यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के मामले में एक और खुलासा!: 4 घंटे ठहरी थी दानिश के दोस्त के कमरे में...लग सकता है UAPA; जानें अब तक का पूरा घटनाक्रम
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के मामले में एक और खुलासा!

नई दिल्ली/हिसार : जासूसी के शक में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की कहानी में अब जो खुलासा हुआ है, उसने न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों को चौका दिया है बल्कि देश के लोगों को भी हिलाकर रख दिया है। सूत्रों के मुताबिक ज्योति पाकिस्तान में पाकिस्तानी दूतावास से जुड़े दानिश के एक करीबी दोस्त के कमरे में चार घंटे तक ठहरी थी जिसका पाकिस्तानी ISI से जुड़े होने का शक है।  यह वही मुलाकात है जिसने उसे इंटेलिजेंस ब्यूरो की रडार पर ला दिया।

अब तक का क्या रहा घटनाक्रम :

आपको बता दें कि ज्योति मल्होत्रा को 16 मई 2025 को हिसार पुलिस ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया। वह पहले से IB की निगरानी में थी और पाकिस्तान में दानिश नामक अधिकारी से संपर्क में पाई गई। पूछताछ और कॉल डिटेल में कई संदिग्ध बातें सामने आईं, फिलहाल ज्योति न्यायिक हिरासत में है। आपको बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एजेंसियों की जांच की सुई सीधी ज्योति पर जाकर ठहर गई। क्योंकि हमले से ठीक पहले ज्योति ने एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें उसने पाकिस्तान को क्लीन चिट देते हुए उल्टा भारतीय सुरक्षा बलों और पर्यटकों पर सवाल खड़े किए।

वीआईपी इंटरव्यू या खुफिया मीटिंग? :

गौरतलब है कि 2024 में दूसरी बार पाकिस्तान गई ज्योति को वहां पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम शरीफ का इंटरव्यू लेने का मौका मिला था वो भी वीआईपी ट्रीटमेंट के साथ। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि ये इंटरव्यू एक आड़ था, जिसके ज़रिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने उसका इस्तेमाल किया।

‘वीडियो वॉरफेयर’ में इस्तेमाल हो रही थी ज्योति? -

जांच में जो सबसे बड़ा खुलासा हुआ है, वो ये है कि ज्योति पाकिस्तान के कई वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने से पहले दानिश को भेजती थी। दानिश ही वीडियो को एडिट करता था। उसके बाद उसकी इजाजत के बाद ही वीडियो अपलोड होता था। ये वही दानिश है जिसे अब भारत ने अवांछित व्यक्ति (persona non grata) घोषित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, दानिश यह सुनिश्चित करता था कि वीडियो में कोई भी पाकिस्तान विरोधी या सुरक्षा से जुड़ा सीन ना रहे, और फिर निर्देश देकर वीडियो को प्रोपेगेंडा के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।

मोबाइल का डेटा अभी तक नहीं हो सका रिकवर :

जानकारी के अनुसार पुलिस के हाथ ज्योति का मोबाइल और लैपटॉप लगा है, जिसे मधुबन फोरेंसिक लैब भेजा गया है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि मोबाइल का डेटा अब तक रिकवर नहीं हो सका है, और पुलिस को शक है कि डेटा को या तो मिटा दिया गया है या फिर कोडेड फॉर्म में छुपाया गया है। लैपटॉप से उम्मीदें ज़रूर हैं, लेकिन जांच अभी जारी है।

पांच राज्यों की पुलिस के घेरे में ज्योति :

गौरतलब है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर की एसआईटी टीमें हिसार पहुंच चुकी हैं। हर राज्य यह जानना चाहता है कि ज्योति उनके यहां किस उद्देश्य से गई थी, किनसे मिली, और वीडियो बनाने का असली मकसद क्या था। खास बात ये कि ज्योति धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर ही वीडियो बनाती थी, जिससे एजेंसियों को शक है कि वह इन जगहों की भूगोलिक और सामरिक जानकारी इकट्ठा कर रही थी।

बैंक खाते और पैसे का 'पैटर्न' भी संदिग्ध :

जानकारी के अनुसार ज्योति के चार बैंकों में खाते मिले हैं, लेकिन उनमें ज्यादा पैसा नहीं है। सवाल उठ रहा है कि अगर वह लगातार विदेश यात्राएं कर रही थी तो उसका फंडिंग सोर्स क्या था? पुलिस को शक है कि उसे पाकिस्तान या किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से फंडिंग मिल रही थी और ये फंडिंग किसी फर्जी स्पॉन्सरशिप के जरिए की गई।

UAPA का भी कसा जा सकता शिकंजा :

रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अब ज्योति पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) लगाने पर विचार कर रही है। अगर ज्योति पर यूएपीए लगता है तो ये साबित हो जाएगा कि वह देश की सुरक्षा से जुड़े मसलों पर विदेशी एजेंसी को सूचना दे रही थी, और इस अपराध में कड़ी सजा का प्रावधान है।

ये मामला किसी सामान्य यूट्यूबर की गिरफ्तारी का नहीं है। यह भारत की डिजिटल सीमाओं, सोशल मीडिया के इस्तेमाल, और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए 'कंटेंट क्रिएशन' को हथियार बनाने का सबसे खतरनाक रूप है। फिलहाल ये देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय सुरक्षा एजंसियां कितनी जल्दी सब गुनहगारों को पकड़ कर सजा दिलवाने में सफल होती हैं।

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