Akshaya tritiya: हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को बेहद शुभ और अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इसका मतलब यह है कि इस दिन किसी भी शुभ काम के लिए अलग से मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती है। साल 2025 में अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल यानि आज मनाया जा रहा हैं। पंचांग के अनुसार, यह तिथि 29 अप्रैल की रात 11 बजकर 47 मिनट से शुरू हुई और आज 30 अप्रैल की रात 9 बजकर 37 मिनट तक समाप्त होगी। लेकिन उदया तिथि को देखते हुए पर्व आज ही 30 अप्रैल को ही मनाया जा रहा हैं।
अक्षय तृतीया पर बन रहे हैं कई शुभ संयोग
इस बार अक्षय तृतीया पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन गजकेसरी योग और अक्षय योग जैसे विशेष योगों का निर्माण हो रहा है जो इसे और भी फलदायी बना रहे हैं। पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार इस दिन रोहिणी नक्षत्र के साथ शोभन योग और शुभ नामक औदायिक योग भी बन रहा है जो खरीदारी और नए कार्यों की शुरुआत के लिए बेहद अनुकूल है। वहीं ज्योतिषाचार्य अनीता पाराशर बताती हैं कि जब चंद्रमा और गुरु का संयोग राशिचक्र के दूसरे, छठे, दसवें या ग्यारहवें भाव में होता है तब अक्षय योग बनता है जो स्थायी सुख और समृद्धि लाता है।
अक्षय तृतीया पर बन रहे ये शुभ मुहूर्त
इस दिन कई उत्तम मुहूर्त बन रहे हैं जो खासतौर पर खरीदारी, पूजन और निवेश के लिए शुभ माने गए हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:16 से 4:59 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:42 से शाम 6:47 तक
त्रिपुष्कर योग: सुबह 5:42 से शाम 5:31 तक
अमृत काल: दोपहर 4:40 से शाम 6:04 तक
खरीदारी करने के लिए शुभ समय
सुबह 5:32 से 8:36 तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:36 से 12:24 तक
दोपहर 3 बजे से सूर्यास्त तक चर और लाभ बेला
सोना खरीदने के लिए शुभ समय: सुबह 5:41 से दोपहर 2:12 तक
चौघड़िया मुहूर्त: सुबह 5:41 से 9:00 और फिर 10:39 से 12:18 तक
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कर सकते हैं ये उपाय
अक्षय तृतीया के दिन अगर आप धन की बरकत चाहते हैं तो इसके लिए एकाक्षी नारियल का उपाय बेहद असरदार माना गया है। आम नारियल में तीन आंखें होती हैं लेकिन एकाक्षी नारियल में केवल एक आंख होती है जिसे मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इस दिन इसे पूजा स्थल पर रखकर अक्षत, फूल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से विधिवत पूजा करें। इसके बाद इसे लाल कपड़े में लपेटकर अपने धन रखने वाले स्थान पर रखें। ऐसा करने से घर में कभी धन की कमी नहीं होती।
साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। मां लक्ष्मी को गुलाब या कमल का फूल अर्पित करें और खीर का भोग लगाएं। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
अक्षय फल देने वाली परंपरा
अक्षय तृतीया पर दान देने की परंपरा भी काफी महत्व रखती है। लोग इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्र, भोजन, धन या आभूषण दान करते हैं। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान अक्षय फल देता है। पुराणों के अनुसार पितरों का तर्पण या पिंडदान करना भी इस दिन शुभ माना गया है।