नई दिल्ली/नोएडा: देश एक बार फिर कोरोना की दस्तक से हड़कम्प मचा है। दिल्ली में कोरोना के 23 केस सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और सरकार अलर्ट मोड पर है। एनसीआर में गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और अब नोएडा में भी संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। राजधानी समेत पूरे एनसीआर में सतर्कता का स्तर बढ़ा दिया गया है।
दिल्ली में 23 पॉजिटिव, एनसीआर में कुल 9 मामले :
आपको बता दें कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई और हालात का जायज़ा लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में गुरुवार तक 23 कोविड मरीजों की पुष्टि हो चुकी थी। इन मामलों में से कितने स्थानीय हैं और कितने बाहर से आए हैं, इसकी जांच चल रही है। एनसीआर में अब तक 9 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, गाजियाबाद में 4, गुरुग्राम में 3 और फरीदाबाद में 2 केस मिल चुके हैं।
नोएडा में कोरोना की एंट्री! 55 वर्षीय महिला पॉजिटिव :
गौरतलब है कि नोएडा में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है। 55 वर्षीय महिला में हल्के लक्षण पाए जाने पर उनकी जांच कराई गई, जहां रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। सीएमओ डॉ. नरेंद्र कुमार के अनुसार, महिला को होम आइसोलेशन में रखा गया है और उनकी ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है। परिवार के अन्य सदस्यों के भी सैंपल लिए गए हैं।
सरकार की एडवाइजरी: अस्पतालों को किया गया अलर्ट -
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने सभी अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि:
●अस्पतालों में कोविड से निपटने के सभी उपकरण जैसे वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, वैक्सीन स्टॉक तैयार रखा जाए।
●स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड प्रोटोकॉल का दोबारा प्रशिक्षण दिया जाए।
●हर मरीज की जांच रिपोर्ट IHIP पोर्टल पर दर्ज की जाए।
●OPD/IPD में आने वाले ILI (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी) और SARI (गंभीर श्वसन संक्रमण) मामलों की कोविड जांच सुनिश्चित की जाए।
●अस्पताल परिसरों में मास्क पहनना अनिवार्य किया जाए।
अस्पतालों में फिर लगनें लगी मरीजों की लाइन; सर्दी, खांसी, बुखार वालों की जांच अनिवार्य :
विदित है कि जिला अस्पतालों में सांस, खांसी और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। प्रशासन ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे लक्षण वाले मरीजों की कोविड जांच अनिवार्य रूप से की जाए। कहीं ऐसा न हो कि कोई गंभीर संक्रमण चुपचाप फैलता रहे।
विशेषज्ञों की राय, डरने की जरूरत नहीं, सतर्कता जरूरी :
डॉ. सुभाष गिरी (निदेशक, राम मनोहर लोहिया अस्पताल) ने कहा कि "वर्तमान वेरिएंट JN.1 एक साल से अधिक पुराना है और बेहद संक्रामक है, लेकिन इससे कोई गंभीर लक्षण नहीं आ रहे हैं। यह मौसमी फ्लू की तरह हो गया है, मगर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।" विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड अब मौसमी वायरल जैसा व्यवहार कर रहा है, लेकिन इसका म्यूटेशन जारी है। यही कारण है कि केसों में अचानक उछाल देखने को मिल सकता है।
NCR में अस्पतालों में मरीजों की भीड़, जांच में तेजी :
गौरतलब है कि जिला अस्पतालों में भीड़ बढ़ने लगी है। सर्दी, बुखार, खांसी और सांस लेने की शिकायत लेकर पहुंच रहे मरीजों की जांच अनिवार्य कर दी गई है। इससे कोविड टेस्टिंग का आंकड़ा फिर से बढ़ने लगा है।
क्या तीसरी लहर की दस्तक है ये या फिर एक और चेतावनी? -
आपको बता दें कि सरकार नें न घबरानें के लिए एडवाइजरी जारी की है। लेकिन NCR में अस्पतालों की हलचल और अचानक बढ़े केस से जनता को अब और सतर्क होने की जरूरत है, क्योंकि वायरस बदल रहा है और इस बार इसका वैरिएंट भी। ऐसे में नजर बनाए रखें, मास्क पहनें और अगर ज़रा भी लक्षण दिखें, तो तुरंत जांच कराएं। संक्रमण भले कमज़ोर हो, लेकिन थोड़ी सी भी लापरवाही उसे और खतरनाक बना सकती है।