राजस्थान को मिला नया पुलिस मुखिया!: राजीव शर्मा बने DGP, 30 साल के अनुभव...संभालेंगे कानून व्यवस्था की कमान
राजस्थान को मिला नया पुलिस मुखिया!

 जयपुर : राजस्थान पुलिस महकमे में बुधवार को एक बड़े बदलाव किया गया है। केंद्र सरकार की सेवा से निवृत्त होकर लौटे 1991 बैच के सीनियर IPS अफसर राजीव शर्मा ने राज्य के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) के तौर पर बुधवार शाम पुलिस मुख्यालय में चार्ज संभाल लिया। कार्यवाहक डीजीपी संजय अग्रवाल ने उन्हें औपचारिक रूप से कमान सौंपी। यह नियुक्ति सिर्फ एक प्रशासनिक बदलाव नहीं है बल्कि राजस्थान पुलिस में अनुशासन, अनुभव और नवाचार के नए युग की शुरुआत मानी जा रही है।

कौन हैं राजीव शर्मा?

आपको बता दें कि 30 साल का अनुभव, और सिस्टम के हर अहम मोर्चे पर उल्लेखनीय सेवाएं देने के कारण राजीव शर्मा का नाम राजस्थान पुलिस के उस समूह में आता है, जिन्होंने एंटी करप्शन ब्यूरो, SDRF, राजस्थान पुलिस अकादमी, और CBI जैसे प्रतिष्ठानों में बड़े ओहदों पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। उनकी पहली पोस्टिंग 1992 में डीएसपी, जोधपुर सिटी रही और उन्होनें SP के तौर पर सेवाएं जोधपुर, झालावाड़, दौसा, भरतपुर, राजसमंद, जयपुर (नॉर्थ) में सेवाएं दी। वे CBI दिल्ली व जयपुर में उच्चस्तरीय जांचों और जिम्मेदारियाँ भी पा चुके हैं। उनकी केंद्र में भूमिका भी दिल्ली में ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के DG के रूप में रहें हैं।

कैसे चुने गए डीजीपी?

गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने DGP रैंक के 7 वरिष्ठ IPS अफसरों के नाम UPSC को भेजे थे, जिनमें शामिल थे - संजय अग्रवाल, अनिल पालीवाल, राजेश आर्य, राजेश निर्वाण, गोविंद गुप्ता, आनंद श्रीवास्तव और राजीव शर्मा। UPSC ने वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर तीन नामों की सिफारिश की, जिनमें से राजीव शर्मा को सरकार ने अंतिम निर्णय के तौर पर चुना।

सेवानिवृत्त हुए डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा :

विदित है कि पूर्व डीजीपी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा की सेवानिवृत्ति के बाद कार्यवाहक डीजीपी संजय अग्रवाल को अस्थायी जिम्मेदारी दी गई थी। अब जब स्थायी डीजीपी की ताजपोशी हो चुकी है, प्रदेश की कानून व्यवस्था एक अनुभवी और सख्त अफसर के हाथों में सौंप दी गई है।

डीजीपी शर्मा के सामने चुनौती क्या?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजीव शर्मा ऐसे समय पर पुलिस की कमान संभाल रहे हैं, जब राजस्थान अपराध, सांप्रदायिक तनाव, साइबर फ्रॉड और महिला अपराधों जैसे गंभीर मुद्दों से जूझ रहा है। अब उनसे उम्मीद है कि पुलिस व्यवस्था में जमीन पर पुलिसिंग मजबूत होगी, भ्रष्टाचार पर नकेल कसेगी, जवाबदेही तय होगी और अपराध पर नकेल कसी जाएगी।

एक विद्वान अफसर :

गौरतलब है कि राजीव शर्मा सिर्फ एक सख्त अफसर नहीं, बल्कि एक बौद्धिक नेतृत्वकर्ता भी हैं। मथुरा के मूल निवासी शर्मा ने MA और M.Phil की डिग्री हासिल की है और प्रशासनिक विवेक के साथ तकनीकी दक्षता में भी माहिर हैं। राजीव शर्मा एक अनुभवी, सुलझे हुए और प्रशासनिक दक्षता वाले अफसर माने जाते हैं। उनकी छवि एक ईमानदार और सख्त अधिकारी की रही है। 

राजस्थान पुलिस को अब ऐसा मुखिया मिला है जो जमीन से जुड़ा है, सिस्टम की गहराई को समझता है और सुधारों के लिए तैयार है। अब पूरे प्रदेश को उम्मीद है कि राजीव शर्मा की अगुवाई में अपराध पर लगाम लगेगी और पुलिसिंग की छवि और मजबूत होगी।

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