इमर्शन/पानी गर्म करने की रॉड से मासूम की मौत!: सदमे में परिवार; जानिए कैसे बना यह साधारण उपकरण जानलेवा, बरतें ये सावधानियां?
इमर्शन/पानी गर्म करने की रॉड से मासूम की मौत!

शुरुआत ही डरावनी: इमर्शन रॉड से फिर एक बच्ची की मौत

देश के कई राज्यों में इमर्शन रॉड से होने वाले हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे। हाल ही में एक बच्ची की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। पानी गर्म करने जैसे रोज़मर्रा के काम के दौरान फैले करंट की चपेट में आने से बच्ची की मौके पर ही जान चली गई।

यह घटना सिर्फ एक घर की नहीं, बल्कि लाखों घरों के लिए चेतावनी है, एक छोटी-सी गलती कैसे जिंदगी खत्म कर सकती है।

इमर्शन रॉड का इतिहास: लैब से घर तक की खतरनाक यात्रा

इमर्शन हीटर का इतिहास 19वीं सदी से जुड़ा है। यह मूल रूप से प्रयोगशालाओं में तरल पदार्थ गर्म करने के लिए विकसित किया गया था। साल 1891 में अमेरिकी वैज्ञानिक विलियम स्टैनली जूनियर (William Stanley Jr.) ने “Liquid heating apparatus” के नाम से पहला व्यावहारिक डिज़ाइन पेटेंट कराया।

बाद में इसी डिज़ाइन में सुधार होते गए और धीरे-धीरे यह छोटे घरेलू उपकरण के रूप में बदल गया। भारत में 1950–60 के दशक में इसके छोटे सस्ते मॉडल बनने लगे और देखते ही देखते यह हर घर का हिस्सा बन गया।

कैसे काम करता है इमर्शन रॉड? समझिए विज्ञान सरल भाषा में

इमर्शन रॉड की तकनीक बेहद सीधी है, लेकिन खतरे वहीं से पैदा होते हैं। इसके अंदर Nichrome का हीटिंग वायर होता है जो बिजली पाकर गर्म होता है। इसे ढकने वाली स्टील या कॉपर ट्यूब गर्मी पानी तक पहुंचाती है।

इलेक्ट्रिक इंसुलेशन पानी और करंट के बीच एक सुरक्षा दीवार बनाता है, लेकिन जैसे ही यह लेयर खराब होती है, करंट सीधा पानी में फैल सकता है। यह वही स्थिति है, जो अक्सर हादसों का कारण बनती है।

भारत में हादसे क्यों ज्यादा होते हैं? असली वजहें चौंकाने वाली

हालांकि इमर्शन हीटर दुनिया भर में वर्षों से इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन भारत में इससे जुड़े हादसे सबसे ज़्यादा सामने आते हैं। इसकी प्रमुख वजहें हैं:

भारत में सस्ते, लोकल और बिना ISI वाले रॉड की भरमार है, जिनमें सुरक्षा मानकों का पालन नहीं होता। कई घरों में पुरानी टूटी वायरिंग, कमजोर प्लग और ग़लत बिजली कनेक्शन होते हैं। पानी गर्म करते समय हाथ डालकर तापमान चेक करने की आदत सबसे खतरनाक है।

प्लास्टिक बाल्टी में लंबे समय तक रॉड रखने से बाल्टी पिघल जाती है और करंट तेजी से फैल जाता है। यही वजह है कि हर साल देश में कई बच्चे और महिलाएं इस साधारण से उपकरण की वजह से मर रहे हैं।

हाल की घटनाएँ: हर घर के लिए चुपचाप खतरा

देश के कई शहरों में हाल में हुए हादसे स्थिति की गंभीरता दिखाते हैं। दिल्ली में एक युवा लड़की की इमर्शन रॉड से करंट लगकर मौत हुई।

भोपाल में 4 साल की बच्ची खेलते-खेलते रॉड पकड़ बैठी और उसकी जान चली गई।

मुरादाबाद में किशोरी की पानी गर्म करते वक्त करंट से मौत हो गई।

ऐसे ही कई केस गोरखपुर, कोलकाता और पटना में दर्ज हो चुके हैं। हर घटना यह बताती है कि खतरा घर के अंदर ही छिपा है।

इमर्शन रॉड खरीदते वक्त ध्यान रखें ये 8 बातें, जीवन की गारंटी

यदि आप सही रॉड खरीदें, तो जोखिम काफी कम हो सकता है। हमेशा ISI मार्क वाला रॉड लें, बेहतर हो कि तीन-पिन प्लग वाला मॉडल चुनें। वायर मोटी, PVC कोटेड और पर्याप्त लंबाई की हो।

ऑटो कट-ऑफ फीचर वाले मॉडल को प्राथमिकता दें। स्टील या कॉपर ट्यूब की क्वालिटी मजबूत हो। किसी भी प्रकार की लोकल, बिना ब्रांड और बहुत सस्ती रॉड से हमेशा बचें।

इस्तेमाल के दौरान 13 सावधानियाँ, जीवन बचाती हैं ये मामूली बातें

इमर्शन रॉड को बाल्टी में डालने के बाद ही बिजली चालू करें। पानी गर्म होने के दौरान हाथ बिल्कुल न डालें। बच्चों को पास न आने दें। गंदे पानी में रॉड न डालें क्योंकि इससे करंट जल्दी फैलता है।

प्लास्टिक बाल्टी में लंबे समय तक रॉड न छोड़ें। वायर टूटी हो तो तुरंत बदलें। पहले स्विच बंद करें फिर रॉड निकालें। गीले हाथों से प्लग न छुएं। रॉड को अकेला चालू छोड़ देना भारी गलती है। हमेशा बिजली का कनेक्शन सुरक्षित, अर्थिंग वाला और सूखे स्थान पर रखें।

सुरक्षा का भविष्य: इमर्शन रॉड अब बदल रहा है

आज मार्केट में सेफ्टी बढ़ाने वाले आधुनिक मॉडल उपलब्ध हैं। इनमें ऑटो शट-ऑफ सेंसर, शॉकप्रूफ बॉडी, सिरेमिक कोटेड स्टील, डिजिटल तापमान कंट्रोल और वॉटरप्रूफ हैंडल जैसे फीचर आते हैं।

ये पुराने मॉडलों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित हैं, लेकिन भारत में अभी भी सस्ते लोकल प्रोडक्ट की वजह से जोखिम बना हुआ है।

निष्कर्ष: एक छोटा उपकरण, लेकिन जिम्मेदारी बड़ी

इमर्शन रॉड एक पुरानी वैज्ञानिक खोज है जिसने घरों में पानी गर्म करना आसान बना दिया, लेकिन इसकी थोड़ी-सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।

हर घटना हमें चेतावनी देती है कि यह उपकरण उतना सरल नहीं जितना दिखता है। सही रॉड खरीदना और सावधानी से इस्तेमाल करना ही आपकी और आपके परिवार की जान बचा सकता है।

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