नोएडा : नोएडा में पुलिस ने एक ऐसा फर्जी नेटवर्क उजागर किया है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। सेक्टर-70 में खुले-आम ‘इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो’ के नाम से एक नकली थाना चलाया जा रहा था। यहां बैठने वाले लोग खुद को विदेशी पुलिस या किसी अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी (CIB) के अधिकारी बताते थे।
फेस-3 थाना पुलिस ने रविवार को इस ठिकाने पर छापा मारकर 6 लोगों को दबोच लिया। इनके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, नकली आईडी कार्ड, बैंक पासबुक, चेकबुक, स्टांप और सरकारी प्रतीकों की कॉपी बरामद हुई है।
लोगों को फंसाने की साजिश :
आपको बता दें कि पुलिस के मुताबिक, यह मामला गाजियाबाद में कुछ समय पहले पकड़े गए फर्जी दूतावास कांड जैसा है। आरोपी सरकारी नाम और अधिकारों का इस्तेमाल करके लोगों को अपनी ‘अंतरराष्ट्रीय ताकत’ का डर दिखाना चाहते थे। डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि ये लोग खुद को ग्लोबल लेवल की जांच एजेंसी का हिस्सा बताते थे। फिर वेरिफिकेशन, केस इन्वेस्टिगेशन या इंटेरोगेशन के नाम पर लोगों से संपर्क करते और उन्हें अपने जाल में फंसा लेते।
नकली ठिकाने पर क्या मिला? :
गौरतलब है कि छापे के दौरान पुलिस को फर्जी इंटरनेशनल आईडी कार्ड्स, नकली स्टांप और लेटरहेड, सरकारी प्रतीकों की नकली कॉपी, बैंक से जुड़े दस्तावेज और पासबुक मिले हैं। इनसे साफ है कि आरोपी बड़े पैमाने पर ठगी की तैयारी कर रहे थे।
शिक्षा में साधारण, चाल में चालाक :
विदित है कि गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं, विभाष, अराग्य, बाबुल, पिन्टू पाल, समपम दल और आशीष। सभी पश्चिम बंगाल के कोलकाता, वीरभूम और 24 परगना जिले के रहने वाले हैं। इनमें से 4 सिर्फ 12वीं पास हैं, जबकि एक के पास बीए और दूसरे के पास एलएलबी की डिग्री है। लेकिन पढ़ाई से ज्यादा इन्होंने ‘अंतरराष्ट्रीय पुलिस’ का नाटक करने की कला सीख रखी थी।
अब होगा नेटवर्क का भंडाफोड़ :
आपकी जानकारी को बता दें कि पुलिस का मानना है कि यह सिर्फ एक छोटा हिस्सा है, इनके पीछे एक बड़ा नेटवर्क हो सकता है। इसलिए सेंट्रल जोन पुलिस ने आरोपियों के बैंक ट्रांजैक्शन, संपर्कों और फंडिंग की जांच शुरू कर दी है। जल्द ही इस गिरोह के बाकी चेहरों से भी पर्दा उठने की उम्मीद है।
नागरिकों के लिए सलाह :
गौरतलब है कि नागरिक ऐसे फर्जी लोगों का शिकार बनने से बचने के लिए निम्नलिखित तरीका अपना सकते हैं:
◼ किसी भी अज्ञात "अंतरराष्ट्रीय एजेंसी" के संपर्क में आने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
● आधिकारिक वेबसाइट या पुलिस हेल्पलाइन (112) से जांच करवाएं
● पहचान पत्र मांगने वालों का विवरण नोट कर लें
यह साइबर ठगी का नया तरीका हो सकता है, जहां पीड़ितों को अंतरराष्ट्रीय अपराध में फंसाने की धमकी दी जाती है। पुलिस को ऑनलाइन पोर्टल्स पर भी नजर रखने की जरूरत है, जहां ऐसे फर्जी संगठनों के विज्ञापन मिल सकते हैं।