वृंदावन/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज के बीच बयानबाज़ी ने एक बार फिर राजनीतिक और धार्मिक गलियारों में खलबली मचा दी है। विवाद की जड़ एक ढाई साल पुराना वीडियो है, लेकिन जब से सोशल मीडिया पर यह वायरल हुआ है, तब से “हमारा रास्ता अलग” लाइन सुर्खियों में है।
अनिरुद्धाचार्य बोले -मुसलमानों से क्यूँ नहीं कहते :
आपको बता दें कि 2 साल पुराने वीडियो के वायरल होने पर अब वृंदावन में अनिरुद्धाचार्य महाराज ने सार्वजनिक मंच से अखिलेश को खुला जवाब देते हुए सवाल उठाया कि – “मुझसे कहते हैं कि हमारा और आपका रास्ता अलग... पर क्या कभी उन्होंने मुसलमानों से कहा कि तुम्हारा रास्ता अलग, हमारा अलग? नहीं! उनसे तो कहते हैं कि तुम्हारा रास्ता और हमारा रास्ता एक ही है! ये दोहरापन कैसा? अगर राजा के दिल में ही द्वेष हो, तो प्रजा का भला कैसे होगा?””
कहा से शुरू हुआ विवाद?
गौरतलब है कि ये घटना 2023 के लोकसभा चुनाव से पहले की बताई जा रही है, जब आगरा एक्सप्रेसवे पर एक अनौपचारिक मुलाकात के दौरान अखिलेश यादव और अनिरुद्धाचार्य के बीच बातचीत बहस में बदल गई थी। उस समय का वीडियो अब वायरल हो चुका है। इस दौरान 2 मुद्दे पर दोनों भीड़ गए थे।
1. भगवान श्रीकृष्ण का पहला नाम :
आपको बता दें कि जो पहला वीडियो वायरल हो रहा उसमें अखिलेश यादव ने सवाल किया – “श्रीकृष्ण का पहला नाम क्या था?”
अनिरुद्धाचार्य ने जवाब दिया – “वासुदेव नंदन।” अखिलेश ने तंज कसा – “नाम तो मां रखती है, ये तो पिता से जुड़ा नाम है।” और फिर बोले – “इसे लाइव करो!”
2. वर्ण व्यवस्था पर बहस:
गौरतलब है कि दूसरा वीडियो जो वायरल हो रहा उसमें जब अनिरुद्धाचार्य ने ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र की परंपरागत चर्चा की, तो अखिलेश ने सख्त लहजे में कहा – "आइंदा किसी को शूद्र मत कहना।”
और फिर बयान दिया – “अब से हमारा और आपका रास्ता अलग है।”
अनिरुद्धाचार्य का पलटवार :
विदित है कि अब जब यह वीडियो सुर्खियों में आया है, तो अनिरुद्धाचार्य ने मंगलवार को तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा : “मैंने कोई गलती नहीं की। मैंने वही कहा जो शास्त्र और सत्य के अनुसार था। अगर सही कहना अपराध है तो मैं वो अपराध हर बार करूंगा।” “मुझे दुख इस बात का है कि एक नेता, जिसे समाज को जोड़ना चाहिए, वो राजनीतिक लाभ के लिए समाज को बाटने वाले संवाद दे रहा है।”
राधिका हत्याकांड पर भी बोले :
गौरतलब है कि वृंदावन में प्रवचन के दौरान अनिरुद्धाचार्य ने गुरुग्राम में टेनिस प्लेयर राधिका यादव की हत्या पर भी बयान दिया कि : "उसका हत्यारा उसका पिता नहीं, समाज है। समाज ने उसके पिता के मन में ज़हर भरा। अगर मैं समाज की बातों में आता तो अब तक आत्महत्या कर लेता।” उन्होंने समाज की दोहरी मानसिकता पर भी तीखा हमला किया और कहा कि: "शराबी-गंजेड़ी से समाज कुछ नहीं कहता, लेकिन जो आगे बढ़े, उसे रोकता है। राधिका की हत्या इसी घृणित मानसिकता का ही अंजाम है।” उन्होंने कहा कि : “लोगों के तानों व ज़हरीली सोच ने एक पिता को अपनी मासूम बेटी का कातिल बना दिया। ये वही समाज है जो शराबियों को माफ कर देता है, लेकिन किसी आगे बढ़ती लड़की को बर्दाश्त नहीं करता।”
एक धार्मिक संत और एक राजनीतिक नेता की यह टकराव सिर्फ एक व्यक्तिगत बहस नहीं, बल्कि समाज, धर्म और राजनीति के आपसी टकराव की झलक है। अब देखना ये होगा कि अखिलेश यादव इस बयानबाज़ी पर फिर कुछ बोलते हैं या चुप्पी साधते हैं।