नोएडा : तेजी से बढ़ते निवेश और ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहे नोएडा में अब जल्द ही सिटी लॉजिस्टिक प्लान (CLP) लागू होने जा रहा है। इस प्लान का मकसद है कच्चे और तैयार माल को कंपनियों और बाजार तक बिना किसी रुकावट और जाम के पहुँचाना। इससे 10 हजार से ज्यादा फैक्ट्रियों और उद्योगों को सीधा लाभ मिलेगा।
कैसे बनेगा प्लान?
आपको बता दें कि नोएडा प्राधिकरण ने इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी कर दिया है। इसके लिए 27 अक्टूबर तक कंपनियां आवेदन कर सकती हैं। चयनित सलाहकार कंपनी शहर की सड़कों, वेयरहाउस और इंडस्ट्री जोन का पूरा मैप तैयार करेगी। प्लान के तहत यह तय होगा कि कौन सी सड़कें माल ढुलाई के लिए उपयोग होंगी, कहाँ ट्रक पार्किंग बनेगी और लोडिंग-अनलोडिंग की सुविधाएँ कैसे होंगी। इन सारे प्लान की तैयारी नोएडा प्राधिकरण द्वारा कर ली गयी है, जल्द ही कम्पनी चयनित हो जाएगी इससे काम तेजी से आगे बढ़ेगा।
वर्तमान समस्या क्या है?
गौरतलब है कि अभी नोएडा में ट्रकों की आवाजाही का कोई ठोस मैनेजमेंट प्लान नहीं है। भारी वाहन अक्सर आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों में घुस जाते हैं। इससे जाम और प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है। लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भी प्रभावित होती है। साथ ही प्रदूषण की बड़ी समस्या लंबे अरसे समय तक बना हुआ है।
क्या बदल जाएगा नए CLP से?
आपको बता दें कि भारी वाहनों की आवाजाही सिर्फ नॉन-पीक आवर्स में होगी। वेयरहाउस से बाजार तक माल ढुलाई की सटीक रूटिंग होगी। ई-कॉमर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा जैसे अलग-अलग सेक्टर्स के लिए स्पेशल प्लान बनेगा। माल ढुलाई भागीदारी समिति (Freight Partnership Committee) बनाई जाएगी, जिसमें सरकारी अधिकारी, उद्योगपति, लॉजिस्टिक प्रदाता और विशेषज्ञ शामिल होंगे।
इसका क्या होगा फायदा?
गौरतलब है इस नए लॉजिस्टिक पार्क से निम्नलिखित फायदा होगा।
●10 हजार से ज्यादा फैक्ट्रियों को सुचारू सप्लाई चेन मिलेगी।
●ट्रैफिक जाम और प्रदूषण में कमी आएगी।
●कंपनियों का समय और लागत दोनों बचेंगे।
●नोएडा नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी से जुड़कर भारत का बड़ा लॉजिस्टिक हब बन सकेगा।
नोएडा प्राधिकरण का यह कदम न सिर्फ ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या को हल करेगा, बल्कि उद्योग जगत को भी नई ऊर्जा देगा। सीएलपी लागू होने के बाद नोएडा, दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब बनने की ओर बढ़ेगा । सवाल यह है कि क्या यह प्लान सिर्फ कागजों तक सीमित रहेगा या सच में ट्रैफिक से जूझते लोगों और कारोबारियों को राहत दिलाएगा?