उत्तर प्रदेश पुलिस में तबादलों से मचा हड़कंप!: 48 PPS अफसरों के ट्रांसफर, ‘गाजी मियां मेला’ रोकने वाले ASP सम्भल से इटावा, वहीं नोएडा कमिश्नरेट में इनकी हुई तैनाती?
उत्तर प्रदेश पुलिस में तबादलों से मचा हड़कंप!

 लखनऊ/नोएडा:  उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में एक बार फिर तबादलों की सुनामी आ गई है। डीजीपी प्रशांत कुमार के रिटायरमेंट से ठीक पहले 48 वरिष्ठ पीपीएस (Provincial Police Service) अफसरों का एक साथ तबादला कर दिया गया। इन तबादलों की सूची में कई बड़े और विवादों में रहे अफसरों के नाम हैं, जिनमें गाजी मियां मेले को रोकने वाले चर्चित ASP श्रीशचंद्र और पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘कलमा’ पोस्ट कर सुर्खियों में आए ASP अनिल कुमार द्वितीय भी शामिल हैं। वहीं नोएडा कमिश्नरेट में मनीषा सिंह(ASP सेंट्रल लखनऊ) की तैनाती की गई है 

राहुल श्रीवास्तव फिर बने डीजीपी मुख्यालय के PRO:

जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय में एक बार फिर भरोसेमंद अफसर की वापसी हुई है। एडिशनल एसपी राहुल श्रीवास्तव को डीजीपी का नया जनसंपर्क अधिकारी (PRO) बनाया गया है। वे पहले भी इस पद पर रह चुके हैं और सोशल मीडिया के संचालन में माहिर माने जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, डीजीपी प्रशांत कुमार की यह ‘फेयरवेल टीम’ मानी जा रही है, जिन पर वे रिटायरमेंट से पहले भरोसा जता रहे हैं।

‘गाजी मियां मेला’ रोकने वाले ASP श्रीशचंद्र संभल से हटाए गए:

आपको बता दें कि संभल में तीन साल तक एएसपी रहे श्रीशचंद्र को इटावा ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से गाजी मियां मेले को रोकने का एलान किया था। उनका बयान था कि

 “जिसने देश को लूटा, उसके नाम पर मेला नहीं होने दूंगा” – विवादों में रहा। उन्होंने यह भी कहा था कि “मेले की ढाल गाड़ने की कोशिश राष्ट्रद्रोह मानी जाएगी।”

'कलमा' पोस्ट करने वाले ASP अनिल कुमार द्वितीय का भी ट्रांसफर:

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद ललितपुर के ASP अनिल कुमार द्वितीय ने ट्विटर पर एक धार्मिक 'कलमा' पोस्ट किया था, जिसके बाद वे कटघरे में आ गए। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सवाल उठाए कि क्या एक अधिकारी को ऐसी पोस्ट करनी चाहिए? अब उन्हें सोनभद्र ट्रांसफर कर दिया गया है। 

किसे कहां भेजा गया – अन्य महत्वपूर्ण तबादले:

●मनीषा सिंह (ASP सेंट्रल लखनऊ) को नोएडा कमिश्नरेट भेजा गया।

●राजेश कुमार श्रीवास्तव (ASP कानपुर) को संभल ASP उत्तरी बनाया गया।

●प्रवीण रंजन सिंह (सीतापुर) को नोएडा कमिश्नरेट भेजा गया।

●दुर्गेश कुमार सिंह (प्रतापगढ़) को सीतापुर दक्षिणी और शैलेंद्र लाल (आजमगढ़) को प्रतापगढ़ भेजा गया।

●मुकेश प्रताप सिंह (ASP क्राइम बरेली) को CID मुख्यालय भेजा गया।

●नम्रता श्रीवास्तव (बलरामपुर) को वाराणसी कमिश्नरेट में नई तैनाती मिली।

●डॉ. अरविंद कुमार (मथुरा) को झांसी ग्रामीण और गोपीनाथ सोनी (झांसी) को बरेली एलआईयू भेजा गया।

●जौनपुर के शैलेन्द्र कुमार सिंह को अमेठी।

महानगरों में भी बदले अफसर:

गौरतलब है कि कानपुर कमिश्नरेट की अमिता सिंह को आगरा कमिश्नरेट, पीएसी मुख्यालय के कपिल देव सिंह को कानपुर, कानपुर के मनोज पांडेय को वाराणसी, और वाराणसी के राजेश पांडेय प्रथम को कानपुर में तैनात किया गया है।

बलरामपुर की नम्रता श्रीवास्तव को वाराणसी, बरेली के मुकेश प्रताप सिंह को सीआईडी मुख्यालय, और मनीष चंद्र सोनकर को बरेली क्राइम का दायित्व मिला है।

इन्हें भी मिले महत्वपूर्ण दायित्व :

प्राप्त जानकारी के अनुसार अयोध्या के मधुवन कुमार सिंह को आजमगढ़ सिटी, कानपुर के विजेंद्र द्विवेदी को बदायूं सिटी, बदायूं के अमित किशोर श्रीवास्तव को बिजनौर पूर्वी, और मथुरा के त्रिगुण बिसेन को फिरोजाबाद ग्रामीण भेजा गया है।

वहीं इटावा के सत्यपाल सिंह को चित्रकूट, संभल के श्रीश्चंद्र को इटावा ग्रामीण, ललितपुर के अनिल कुमार द्वितीय को सोनभद्र सिटी, और सोनभद्र के कालू सिंह को ललितपुर भेजा गया है।

बिजनौर के धर्म सिंह मार्छाल को 23वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद, ईओडब्लू के महेंद्र पाल सिंह को फतेहपुर, एसएसएफ के सुरेश चंद्र रावत को मथुरा ग्रामीण, और कमल किशोर को मुख्यालय में नई जिम्मेदारी मिली

रूटीन तबादले या बड़ा प्लान? :

आपको बता दें कि राजनीतिक गलियारों में इस तबादले को सिर्फ एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं माना जा रहा। डीजीपी प्रशांत कुमार इसी महीने 31 मई को रिटायर हो रहे हैं और इससे पहले ये बड़ा प्रशासनिक फेरबदल कई तरह के संदेश दे रहा है। कुछ इसे “पसंदीदा अफसरों को सेट करने की कवायद” मान रहे हैं, तो कुछ इसे आगामी 2027 विधानसभा चुनावों की तैयारी से जोड़ रहे हैं।

यह तबादला सूची उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में प्रशासनिक दक्षता और प्रभावशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है।  अधिकारियों को नई जिम्मेदारियों के साथ उनके अनुभव और कौशल के अनुसार तैनात किया गया है, जिससे राज्य में कानून व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके।

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