अब स्टूडेंट किताब खोलकर दे सकेंगे एग्जाम!: सीबीएसई ने 2026-27 से इस क्लास के लिए शुरू किया ओपन बुक एग्जाम, लेकिन...जानें क्या हैं पूरी योजना
अब स्टूडेंट किताब खोलकर दे सकेंगे एग्जाम!

नई दिल्ली : CBSE ने 2026-27 शैक्षणिक सत्र से कक्षा 9 में ओपन-बुक एसेसमेंट (OBA) को मंजूरी दी है। यह निर्णय पायलट स्टडी (2023) के सकारात्मक नतीजों के बाद लिया गया। यह भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों पर लागू होगा। इसका उद्देश्य रटंत प्रणाली को कम करके विश्लेषणात्मक सोच को बढ़ावा देना। जानें ओपन-बुक एग्जाम कैसे काम करेगा?

1. जानें कैसा रहेगा प्रारूप :

आपको बता दें कि इस ओपन बुक एग्जाम में प्रत्येक टर्म (वार्षिक तीन टर्म) में 3 पेन-पेपर परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। छात्र पाठ्यपुस्तकें, क्लास नोट्स और अनुमोदित संसाधन का उपयोग कर सकेंगे

2. कैसा रहेगा प्रश्नों का स्वरूप :

गौरतलब है कि रटने के बजाय विश्लेषण पर जोर देने के लिए यह प्रोग्राम लाया जा रहा है। इसमें केस स्टडी, डेटा विश्लेषण और वास्तविक जीवन की समस्याओं से जुड़े प्रश्न रहेंगे। उदाहरण: "गंगा नदी के प्रदूषण के आंकड़ों का विश्लेषण करके समाधान सुझाएं"

3. स्कूलों के लिए अपनाने या न अपनाने का खुला रहेगा विकल्प :

विदित है कि CBSE दिशा-निर्देश जारी करेगा, लेकिन इसे अपनाना स्कूलों के लिए वैकल्पिक होगा। यानी विद्यालय चाहे तो इसे अपनाए या न अपनाए।

जानें कैसे रहे पायलट स्टडी के नतीजे :

आपको बता दें कि 2023 के अध्ययन के मुताबिक में छात्रों का प्रदर्शन 12-47% तक रहा। शिक्षकों ने भी इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, लेकिन समय प्रबंधन को चुनौती बताया

पहले भी किया गया था शुरू :

विदित है कि इसकी कोशिश पहले भी हुई थी, 2014 में CBSE ने ओपन टेक्स्ट बेस्ड असेसमेंट (OTBA) शुरू किया था। कक्षा 9 और 11 के कुछ विषयों में इसे लागू किया गया लेकिन 2017-18 में इसे बंद कर दिया गया, क्योंकि यह उम्मीद के मुताबिक क्रिटिकल थिंकिंग विकसित नहीं कर सका। इस बार बोर्ड का दावा है कि डिजाइन और एप्रोच पहले से बेहतर है।

भविष्य की क्या है योजना :

आपकी जानकारी को बता दें कि यदि कक्षा 9 में सफल रहा, तो यह कक्षा 10 और 11-12 में भी लागू किया जा सकता है। यह कदम NEP 2020 और NCFSE 2023 के अनुरूप उठाया गया है।

छात्रों का बढ़ेगा व्यवहारिक ज्ञान :

विदित है कि डॉ. निशा पांडे (शिक्षाविद्) ने बताया कि "यह छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ेगा"। वहीं प्रो. राजीव शर्मा (मनोविज्ञान विभाग, DU) ने बताया कि "संसाधनों के प्रभावी उपयोग पर प्रशिक्षण जरूरी है।"

छात्रों और अभिभावकों के लिए सलाह :

● संसाधनों का उपयोग करने की रणनीति बनाएं
● समय प्रबंधन पर ध्यान दें
● अवधारणाओं की गहरी समझ विकसित करें

CBSE का यह निर्णय भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यदि सफल रहा, तो यह रचनात्मक सोच और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देगा।

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