बड़ी पार्टियों के साथ होते हैं। नया दल सिर्फ विरोध से नहीं, स्थायी संगठन, स्थानीय जमीनी पकड़, और विश्वसनीय एजेंडे से बनता है

क्या है मस्क की ताकत और कमजोरी :

आपको बता दें कि मस्क का ऐलान धमाकेदार है, लेकिन रास्ता बेहद मुश्किल है। एलन मस्क की ताकत पैसा, पॉपुलर सोशल मीडिया, टेक्नोलॉजी का ग्लोबल दबदबा है पर पर उनके खिलाफ राजनीतिक अनुभव की कमी, मजबूत पार्टी नेटवर्क का अभाव, कानूनी और चुनावी प्रक्रियाओं की जटिलता है।

फिर भी अगर मस्क अपने वादे पर टिके रहे और जनता ने समर्थन जारी रखा, तो ‘अमेरिकन पार्टी’ अमेरिकी राजनीति में सबसे बड़ा झटका बन सकती है। तीसरी पार्टी बनाने की राह न केवल कानूनी और संगठनात्मक रूप से मुश्किल है, बल्कि ऐतिहासिक तौर पर इसके विरुद्ध भी बाधाएं हैं। लेकिन यह प्रयास डेमोक्रैट - रिपब्लिकन सिस्टम पर सवाल जरूर खड़े करता है और अमेरिकी राजनीति में, एक बड़ी हलचल ला सकता है।

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