देहरादून: भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का असर अब उत्तराखंड की पर्वतीय सीमाओं तक पहुँच गया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से हालात इतने संवेदनशील हो गए हैं कि उत्तराखंड को युद्ध-स्तर की तैयारियों में झोंक दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को हाईलेवल आपात बैठक कर राज्य को फुल अलर्ट मोड पर डाल दिया है।चारधाम यात्रा, अंतरराष्ट्रीय सीमा, बाँध, ऊर्जा संयंत्र, हेलिपैड, धार्मिक स्थल, और सभी संवेदनशील ठिकानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राज्य के सभी अफसरों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। सीमावर्ती इलाकों में दवाइयों और राशन की सप्लाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।
CM धामी का अल्टीमेटम: "यह समय शांति नहीं, चौकसी का है!"
राज्य सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “उत्तराखंड, एक सीमावर्ती राज्य होने के नाते सबसे पहले टारगेट बन सकता है। हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा – चाहे वह युद्ध हो या आतंकी घुसपैठ।”बैठक में मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव गृह शैलेश बगौली और एडीजी अंशुमान सहित शीर्ष अफसर मौजूद थे।
बॉर्डर से लेकर बद्रीनाथ तक अलर्ट: हर चप्पे पर निगरानी:
गौरतलब हैं कि पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और संभावित युद्ध की आशंका के बीच उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों – पिथौरागढ़, चंपावत, धारचूला और उत्तरकाशी में सेना और स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन, इंटेलिजेंस नेटवर्क और थर्मल कैमरे लगाए जा रहे हैं।
चारधाम यात्रा में सुरक्षा का अभूतपूर्व घेरा:
आपको बता दें कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ऐसे में यात्रा मार्गों पर CRPF और ITBP की तैनाती, हर धाम में मेटल डिटेक्टर, बम डिस्पोजल यूनिट, और क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) तैनात की जा रही हैं।
CM धामी ने केंद्र सरकार से अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की मांग की थी, जिसपर गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त फोर्स भेजने की स्वीकृति दी है।
संवेदनशील प्रतिष्ठान – बाँध, प्लांट और टनल को लेकर सतर्कता:
उत्तराखंड के टिहरी डैम, कोटेश्वर परियोजना, NHPC, BHEL हारद्वार, और ITBP बेस कैंप जैसे राष्ट्रीय महत्व के प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को पुख्ता करने के निर्देश दिए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को मॉक ड्रिल करने और आपात स्थिति में रेस्पॉन्स टाइम जांचने के आदेश दिए गए हैं।
दवाइयों और राशन का युद्ध स्तर पर स्टॉकिंग:
विदित है कि CM ने स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिया है कि हर ज़िले के अस्पतालों में ICU बेड, दवाइयां, सर्जिकल किट और ऐंबुलेंस की उपलब्धता तुरंत सुनिश्चित की जाए। नागरिक आपूर्ति विभाग को निर्देश है कि राशन, पीने का पानी और जरूरी वस्तुओं का स्टॉक कम से कम एक महीने के लिए तैयार रखा जाए।
फर्जी खबरों से सावधान! सूचना विभाग को कंट्रोल रूम बनाने के आदेश:
मुख्यमंत्री ने फेक न्यूज और अफवाहों से निपटने के लिए सूचना विभाग को 24x7 कंट्रोल रूम बनाने का आदेश दिया है। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को एक्टिव कर दिया गया है कि "इस संकट में जनता को सिर्फ सही, प्रमाणिक और तुरंत जानकारी मिलनी चाहिए।"
छुट्टी कैंसिल: पूरे राज्य के अधिकारी अब मोर्चे पर:
आपको बता दें कि सभी जिलाधिकारियों, SSPs, तहसील स्तर तक अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। हर जिले में 'वार रूम' ऑपरेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं, जहां से हर पल की निगरानी होगी।
जनता से अपील: डरें नहीं, सतर्क रहें!
राज्य सरकार ने नागरिकों से शांति बनाए रखने, अफवाहों से दूर रहने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। CM धामी ने कहा कि "सरकार हर संभव उपाय कर रही है। हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं, लेकिन सतर्कता से ही जीत संभव है!"हालांकि राज्य सरकार इसे "सावधानी के तौर पर उठाया गया कदम" बता रही है, लेकिन चाल, चरित्र और तैयारी देखकर साफ है कि उत्तराखंड में अब युद्ध जैसी व्यवस्था लागू हो चुकी है। सीमा पर सेना, धामों में बल, बाजारों में राशन स्टॉकिंग और अफसरों की छुट्टी रद्द—ये सब संकेत हैं कि राज्य अब किसी भी अनहोनी के लिए तैयार खड़ा है।