लखनऊ: लखनऊ की सड़कों पर भीषण ट्रैफिक का कहर झेल रहे लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। चारबाग से वसंतकुंज तक मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (PIB) की मंजूरी मिल चु```की है और अब अंतिम मुहर के लिए यह प्रस्ताव केंद्रीय कैबिनेट के पास गया है। घनी आबादी, संकरी गलियों और ऐतिहासिक बाजारों से होकर गुजरने वाली यह मेट्रो लाइन अब लखनऊ के पुराने और नए चेहरों को एक-दूसरे से जोड़ने जा रही है।
5801 करोड़ की परियोजना, 12 स्टेशन और भूमिगत सुरंगें :
जानकारी के अनुसार इस परियोजना में करीब 11.2 किमी लंबे परियोजना में से 6.8 किमी हिस्सा भूमिगत होगा, यानी चौक, अमीनाबाद और पांडेयगंज जैसे इलाकों के नीचे से मेट्रो दौड़ेगी। बाकी का 4.286 किलोमीटर रूट एलिवेटेड होगा, जहां से ट्रेनें ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज और मूसाबाग के ऊपर उड़ती दिखाई देंगी इनमें 12 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड होंगे।
यह परियोजना 4 से 5 साल में पूरी हो सकती है और 2029 तक मेट्रो ट्रेनें इस कॉरिडोर पर दौड़ सकती हैं।
अमीनाबाद की गलियों से निकलकर वसंतकुंज तक पहुंचेगा लखनऊ मेट्रो :
आपको बता दें कि यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) के एमडी सुशील कुमार ने इस प्रोजेक्ट को शहरी क्रांति करार दिया है। उन्होंने कहा कि "पुराने लखनऊ की विरासत और नए लखनऊ की रफ्तार अब एक ही पटरी पर दौड़ेंगी। ये सिर्फ मेट्रो नहीं, लखनऊ की सांस्कृतिक और आर्थिक धड़कनों को जोड़ने वाला धागा है।"
चारबाग इंटरचेंज से मिलेगी दोनों दिशा की मेट्रो :
रिपोर्ट के अनुसार यह नया कॉरिडोर चारबाग मेट्रो स्टेशन को नॉर्थ-साउथ लाइन से जोड़ेगा, जहां यात्री आसानी से लाइन बदलकर सीसीएस एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक के 21 स्टेशनों वाले पहले फेज से कनेक्ट हो सकेंगे। इस इंटरचेंज सुविधा से पूरे शहर का मेट्रो नेटवर्क 35 किमी तक फैल जाएगा।
PIB से मंजूरी, कैबिनेट में आखिरी पड़ाव :
रिपोर्ट के अनुसार इस कॉरिडोर की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को मार्च 2024 में ही प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी थी। इसके बाद जुलाई 2024 में नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) ने भी इसे हरी झंडी दी थी। अब PIB की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट की अंतिम स्वीकृति के लिए इसे भेजा गया है। जैसे ही यह मंजूरी मिलती है, निर्माण कार्य की शुरुआत हो जाएगी।
स्टेशनवार लिस्ट – किन इलाकों को जोड़ेगी मेट्रो :
भूमिगत स्टेशन: चारबाग, गौतम बुद्ध मार्ग (लाटूश रोड), अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी स्टेशन, मेडिकल कॉलेज चौराहा, चौक
एलिवेटेड स्टेशन: ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग, वसंतकुंज
जानें क्यों है यह प्रोजेक्ट इतना अहम:
आपको बता दें कि पुराने लखनऊ में ट्रैफिक की सबसे बड़ी चुनौती है, संकरी गलियां, भारी भीड़ और सीमित सार्वजनिक परिवहन नें जाम की समस्या बढ़ा दी है। मेट्रो बनते ही अमीनाबाद और चौक जैसे इलाकों में बड़ी राहत मिलेगी। इस परियोजना से बसंतकुंज जैसी नई कॉलोनियों को सीधे मेट्रो से जोड़ा जाएगा, जहां अब तक कोई तेज ट्रांसपोर्ट सुविधा नहीं थी। वहीं इस प्रोजेक्ट के जरिए स्मार्ट सिटी मिशन और पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य को भी मजबूती मिलेगी।