नोएडा यमुना पुश्ता पर, नहीं बन पाएगा एलीवेटेड एक्सप्रेसवे; गहराया संकट!: सिंचाई विभाग ने शासन को भेजी सुरक्षा रिपोर्ट, अब NGT...जानें क्या आ रही हैं अडचनें?
नोएडा यमुना पुश्ता पर, नहीं बन पाएगा एलीवेटेड एक्सप्रेसवे; गहराया संकट!

नोएडा: नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बढ़ते ट्रैफिक का बोझ कम करने के लिए यमुना पुश्ता पर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे बनाने की योजना को अब बड़ा झटका मिल गया है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने साफ कर दिया है कि तटबंध पर सीधा एलिवेटेड एक्सप्रेसवे नहीं बनाया जा सकता। विभाग ने शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि ऐसा करने से तटबंध की संरचना कमजोर हो जाएगी और भविष्य में बाढ़ के समय नोएडा की आबादी में पानी घुसने का खतरा बढ़ जाएगा।

क्या कहा सिंचाई विभाग ने?

आपको बता दें कि सिचाई विभाग ने कहा कि तटबंध नोएडा शहर को बाढ़ से बचाने के लिए है। एलिवेटेड रोड के लिए 40 मीटर गहरे पिलर डालने से तटबंध कमजोर हो जाएगा। इससे सीपेज (पानी का रिसाव) की समस्या खड़ी होगी और यमुना का पानी आबादी में घुस सकता है। अगर एक्सप्रेसवे बनाना है, तो तटबंध के आसपास या डूब क्षेत्र में पिलर डालकर बनाया जाए।

NGT से लेनी होगी इजाजत

गौरतलब है कि सिंचाई विभाग ने सुझाव दिया है कि परियोजना को नया स्वरूप दिया जाए और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) से अनुमति लेकर ही इसे आगे बढ़ाया जाए। जैसे रेलवे, मेट्रो और अन्य एलिवेटेड प्रोजेक्ट्स में अनुमति ली गई है।

राजनीतिक दबाव और मांगें:

विदित है कि सांसद डॉ. महेश शर्मा और जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मांग की थी कि जेवर एयरपोर्ट शुरू होने के बाद बढ़ने वाले ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए इस समानांतर एक्सप्रेसवे की जरूरत है। विधायक धीरेंद्र सिंह का कहना है कि ठोस पैरवी की जा रही है और जल्द इसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से बनवाने की दिशा में काम होगा।

अभी क्यों रुकी योजना?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पीडब्ल्यूडी ने सिंचाई विभाग से NOC मांगी थी। लेकिन सुरक्षा कारणों से NOC जारी नहीं की गई। इसी कारण यह मार्ग अब तक NHAI घोषित नहीं हो पाया है।

नोएडा प्राधिकरण का बयान:

गौरतलब है कि नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने कहा है कि अब परियोजना पर नए सिरे से कार्ययोजना तैयार की जाएगी। सभी तकनीकी पहलुओं का अध्ययन होगा और उसके बाद विभागों के साथ मिलकर ठोस रोडमैप तय किया जाएगा।

इसका मतलब साफ है कि यमुना पुश्ता पर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे सीधे तौर पर अब नहीं बन पाएगा। सरकार और विभागों को मिलकर नए विकल्प पर काम करना होगा। फिलहाल, विभागों की खींचतान और तकनीकी अड़चन का खामियाजा आम जनता को बढ़ते ट्रैफिक जाम के रूप में भुगतना पड़ रहा है।

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