क्या बैन होंगे ड्रीम11, MPL समेत सभी ऑनलाइन गेमिंग ऐप!: संसद में पेश होगा नया बिल, बेटिंग होगा अपराध...10 लाख जुर्माना और इतने साल की जेल? जानें क्या हैं पूरी खबर
क्या बैन होंगे ड्रीम11, MPL समेत सभी ऑनलाइन गेमिंग ऐप!

नई दिल्ली : भारत सरकार अब ऑनलाइन गेमिंग पर सबसे बड़ा प्रहार करने जा रही है। कल संसद में पेश होने वाले ऑनलाइन गेमिंग बिल ने करोड़ों यूज़र्स और हजारों करोड़ के कारोबार में हलचल मचा दी है। बिल के मुताबिक, किसी भी गेम में अगर पैसे का लेन-देन जुड़ा है चाहे वह स्किल का हो या चांस का, उस पर प्रतिबंध लगेगा। इसका सीधा मतलब है कि ड्रीम11, MPL, रम्मी, पोकर और बेटिंग वाले तमाम गेमिंग एप बैन की जद में आ सकते हैं।

क्यों कड़ा हुआ सरकार का रुख?
आपको बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर देशभर से आत्महत्या, कर्ज और बर्बादी की दर्दनाक खबरें सामने आ रही थीं। बच्चों से लेकर युवाओं तक, कई लोग गेमिंग की लत में अपनी जान गंवा बैठे। सरकार ने इसे अब जुए की श्रेणी में मानकर सख्त कानून बनाने का फैसला लिया है।

बेटिंग/बाजी से जुड़े गेम होंगे अपराध :
विदित है कि बैटिंग/बाजी से जुड़े गेम अब अपराध की श्रेणी में शामिल होंगे। इसके लिए 7 साल तक जेल और 10 लाख तक का जुर्माना होगा। इसके साथ ही किसी भी बैंक या पेमेंट गेटवे से ट्रांजेक्शन पर रोक लगेगी।

1400 एप पहले ही हो चुके बैन :
गौरतलब है कि पिछले 4 से 5 सालों में सरकार अब तक 1400 से ज्यादा गेमिंग और बेटिंग एप को ब्लॉक कर चुकी है। लेकिन ठोस कानून की कमी से ये एप बार-बार नए नाम से वापसी कर रहे थे। अब बिल पास होने पर इन्हें स्थायी तौर पर रोका जा सकेगा।

ड्रीम11 पर भी संकट क्यों?
आपको बता दें कि ड्रीम11 जैसे प्लेटफॉर्म खुद को "फैंटेसी स्पोर्ट्स" बताते हैं, लेकिन इनमें भी एंट्री फीस और कैश ट्रांजेक्शन शामिल है। नए कानून के मुताबिक, ऐसे गेम भी बैन की श्रेणी में आएंगे। यानी करोड़ों यूज़र्स का पसंदीदा एप एक झटके में गायब हो सकता है।

3.8 अरब डॉलर का कारोबार खतरे में :
विदित है कि भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर फिलहाल 3.8 अरब डॉलर का है। इसमें से करीब तीन अरब डॉलर का हिस्सा उन्हीं गेम्स से आता है जिनमें पैसों का ट्रांजेक्शन होता है।
अगर बिल पास हुआ तो ये पूरा बिज़नेस ढह सकता है। बड़ी हस्तियों और क्रिकेटरों द्वारा गेमिंग एप्स का प्रचार अब दंडनीय अपराध की श्रेणी में आ सकता है। इसके साथ ही विदेशी एप्स पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है, क्योंकि ये भारत से पैसा बाहर भेजते हैं और टैक्स नहीं देते।

क्या होगा आगे?
गौरतलब है कि अगर संसद ने बिल पारित कर दिया तो भारत में पैसे वाले ऑनलाइन खेलों का समय खत्म हो जाएगा। केवल वे ऐप बचेंगे जिनमें खेलना पूरी तरह मुफ्त होगा और किसी भी प्रकार का कैश लेन-देन नहीं होगा।

अब सबकी निगाहें बुधवार को संसद पर हैं, जब तय होगा कि ड्रीम11 और उसके जैसे सैकड़ों गेमिंग एप का सफाया होगा या नहीं।

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