उत्तर प्रदेश: वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज जी के द्वारा अपनी रात की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई है। बता दें कि वह पिछले 5 दिनों से पदयात्रा पर नहीं निकाल रहे हैं। हजारों की संख्या में रोज़ाना भक्त उनके दर्शन के लिए पहुंचते थे, लेकिन वहां से मायूस होकर लौट जाते हैं।वहीं आज शुक्रवार सुबह 4 बजे भी प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा नहीं निकली। हालांकि भक्त वहां इंतजार करते ही रह गए। इसके बाद केली कुंज आश्रम के द्वारा यात्रा बंद किए जाने की सूचना दी गई।
केली कुंज आश्रम ने भक्ति मार्ग चैनल पर डाली एक पोस्ट:
दरअसल केली कुंज आश्रम के द्वारा भक्ति मार्ग चैनल पर एक पोस्ट डाली गई जिसमें लिखा कि “राधे राधे श्री हरिवंश। आप सभी को यह सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ्य की अनुकूलता को देखते हुए ही पिछले कुछ दिनों से महाराज जी की रात्रिकालीन पदयात्रा फिलहाल बंद है। इसलिए आप सभी से हमारी प्रार्थना है कि कोई भी रात्रि में पूज्य महाराज जी के दर्शन के लिए रास्ते में खड़े नहीं हों।”हालांकि, आश्रम की तरफ से दी गई जानकारी में अभी यह नहीं बताया गया है कि यात्रा कब तक बंद रहेगी? केली कुंज आश्रम के द्वारा भक्तों से अपील की गई है कि प्रेमानंद महाराज के द्वारा रात्रिकालीन यात्रा बंद कर दी गई है। इसलिए, दर्शन के लिए रास्ते में ना खड़े हों। जल ही पदयात्रा की सूचना दे दी जाएगी।
सेवादारों ने भक्तों से की अपील, कहा आप लोग लौट जाइए:
गौरतलब है कि पिछले 5 दिनों से प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा बंद है। उत्तर भारत के अतिरिक्त कई राज्यों से आए भक्तगण बिना दर्शन के ही निराश होकर यहां से लौट रहे हैं। वहीं शुक्रवार तड़के भी सड़क पर रंगोली सजाई गई थी, लोग भजन गा रहे थे। लेकिन सुबह होने के पश्चात भी महाराज बाहर नहीं आए।
वहीं कुछ देर बाद केली कुंज आश्रम के सेवादार बहत आए। गिर सेवादारों के द्वारा यह कहा गया कि प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य अभी सही नहीं है। इसलिए वह पदयात्रा नहीं करेंगे। आप लोग यहां से लौट जाइए। तत्पश्चात यात्रा मार्ग पर कतार में खड़े सभी भक्तगण बिना दर्शन किए ही निराश होकर लौट गए।
30 मार्च को मनाया गया था प्रेमानंद महाराज जी का जन्मदिन:
आपको बता दें कि संत प्रेमानंद महाराज का 30 मार्च को अर्थात हिंदू नववर्ष पर धूमधाम से जन्मदिन भी मनाया गया था। वहीं उनकी पदयात्रा में देशभर से करीब 2 लाख भक्त पहुंचे थे। हर कोई उनके दर्शन कर बधाई देने की चाहत लिए देर शाम से ही वहां पदयात्रा के रास्ते में खड़ा हो गया था।
वहीं भक्तों के द्वारा पदयात्रा का लगभग 2 किलोमीटर रास्ता भी सजाया गया था। इसके साथ ही 10 क्विंटल गेंदा तथा गुलाब के फूलों से सड़क पर ही रंगोली बनाई गई थी और लगातार आतिशबाजी भी की जा रही थी। साथ ही जगह-जगह भक्त राधा नाम का कीर्तन करते हुए भी दिखे दिए थे।जिसके पश्चात संत प्रेमानंद महाराज जी के द्वारा वृंदावन की श्री कृष्णम शरणम् सोसाइटी से सुबह तड़के 2 बजे ही अपनी पदयात्रा शुरू कर दी गई थी। जिसके पश्चात करीब 2 किलोमीटर का सफर तय करके वह रमणरेती स्थित अपने आश्रम केली कुंज पहुंचे थे। इस प्रकार लोगों के द्वारा धूमधाम से उनका जन्मदिन मनाया गया था।
जानिए आखिर प्रेमानंद महाराज को क्यों रोकनी पड़ती है अपनी पदयात्रा?
1)प्रेमानंद महाराज को 20 सालों से है किडनी की समस्या:
आपको बता दें कि केलि कुंज आश्रम के संत नवल नागरी दास महाराज के द्वारा यह बताया गया है कि प्रेमानंद महाराज को करीब 20 वर्षों से किडनी की समस्या है। वहीं पहले तो हफ्ते में सिर्फ 3 बार ही डायलिसिस होती थी। लेकिन अब यह समस्या काफी बढ़ गई है, जिस वजह से हफ्ते में 4 से 5 बार भी डायलिसिस की जा रही है। इसलिए स्वास्थ्य संबंधी समस्या दूर होने के पश्चात ही वह फिर से पैदल यात्रा कर पाएंगे।
2)सोसाइटी में ही की जाती है डायलिसिस:
गौरतलब है कि संत प्रेमानंद महाराज जी वृंदावन के श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी में रहते हैं और इस सोसाइटी में उनके कुल 2 फ्लैट हैं। HR 1 ब्लॉक के फ्लैट नंबर 209 तथा 212 उनके पास में हैं। वह 2 BHK के इन फ्लैट में से एक में रहते हैं जबकि दूसरे फ्लैट में उनके डायलिसिस का इंतजाम किया गया है। इस प्रकार इसी फ्लैट में उनका हफ्ते में 4 से 5 बार डायलिसिस किया जा रहा है।