मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक रौंगटे खड़े कर देने वाली वारदात सामने आई है। दोस्ती, विश्वास और व्यापार इन तीनों का ऐसा खौफनाक अंत शायद ही कभी देखा गया हो। एक 55 वर्षीय व्यापारी नवीन मित्तल की उसके ही दो "दोस्तों" ने कार की सीट बेल्ट से गला घोंटकर हत्या कर दी, सिर्फ पैसों के लेनदेन को लेकर। हद तो तब हुई, जब मृतक के बेटे ने अपने पिता के बारे में पूछताछ की, तो हत्यारों ने साफ-साफ कहा "हमने तेरे बाप को खत्म कर दिया है!"
मौत की साजिश, दोस्ती की आड़ में :
आपको बता दें कि घटना नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के भारती कॉलोनी की है, जहां के निवासी व्यापारी नवीन मित्तल सोमवार शाम उधारी वसूली के लिए घर से निकले थे। आखिरी बार उन्हें गांधीनगर में अपने पुराने-दोस्त नमन-जिंदल की दुकान पर देखा गया। लेकिन उसके बाद नवीन कभी घर नहीं लौटे। शक के आधार पर जब बेटे अभिषेक-मित्तल ने मोबाइल लोकेशन और CCTV खंगाले तो सारा शक नमन और उसके साथी आतिश पर गया। जब बेटे ने उनसे सच्चाई जाननी चाही, तो दोनो हत्यारों ने निर्दयता की सारी हदें पार करते हुए कबूल कर लिया कि "हमने उसे खत्म कर दिया।"
पहले विवाद, फिर गला घोंटकर मर्डर, और फिर...
सूत्रों के मुताबिक, जब पैसे को लेकर कहासुनी बढ़ी तो नमन और आतिश ने नवीन को उनकी ही कार में जबरन बैठाकर सीट बेल्ट से गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद दोनों हत्यारों ने शव को कार में डालकर भोपा गंग नहर में फेंक दिया, ताकि सबूत मिटाया जा सके।
एक कॉल, एक लोकेशन और खुल गई वारदात :
गौरतलब है कि मंगलवार को जब परिवार की शिकायत पर थाना नई मंडी में अपहरण की FIR दर्ज हुई तो पुलिस ने तत्काल हरकत में आकर दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया। पूछताछ में हत्यारों ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया और उनकी निशानदेही पर पुलिस ने भोपा नहर से व्यापारी का शव बरामद कर लिया।सीओ मंडी रूपाली रॉय चौधरी ने पुष्टि करते हुए बताया कि : "मामला अब अपहरण की जगह हत्या की धारा आईपीसी-302 में बदल दिया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।"
समाज को झकझोर देने वाला मामला :
जानकारी के अनुसार मृतक नवीन मित्तल स्थानीय मंडी के एक प्रतिष्ठित व्यापारी थे। उनका आरोपियों के साथ पुराने कारोबारी संबंध थे। सिर्फ उधारी की रकम के लिए गला घोंटना दर्शाता है कि अब विश्वास की भी कोई कीमत नहीं रही। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में बढ़ते नैतिक पतन और लालच की भयावहता को भी उजागर करती है।
जिस रिश्ते पर सबसे ज्यादा विश्वास किया जाता है वही रिश्ता मौत की वजह बन जाए, तो समाज किस ओर जा रहा है? एक व्यापारी जो ईमानदारी से अपने पैसे वापस लेने गया था, वह अब दुनिया में नहीं रहा, और उसकी मौत के पीछे हैं वे लोग जिन्हें वह 'दोस्त' कहता था।