गाजियाबाद/मेरठ: रविवार रात गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र स्थित नाहल गांव में जो हुआ, उसने यूपी पुलिस के होश उड़ा दिए। हिस्ट्रीशीटर कादिर और उसके गुर्गों ने नोएडा पुलिस पर घात लगाकर हमला किया और इस कायराना हमले में सिपाही सौरभ कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं अब मामला काफी गम्भीर हो चुका है। इस केस में अब मेरठ STF की भी एंट्री हो चुकी है। मुख्य आरोपी कादिर गिरफ्तार है, लेकिन उसका फरार भाई अब पुलिस की हिट लिस्ट में है।
साजिश की STF को मिले गंभीर सुराग :
गौरतलब है कि STF मेरठ के अनुसार यह हमला ‘एक पूर्व नियोजित घेराबंदी’ थी। यह हमला मुख्यतः कादिर को छुड़ाने और पुलिस टीम की हत्या करने के लिए के लिये की गई थी। सूत्र बताते हैं कि हमलावरों का लक्ष्य 3 दरोगा और 4 सिपाहियों की हत्या करना था। STF और नोएडा पुलिस की रिपोर्ट कहती है कि अगर पुलिस जवाबी कार्रवाई न करती, तो पूरी टीम को खत्म किया जा सकता था।
एनकाउंटर में पकड़े गए दो बदमाश :
आपको बता दें कि घटना के बाद पुलिस ने नाहल गांव के जंगलों में पकड़ने का ऑपरेशन चलाया। इंस्पेक्टर अजय चौधरी के नेतृत्व में एक टीम ने दो संदिग्ध बाइक सवारों को रोका, बदमाशों ने रुकने के बजाय पुलिस पर फायरिंग कर दी और भागने लगे। जवाबी कार्रवाई में दोनों के पैरों में गोली मारकर गिराया गया गिरफ्तार बदमाशों के नाम नन्हू पुत्र इलियास और अब्दुल सलाम पुत्र अबरार है। साथ ही पुलिस ने 2 देसी कट्टे, जिंदा कारतूस, बाइक बरामद किया है।
अब तक 5 गिरफ्तार लेकिन कादिर का भाई फरार :
रिपोर्ट के अनुसार अब तक पुलिस ने इस केस में कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है लेकिन कादिर का भाई जो हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है अभी तक फरार है। STF, नोएडा पुलिस और गाजियाबाद क्राइम ब्रांच उसकी लोकेशन ट्रेस कर रही है।
पुलिस प्रशासन का क्या है कहना :
आपको बता दें कि इस केस के सिलसिले में गाजियाबाद के SSP ने कहा कि यह यूपी पुलिस को एक सीधी चुनौती थी। अब हर दोषी को उसके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। हम किसी को भी नहीं छोड़ेंगे। चाहे वो गांव में हो या सीमा पार भाग जाए।
कैसे रची गई सिपाही की हत्या की साजिश? :
गौरतलब है कि रविवार रात करीब 11:40 बजे, नोएडा पुलिस की एक टीम सादा कपड़ों में हिस्ट्रीशीटर कादिर उर्फ मंटा (24) को पकड़ने नाहल गांव पहुंची थी। टीम ने कादिर को दबोच भी लिया था, लेकिन जैसे ही वह उसे लेकर निकलने लगे तभी अचानक कादिर का भाई और साथी वहां पहुंचे और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिसकर्मी जान बचाकर भागे गाड़ी रोकनी पड़ी और उसी अफरातफरी में कादिर फरार हो गया। इसके बाद जो हुआ, वो किसी गैंगवार से कम नहीं था। कादिर ने भागते ही अपने गैंग के साथियों को बुलाया और पुलिस टीम पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। सिपाही सौरभ कुमार को निशाना बनाकर गोली मारी गई, मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
कौन है कादिर उर्फ मंटा? :
कादिर पर दर्जनों आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह इलाके में सक्रिय गैंग ऑपरेट करता है, उसकी उम्र महज 24 साल है। वह मर्डर, लूट, गैंगवार जैसे मामलों में बड़ा नाम बन गया था।
STF की कार्रवाई और पुलिस का शिकंजा अब यह तय करेगा कि अपराधियों का अंत कैसे होता है , लेकिन ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिस पर ऐसे हमले कब रुकेंगे? क्या अपराधी अब कानून से ऊपर हो गए हैं? क्या सिपाही सौरभ की शहादत यूं ही रह जाएगी? उम्मीद है ऐसे अपराध तंत्र का उत्तर प्रदेश पुलिस खात्मा करके जल्द ही इसका उत्तर देगी।