यूपी को मिल सकती है पहली महिला DGP!: रेस में तिलोत्तमा वर्मा सबसे आगे...वही प्रशांत कुमार को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी?
यूपी को मिल सकती है पहली महिला DGP!

 लखनऊ: उत्तर प्रदेश में डीजीपी की कुर्सी को लेकर जबरदस्त घमासान मचा है। मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार 31 मई को रिटायर हो रहे हैं और उनके उत्तराधिकारी को लेकर पुलिस महकमे से लेकर सत्ता के गलियारों तक सरगर्मी तेज हो चुकी है। चर्चा ये भी है कि योगी सरकार उन्हें सेवा विस्तार दे सकती है, मगर इस बीच एक ऐसा नाम तेजी से उभरा है जो इतिहास रच सकता है वो नाम है तिलोत्तमा वर्मा का। अगर उन्हें डीजीपी बनाया गया, तो वो उत्तर प्रदेश की पहली महिला पुलिस प्रमुख बन जाएंगी।

प्रशांत कुमार का होगा सेवा विस्तार या मिलेगी नई जिम्मेदारी? -

गौरतलब है कि प्रशांत कुमार, 1990 बैच के आईपीएस, फिलहाल कार्यवाहक डीजीपी हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद भरोसेमंद माने जाते हैं। 2017 में कांवड़ यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई थी। मेरठ जोन के एडीजी रहते हुए उनका एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अवतार भी खूब सुर्खियों में रहा। चार गैलेंट्री अवॉर्ड और तमाम प्रशस्तियों के साथ वे इस पद के मजबूत दावेदार हैं। हालांकि, अभी तक किसी कार्यवाहक डीजीपी को सेवा विस्तार नहीं मिला है, लेकिन अगर योगी सरकार ऐसा करती है तो यह भी एक नई परंपरा बन सकती है। सूत्रों की मानें तो अगर सेवा विस्तार नहीं मिला, तो प्रशांत कुमार को अमृतकाल के आयोजनों या किसी बड़ी केंद्रीय जिम्मेदारी से नवाजा जा सकता है।

डीजीपी की रेस में कौन-कौन? -

आपको बता दें कि जैसे-जैसे 31 मई नजदीक आ रही है, डीजीपी की दौड़ में शामिल नामों को लेकर चर्चाएं गर्म हो रही हैं, जिनमें ये नाम प्रमुख चर्चा के केंद्र में हैं।

●राजीव कृष्ण: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष और विजिलेंस निदेशक। सीनियरिटी और अनुभव दोनों में मजबूत।

●बीके मौर्या और एमके बशाल: तकनीकी दक्षता और सेवा रिकॉर्ड के कारण चर्चा में।

●दलजीत सिंह चौधरी: फिलहाल BSF में डीजी, लेकिन डीजीपी की रेस में सबसे मजबूत नाम। उनकी वापसी के लिए केंद्र से सहमति जरूरी होगी।

●आलोक शर्मा: SPG प्रमुख, लेकिन अभी रिटायरमेंट में समय है।

सम्भावित महिला डीजीपी की भी दस्तक :

सूत्रों के अनुसार डीजी प्रशिक्षण तिलोत्तमा वर्मा का नाम अब सबसे चौंकाने वाले विकल्प के रूप में सामने आया है। अगर उन्हें नियुक्त किया गया, तो वह यूपी की पहली महिला डीजीपी होंगी। एक ऐसा पद जहां अब तक केवल पुरुषों का वर्चस्व रहा है। उनका सेवा काल अभी छह महीने से अधिक बचा है, जो नियमों के मुताबिक जरूरी है। तिलोत्तमा लंबे समय तक CBI और महिला सुरक्षा से जुड़ी जिम्मेदारियों में रहीं हैं। उनके पति आशीष गुप्ता, जो खुद एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं, ने हाल ही में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन किया है। इसे लेकर भी अटकलें हैं कि शायद कोई बड़ी नियुक्ति या बदलाव होने वाला है।

चुनने के नियम बदले, प्रक्रिया टली :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बात यह है कि यूपी सरकार ने छह महीने पहले डीजीपी चयन के लिए एक नई नियमावली बनाई थी, जिसमें एक छह सदस्यीय समिति को चयन की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन वह नियमावली अभी तक लागू नहीं की गई। ऐसे में पुरानी प्रक्रिया यानी यूपीएससी और केंद्र सरकार के पैनल पर ही फिलहाल भरोसा करना पड़ सकता है।

तीन साल से कोई स्थायी डीजीपी नहीं,सुप्रीम कोर्ट भी नाराज -

विदित है कि 11 मई 2022 को मुकुल गोयल के हटने के बाद से अब तक यूपी को कोई स्थायी डीजीपी नहीं मिला है। प्रशांत कुमार भी कार्यवाहक पद पर ही रहे। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी समेत कई राज्यों को इस मामले में नोटिस भी जारी किया था।

अब आगे क्या?

गौरतलब है कि 31 मई नजदीक है। तीन डीजी रैंक के अधिकारी रिटायर हो रहे हैं। यूपी पुलिस में सीनियरिटी, अनुभव और प्रशासनिक समीकरणों का ऐसा संगम बन चुका है जहां किसी भी समय बड़ा फैसला सामने आ सकता है। क्या तिलोत्तमा वर्मा इतिहास रचेंगी? क्या प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलेगा या कोई केंद्रीय पदभार? या फिर कोई चौंकाने वाला नाम मैदान में उतरेगा? इन सवालों के जवाब आने वाले हफ्तों में मिल जाएंगे।

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