Greater Noida: यूपी का हाई-टेक शहर ग्रेटर नोएडा अब अगले दस सालों में बिल्कुल नया रूप लेने जा रहा है। शनिवार को हुई ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 141वीं बोर्ड बैठक में ऐसे फैसलों पर मुहर लगी, जिनसे न सिर्फ उद्योगों की गति 10 गुना बढ़ेगी बल्कि शहर का ट्रैफिक, कनेक्टिविटी, रियल एस्टेट और रोजगार सब कुछ बदल जाएगा। जिनसे शहर न सिर्फ NCR में बल्कि पूरे उत्तर भारत के सबसे आधुनिक शहरी मॉडलों में शामिल होने की तरफ बढ़ जाएगा। आईडीसी चेयरमैन दीपक कुमार की अध्यक्षता में चली बैठक में ट्रांसपोर्ट से लेकर रियल एस्टेट, रोजगार, सार्वजनिक सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर तक हर क्षेत्र में बड़े निर्णय लिए गए।
1. ग्रेटर नोएडा में बनेगा देश का सबसे स्मार्ट ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी नेटवर्क :
आपको बता दें कि अब नोएडा में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब मेट्रो से जुड़ेगा। साथ ही लॉजिस्टिक हब सीधे DFCC रेलवे कॉरिडोर से कनेक्ट होगा। ग्रेनो प्राधिकरण ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए दोनों महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मास्टर प्लान 2041 में शामिल कर दिया है।
● 1.8 KM नई मेट्रो लाइन बनेगी जो ग्रेटर नोएडा डिपो से सीधे मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH) तक जाएगी। यह पूरी तरह एलिवेटेड होगी और 105 मीटर चौड़ी रोड के कॉरिडोर पर बनाई जाएगी। इससे यात्रियों को दिल्ली जाने वाली भीड़ से राहत मिलेगी और पूरे NCR की कनेक्टिविटी नए स्तर पर पहुंचेगी।
● लॉजिस्टिक हब से समर्पित 3 किमी रेलवे लाइन, जिससे मुंबई-कोलकाता के बीच माल भेजना आसान हो जाएगा। बोड़ाकी के पास बनने वाले इस टर्मिनल से यूपी-बिहार-बंगाल के लिए ट्रेनें मिलेंगी और दिल्ली के टर्मिनलों का दबाव घटेगा।
2. बायर्स को धोखा देने वाले बिल्डरों पर कठोर कार्रवाई – 12 बिल्डरों से वापस ली जाएंगी रियायतें :
गौरतलब है कि बायर्स को धोखा देने वाले बिल्डरों पर सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। एक दर्जन बिल्डरों से अमिताभ कांत कमेटी द्वारा दी गई सभी रियायतें वापस होंगी। जिन बिल्डरों ने न रजिस्ट्री की, न प्राधिकरण का बकाया चुकाया। उनके खिलाफ बोर्ड ने कठोर कार्रवाई की मंजूरी दी है।
इनमें शामिल बिल्डर:
● AVJ डेवलपर्स (Beta-2)
● MSX रियलटेक (Alpha-1)
● ज्योतिर्मय इंफ्राकॉन (16C)
● अंतरिक्ष इंजीनियरिंग (Sec-1)
● एलिगेंट इंफ्राकॉन (Techzone-4)
इत्यादि।
दोषी बिल्डरों पर अब कोई नरमी नहीं मिलेगी। हालाँकि खरीदारों के हितों को सुरक्षित रखने के निर्देश भी दिए गए हैं। 18,000 से ज़्यादा परिवारों की रजिस्ट्री पहले ही हो चुकी है, बाकी 13 'डिफॉल्टर' बिल्डरों पर अब सख्ती शुरू की गई है।
3. युवाओं को हजारों नौकरियाँ; टूल रूम प्रोजेक्ट तेज़ी से पूरा होगा :
ग्रेटर नोएडा और आसपास के युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। सेक्टर Ecotech-8 में 15 एकड़ में टूल रूम बन रहा है। भारत सरकार की योजना के तहत 8,000 – 10,000 युवाओं को तकनीकी ट्रेनिंग दी जाएगी। उद्योगों की डिमांड के हिसाब से स्किल तैयार किया जाएगा जिससे रोजगार मिलना आसान होगा। कंस्ट्रक्शन पूरा करने के लिए टाइम एक्सटेंशन दे दिया गया है। ट्रेनिंग जल्द शुरू होगी।
4. अब हाउसिंग सोसायटी के 'सब्सीक्वेंट मेंबर' भी पाएंगे मालिकाना हक; रजिस्ट्री का रास्ता खुला :
आपको बता दें कि कई सोसाइटियों में फ्लैट पावर ऑफ अटॉर्नी से खरीद-फरोख्त होने के कारण खरीदार सालों से मालिकाना हक से वंचित थे।
अब बोर्ड ने:
● सब्सीक्वेंट मेंबर के नाम रजिस्ट्री की अनुमति दी
● शपथ पत्र, NOC और ट्रांसफर चार्ज देकर मालिकाना हक मिलेगा
● Senior Citizen Society, AFNHB समेत कई सोसाइटियों को राहत दी।
इस फैसले से हजारों लोग कानूनी रूप से मालिक बन सकेंगे।
5. ओमीक्रॉन-1 में तैयार फ्लैटों की नई स्कीम; ई-ऑक्शन के जरिए आवंटन जल्द :
ग्रेटर नोएडा में घर का सपना देखने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सेक्टर ओमीक्रॉन-1 में रेडी-टू-मूव फ्लैटों की स्कीम आयी है जिसके किये ऑनलाइन आवेदन किया जाना है। ई-ऑक्शन से पारदर्शी आवंटन होगा। और कार्य में जल्दी होगी। स्कीम का ब्रोशर और नियम मंजूर कर दिया गया है।
6. शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए 'कॉरपस फंड' की स्थापना; इंफ्रा रखरखाव की चिंता खत्म :
अब ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव पर कभी पैसा कम नहीं पड़ेगा। सड़क, सीवर, बिजली, पार्क, नालियाँ सबके लिए अलग फंड बनाया गया है। लीज रेंट, FAR शुल्क, टाइम एक्सटेंशन शुल्क आदि इसी में जमा है। राष्ट्रीयकृत बैंक में सुरक्षित फंड के साथ खर्च केवल बोर्ड और CEO की अनुमति से ही होगा। यह मॉडल देश के अन्य शहरों के लिए भी उदाहरण बन सकता है।
7. ग्रेटर नोएडा में अब दौड़ेंगी ई-साइकिलें; लास्ट माइल कनेक्टिविटी को नया आयाम :
प्राधिकरण ने ई-साइकिल प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। यह BOT मॉडल पर प्रोजेक्ट है। चयनित एजेंसी अलग-अलग जगहों पर स्टेशन बनाएगी जिससे ट्रैफिक कम होगा, प्रदूषण घटेगा। इससे छात्रों और ऑफिस-गोअर्स के लिए बड़ा फायदा होगा।
8. सामाजिक कार्यक्रमों के लिए सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग सस्ती :
गौरतलब है कि समाजिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड ने राहत दी है। सामूहिक विवाह, स्वास्थ्य शिविर, सामाजिक कार्यक्रम इनके लिए बुकिंग शुल्क में छूट दी जाएगी।
9. छात्रों और वर्किंग महिलाओं के लिए हॉस्टल; सेफ सिटी मॉडल की तरफ बड़ा कदम :
चेयरमैन दीपक कुमार के निर्देश अनुसार नोएडा में विद्यार्थियों के लिए लाइब्रेरी, लैब, कॉन्फ्रेंस हॉल वाले आधुनिक हॉस्टल बनेंगे। वर्किंग महिलाओं के लिए सुरक्षित हॉस्टल। इस तरह पूरे नोएडा-ग्रेटर नोएडा को “सेफ सिटी” मॉडल में तब्दील करने का आदेश है।
यह मीटिंग ग्रेटर नोएडा का चेहरा बदलने वाली 'मेगा बोर्ड मीटिंग' साबित हुई है। इन 9 बड़े फैसलों के बाद स्पष्ट है कि ग्रेटर नोएडा अब सिर्फ NCR का एक्सटेंशन नहीं, बल्कि अपना खुद का हाई-टेक सिटी मॉडल बनने जा रहा है। मेट्रो, रेलवे, उद्योग, रोजगार, रियल एस्टेट, पर्यावरण; हर क्षेत्र में परिवर्तन की शुरुआत हो चुकी है।