नई दिल्ली: देश के सबसे प्रतिष्ठित सेवा आयोग यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) को अब एक ऐसा चेयरमैन मिला है, जिसने देश की रक्षा नीति और सैन्य ढांचे को जड़ से बदल देने वाले फैसले किए। मंगलवार, 14 मई को भारत सरकार ने पूर्व रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार को UPSC का नया चेयरमैन नियुक्त कर दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद उनकी नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी किया गया। डॉ. कुमार का कार्यकाल अक्टूबर 2027 तक है।
CDS पद और अग्निपथ योजना के योजनाकार रहे हैं अजय कुमार:
गौरतलब है कि डॉ. अजय कुमार का करियर एक सख्त प्रशासक और टेक्नोक्रेट के रूप में देखा जाता है। बतौर रक्षा सचिव, उन्होंने भारत में Chief of Defence Staff (CDS) पद की नींव रखी और अग्निपथ योजना के जरिए सेना में शॉर्ट-टर्म सेवा का रास्ता खोला, जिसे आज भी देशभर में लेकर तीखी बहस जारी है। उनका ये कार्यकाल रक्षा मंत्रालय में सबसे लंबा माना जाता है।
IIT से इंजीनियरिंग, अमेरिका से PhD और स्टार्टअप तक का सफर:
आपको बता दें कि उन्होंने IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की और फिर यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा, USA से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में PhD की। केरल कैडर के IAS अधिकारी रहे डॉ. कुमार ने अपने करियर की शुरुआत KELTRON से की और पलक्कड़ के कलेक्टर बने। IT सचिव रहते हुए उन्होंने डिजिटल इंडिया की नींव रखी और आधार, यूपीआई, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस जैसे प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाया।
सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने MGF-कवच नामक हेल्थ-टेक स्टार्टअप की शुरुआत की और ₹250 करोड़ का निवेश जुटाया। वह IIT कानपुर में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे हैं।
सम्मान और पहचान: एक टेक्नोक्रेट का प्रभावशाली प्रोफाइल:
जानकारी के अनुसार उन्हें 2013 में ‘इलेक्ट्रॉनिक्स लीडर ऑफ द ईयर’ और 2019 में एमिटी यूनिवर्सिटी से ऑनरेरी डॉक्टरेट मिली। वे एशिया पोस्ट के टॉप 50 ब्यूरोक्रेट्स में शामिल रहे और IIT कानपुर ने उन्हें डिस्टिंग्विश्ड एलुमिनाई का सम्मान दिया।
UPSC के लिए क्या बदलने वाला है:
अब देखना यह होगा कि क्या अजय कुमार की नियुक्ति UPSC की परंपरागत सोच को बदलने का संकेत है के रूप में किया गया है, अब सिविल सेवा चयन प्रक्रिया में राष्ट्रवाद, रणनीतिक सोच और टेक्नोलॉजी की समझ को अधिक महत्व मिल सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जिस अधिकारी ने सेना में बुनियादी सुधार किए, वो अब प्रशासनिक सेवा में कैसे सुधार करेंगें।
कैसे होती है UPSC चेयरमैन की नियुक्ति? :
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 316(1) के अनुसार UPSC चेयरमैन की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। चेयरमैन या सदस्य 6 वर्षों तक या 65 साल की उम्र तक (जो पहले हो) पद पर रहते हैं। कार्यकाल समाप्त होने के बाद वे फिर इस पद के लिए अयोग्य हो जाते हैं। चेयरमैन की सैलरी ₹2.5 लाख प्रति माह और सदस्यों की ₹2.25 लाख होती है।