सुप्रीम कोर्ट का दिवाली पर बड़ा आदेश!: दिल्ली-NCR में ग्रीन पटाखों को मंजूरी, नियम तोड़े तो जाएगी दुकान और लाइसेंस दोनों, पटाखों के लिए तय हुई ये तारीख और वक्त?
सुप्रीम कोर्ट का दिवाली पर बड़ा आदेश!

नई दिल्ली : दिवाली से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोगों को राहत की खबर दी है। अदालत ने पर्यावरण और उत्सव के बीच “संतुलित समाधान” निकालते हुए ग्रीन पटाखों को सशर्त मंजूरी दे दी है। अब दिल्ली-एनसीआर में लोग 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़ सकेंगे।
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि - “हमें उत्सव की भावना को सम्मान देना है, लेकिन पर्यावरण के साथ समझौता नहीं किया जा सकता।”

दिवाली की रोशनी के बीच ‘कानूनी धमाका’ :

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के संयुक्त अनुरोध को स्वीकार करते हुए 21 अक्तूबर तक ग्रीन पटाखों पर लगी रोक में ढील दी है। लेकिन यह छूट सबको नहीं — केवल NEERI (National Environmental Engineering Research Institute) द्वारा प्रमाणित ग्रीन पटाखों को ही बिक्री और उपयोग की इजाजत होगी।
कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि - “दिल्ली-एनसीआर में नकली पटाखों की तस्करी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर कोई उल्लंघन हुआ तो लाइसेंस तुरंत रद्द किया जाएगा।”

नियम तोड़े तो सीधी सख्त कार्रवाई :

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट कर दिया कि 21 अक्टूबर के बाद ग्रीन पटाखों की बिक्री या उपयोग पर फिर से प्रतिबंध लागू रहेगा। यदि किसी ने इस अवधि में भी नियमों का उल्लंघन किया, तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
निर्माताओं और विक्रेताओं दोनों को चेतावनी दी गई है कि बिना QR कोड वाले पटाखों की बिक्री या उपयोग पाए जाने पर लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा।

गश्ती दल की तैनाती, वेबसाइट पर QR कोड जांच :

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन को “ग्रीन पेट्रोलिंग स्क्वाड” गठित करने का आदेश दिया है। ये टीमें बाजारों और इलाकों में गश्त करेंगी ताकि कोई अवैध पटाखा न बिके। ग्रीन पटाखों के QR कोड सरकारी वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे, ताकि लोग खुद उनकी प्रमाणिकता जांच सकें।

निगरानी के आदेश; CPCB और राज्य बोर्ड सतर्क :

अदालत ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और राज्य प्रदूषण बोर्डों को निर्देश दिया है कि वे दिवाली के दौरान रियल-टाइम प्रदूषण स्तर की निगरानी करें और अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपें। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हर साल दिवाली पर प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। अब वक्त है कि परंपरा और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाया जाए।

“हरित दिवाली” का संदेश - सीएम रेखा गुप्ता की प्रतिक्रिया :

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि “यह निर्णय जनभावनाओं और पर्यावरण संरक्षण दोनों का सम्मान करता है। दिल्ली सरकार हरित और खुशहाल दिवाली के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
वहीं ऊर्जा मंत्री कपिल मिश्रा ने भी कहा - “अब लोग बिना अपराधबोध के दिवाली मना सकेंगे, लेकिन नियमों का पालन जरूरी है। ग्रीन पटाखे ही हमारी परंपरा और प्रकृति दोनों को रोशन करेंगे।”

सुप्रीम कोर्ट का यह सन्तुलित आदेश कहीं न कहीं भावनाओं और प्रदूषण नियंत्रण के बीच एक नया मॉडल पेश करता है। जहां पहले दिवाली पर सख्त बैन के चलते विरोध होता था, वहीं अब अदालत ने जनता को राहत देते हुए स्पष्ट संदेश दिया है — दीवाली जरूर मनाइए, लेकिन जिम्मेदारी से।

अन्य खबरे