वॉशिंगटन/नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक और बड़ा धमाका कर दिया। इस बार निशाने पर है फिल्म इंडस्ट्री। ट्रंप ने ऐलान किया है कि अमेरिका के बाहर बनने वाली सभी फिल्मों पर अब 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। उनका आरोप है कि विदेशी कंपनियों ने अमेरिकी फिल्म उद्योग को “चोरी” किया है। इस फैसले ने न सिर्फ हॉलीवुड और ग्लोबल फिल्म जगत में भूचाल ला दिया है, बल्कि भारतीय सिनेमा, खासकर साउथ फिल्म इंडस्ट्री में खलबली मचा दी है।
सोशल ट्रुथ पर ट्रंप का बयान :
आपको बता दें कि ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि "हमारा मूवी निर्माण बिजनेस हमसे ऐसे चोरी किया गया, जैसे किसी बच्चे से कैंडी छीन ली जाए। अब इसका हिसाब होगा। विदेशी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगेगा।" उन्होंने कैलिफोर्निया के गवर्नर को अक्षम बताया और कहा कि इसी कारण यह राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ।
हॉलीवुड और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर असर :
गौरतलब है कि ट्रंप के इस फैसले से नेटफ्लिक्स के शेयर 1.4% गिरे। वहीं वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी के शेयर 0.6% नीचे गए। हॉलीवुड स्टूडियोज और स्ट्रीमिंग कंपनियां इस फैसले के प्रभाव का आकलन करने में जुट गई हैं। विश्लेषकों का कहना है कि विदेशी फिल्मों की कीमत अमेरिकी थिएटरों में दोगुनी हो जाएगी, जिससे दर्शकों की जेब पर सीधा बोझ बढ़ेगा।
भारतीय साउथ फिल्मों पर सीधा खतरा :
आपको बता दें कि ट्रंप का यह फैसला भारतीय सिनेमा, खासकर साउथ फिल्म इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका है। अमेरिका साउथ फिल्मों का सबसे बड़ा विदेशी बाजार है। दशहरा से पहले ही 20 से ज्यादा साउथ फिल्में रिलीज होने वाली हैं जिनमें ‘कांतारा चैप्टर 1’ सबसे प्रमुख है। ब्लॉकबस्टर फिल्मों की कमाई का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है।
अब तक साउथ फिल्मों का अमेरिकी रिकॉर्ड :
गौरतलब है कि साउथ की फिल्में अमेरिका में काफी अच्छा बिजिनेस करती आई हैं जिसमें से ‘बाहुबली 2’ ने अमेरिका में 22 मिलियन डॉलर कमाए। वहीं ‘कल्कि 2898 एडी’ ने लगभग 18.5 मिलियन डॉलर का बिजनेस किया। इसके साथ ही कई फिल्में हैं जो अमेरिका में सैकड़ों स्क्रीन पर रिलीज होकर मेकर्स को भारी मुनाफा दिलाती रही हैं। अब नए टैरिफ से यह रास्ता मुश्किल हो जाएगा।
फिल्म समीक्षकों की राय :
विदित है कि फिल्म समीक्षक प्रसेन बेल्लमकोंडा ने कहा "कम से कम 20 बड़ी फिल्में अगले 2–3 महीनों में रिलीज होंगी। हर फिल्म का बजट लगभग 300 करोड़ रुपये है। अमेरिकी बाजार उनके लिए लाइफलाइन जैसा है। एक अमेरिकी टिकट की कीमत भारत के 10 टिकटों के बराबर है। टैरिफ से सीधा मुनाफा आधा हो जाएगा।"
फर्नीचर और अन्य सामान पर भी टैरिफ :
आपको बता दें कि फिल्मों के अलावा, ट्रंप ने फर्नीचर और अन्य विदेशी उत्पादों पर भी भारी टैरिफ लगाने की बात कही है। उनका दावा है कि इस कदम से अमेरिका का घरेलू उत्पादन बढ़ेगा और इंडस्ट्री को राहत मिलेगी।
ट्रंप का यह कदम वैश्विक फिल्म उद्योग के लिए बड़ा झटका है। अमेरिका में विदेशी फिल्मों की लागत दोगुनी हो जाएगी। साउथ इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि वहां की फिल्में अमेरिका में करोड़ों डॉलर कमाती रही हैं। हॉलीवुड और वैश्विक वितरक अब इस फैसले का विरोध करने या इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाने पर विचार कर सकते हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रंप का यह टैरिफ अमेरिकी फिल्म उद्योग को बचाएगा या फिर वैश्विक मनोरंजन जगत को संकट में धकेल देगा?