अहमदाबाद/लखनऊ : केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 के नतीजे जारी कर दिए हैं। इस बार अहमदाबाद ने सभी शहरों को पछाड़कर देश का नंबर-1 साफ शहर बनने का गौरव हासिल किया है। भोपाल को दूसरा स्थान मिला है और लखनऊ ने सबको चौंकाते हुए तीसरे नंबर पर जगह बना ली है। लखनऊ ने पिछले साल 44वें स्थान से सीधी 41 पायदान की छलांग लगाई है।
कौन-कौन शहर टॉप पर रहे?
आपको बता दें कि अहमदाबाद इस साल टॉप पर रहा वहीं भोपाल दूसरे स्थान पर रहा जो कि पिछले साल 5th रैंक पर रहा। तीसरे स्थान पर लखनऊ रहा जो कि पिछले साल 44th नम्बर पर था।
इंदौर इस बार क्यों नहीं है लिस्ट में?
गौरतलब है कि इंदौर पिछले 7 वर्षों से लगातार नंबर-1 रहा है, लेकिन इस बार वह रैंकिंग में नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने अब ‘सुपर स्वच्छता लीग’ बनाई है, जिसमें वे शहर शामिल किए गए हैं जो लगातार तीन साल टॉप-3 में रहे हैं। अब इन शहरों की अलग से निगरानी की जाती है, लेकिन उन्हें इस सर्वे की लिस्ट में रैंक नहीं दी जाती। इस सुपर-लीग में कुल 15 सिटी हैं, जिनमें इंदौर, सूरत, नवी-मुंबई, बुदनी (एमपी) और उज्जैन जैसे सिटी शामिल रहे।
लखनऊ की बड़ी छलांग: 44वें से 3rd नंबर तक
विदित है कि लखनऊ ने पिछले एक साल में सफाई व्यवस्था में बहुत सुधार किया है। नगर निगम ने कूड़ा प्रबंधन को डिजिटल बनाया, वार्डों में नियमित सफाई करवाई गयी।, साथ ही जनता को जागरूक किया और खुले में कूड़ा फेंकने पर सख्ती की। इसका नतीजा यह हुआ कि लखनऊ अब टॉप-3 में शामिल हो गया।
17 जुलाई को राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित :
विदित है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17 जुलाई को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में टॉप शहरों को सम्मानित करेंगी। अहमदाबाद, भोपाल और लखनऊ को समारोह में बुलाया गया है। वहीं, मध्य प्रदेश के कई शहरों को भी अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार मिलेंगे।
मध्य प्रदेश के इन शहरों को भी मिलेगा सम्मान :
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के इन विशेष शहरों को भी अलग अलग कैटेगरी में अवार्ड प्रदान किये जा रहे हैं।
●भोपाल: प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड की दौड़ में
●देवास, शाहगंज: श्रेष्ठ प्रदर्शन
●जबलपुर: मिनिस्ट्रीयल कैटेगरी
●ग्वालियर: स्टेट लेवल अवॉर्ड
●उज्जैन और बुदनी: सुपर स्वच्छता लीग में
जनता की भागीदारी बनी सफलता की चाबी :
विदित है कि इस बार की सफलता का सबसे बड़ा कारण सिर्फ सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि लोगों की जागरूकता और सहयोग है। घर-घर से कूड़ा छांटना, खुले में कूड़ा न फेंकना, सफाई कर्मचारियों को सम्मान देना इन सबने मिलकर शहरों को स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ाया।
स्वच्छता सर्वेक्षण क्या है?
गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण हर साल होता है जिसमें देश के सभी शहरों की सफाई व्यवस्था, कूड़ा प्रबंधन, लोगों की भागीदारी, और साफ वातावरण के आधार पर स्कोर दिए जाते हैं। इस साल शहरों को 12500 अंकों में से अंक दिए गए।
अहमदाबाद देश का नंबर-1 स्वच्छ शहर बन गया है। लखनऊ और अहमदाबाद जैसे शहरों की सफलता का असली राज सिर्फ सरकार नहीं, बल्कि जनता की भागीदारी है। घर-घर कूड़ा अलग करना, खुले में कूड़े को न बहाना, सफाई कर्मचारियों का आदर; सबने मिलकर शहर को स्वच्छता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। लोगों का स्वच्छता में भाग लेना और स्मार्ट कार्यकारी योजनाएं शहरों को बदल सकती हैं।