ग्रेटर नोएडा में 100 साल पुराने पेड़ को बचाने सड़क पर उतरे लोग!: सड़क निर्माण पर टकराव, विकल्प तलाशनें में जुटा प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा में 100 साल पुराने पेड़ को बचाने सड़क पर उतरे लोग!

ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में एक 100 साल पुराना पीपल का पेड़ इन दिनों चर्चा में है। शहर की एक नई बड़ी सड़क के निर्माण में यह पेड़ बीच में आ गया है। लेकिन लोग इसे काटने के खिलाफ हैं, क्योंकि यह पेड़ उनकी आस्था से जुड़ा है। अब पेड़ को बचाने और सड़क का काम दोनों साथ कैसे चले यही सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।

विकास बनाम आस्था की लड़ाई :

गौरतलब है कि 130 मीटर चौड़ी यह सड़क सिरसा गोलचक्कर से लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गौड़ सिटी चौक तक बनाई जा रही है। यही सड़क नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओर भी जाती है, और भविष्य में इस पर ट्रैफिक दबाव काफी बढ़ने की आशंका है। ऐसे में अथॉरिटी ने सड़क के दोनों तरफ अलग से बस-वे लेन बनाने की योजना तैयार की है। लेकिन सेक्टर पाई-1 के पास एक विशाल पीपल का पेड़ बीच सड़क में आ गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह पेड़ केवल एक पुराना वृक्ष नहीं बल्कि ‘आस्था का केंद्र’ है। लोगों की मान्यता है कि इस पीपल में देवी-देवताओं का वास है और वर्षों से ग्रामीण इसकी पूजा करते आए हैं।

पेड़ के दोनों ओर डाली जा रही मिट्टी :

रिपोर्ट के अनुसार ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने फिलहाल पेड़ को काटे बिना दोनों तरफ मिट्टी डालकर सड़क का रास्ता समतल करना शुरू कर दिया है, लेकिन अधिकारियों को यह भी पता है कि यदि पेड़ को नहीं हटाया गया, तो बड़े वाहनों की आवाजाही बाधित होगी। यही वजह है कि प्रशासन अब पेड़ को हटाए बिना वैकल्पिक निर्माण योजना पर मंथन कर रहा है।

स्थानीय लोगों की खुली चेतावनी: पेड़ काटा तो करेंगे विरोध :

आपको बता दें कि पेड़ कटने की बात सुनकर बिरौड़ी और आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग पेड़ के पास जमा हो गए हैं। उनका कहना है कि - “यह सिर्फ पेड़ नहीं है, हमारी आस्था, हमारी परंपरा है। बुज़ुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी इसकी पूजा करते हैं। इसे काटना पाप होगा। प्रशासन चाहे तो सड़क थोड़ा मोड़ दे, लेकिन पेड़ नहीं हटेगा।”

क्या पेड़ बच पाएगा या कटेगा विकास के नाम पर? :

विदित है कि प्रशासन के लिए यह निर्णय आसान नहीं है। एक तरफ करोड़ों रुपये की सड़क परियोजना है, जिससे भविष्य में लाखों लोगों को फायदा होगा। दूसरी तरफ है एक सदी पुराना पीपल, जिसे हटाना धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ माना जा रहा है।

विकल्प तलाशने में जुटी अथॉरिटी :

सूत्रों की मानें तो ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी अब पेड़ को ट्रांसप्लांट करने या सड़क की दिशा थोड़ी मोड़ने पर विचार कर रही है। इसके लिए विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता भी इस मामले को लेकर हरकत में आ चुके हैं और मांग कर रहे हैं कि इस ऐतिहासिक वृक्ष को ‘हरित धरोहर’ घोषित किया जाए।

यह मामला केवल एक पेड़ को काटने या बचाने का नहीं है, यह उस टकराव की मिसाल है जो भारत के हर उभरते शहर में आस्था और विकास के संघर्ष के रूप में दिख रहा है। फिलहाल पेड़ को नहीं काटा गया है और अथॉरिटी ने कहा है कि “जनभावनाओं का सम्मान किया जाएगा”

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