Big Breaking: राजस्थान SI भर्ती-2021 रद्द!: हाईकोर्ट; घर के भेदियों ने ढहा दी लंका...नई भर्ती में जुड़ेंगे पद, वही जिनकी पुरानी नौकरी छूटी वे...
Big Breaking: राजस्थान SI भर्ती-2021 रद्द!

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य की सबसे चर्चित और विवादास्पद सब-इंस्पेक्टर भर्ती-2021 को रद्द कर दिया है। 859 पदों के लिए हुई यह भर्ती अब पूरी तरह से निरस्त समझी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि “यह SI-भर्ती आरंभ से ही दूषित थी, इसमें पारदर्शिता की कोई गुंजाइश नहीं बची।” जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने 202 पेज का आदेश सुनाते हुए कहा कि पेपर लीक पूरे प्रदेश में फैला, और इसमें RPSC के तत्कालीन अध्यक्ष समेत छह सदस्यों की भूमिका रही। यहां तक कि पेपर प्रिंटिंग प्रेस पहुंचने से पहले ही बाहर बेच दिया गया।

हाईकोर्ट ने दिया आदेश:

आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि 2021 भर्ती के सभी पद नई भर्ती-2025 में जोड़े जाएंगे। साथ ही सभी पुराने उम्मीदवारों को दोबारा शामिल होने का मौका मिलेगा। वहीं जो अभ्यर्थी सरकारी नौकरी छोड़कर SI बने थे, उन्हें पुरानी पोस्ट पर बहाल किया जाए। साथ ही RPSC को अगली परीक्षा में पूरी पारदर्शिता बरतने के सख्त निर्देश दिया है।

“घर के भेदी ने लंका ढहा दी” – कोर्ट का RPSC पर वार:

गौरतलब है कि कोर्ट ने साफ लिखा कि भर्ती की गोपनीयता आरपीएससी के ही लोगों ने बेच दी। तत्कालीन चेयरमैन संजय श्रोत्रिय, सदस्य रामूराम राईका, मंजू शर्मा, संगीता आर्य, जसवंत राठी और निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा इन सभी पर गंभीर आरोप साबित हुए। रामूराम राईका ने अपने बेटे-बेटी को पास कराने के लिए पूरी साजिश रची। साथ ही बेटी शोभा के इंटरव्यू पैनल में कटारा को बिठाया गया, बेटे देवेश के पैनल में चेयरमैन श्रोत्रिय खुद मौजूद रहे। कोर्ट ने कहा – “जब आयोग के सदस्य ही पेपर लीक और इंटरव्यू फिक्स करने लगें, तो ऐसी भर्ती का कोई औचित्य नहीं।”

पेपर लीक की गहराई:

विदित है कि पेपर प्रिंटिंग प्रेस तक पहुंचने से पहले ही बाहर निकला। जिसके बाद “ब्लूटूथ गैंग” तक प्रश्नपत्र पहुंचा। वहीं आरोपी रामूराम राईका ने खुद कबूल किया कि उसने बाबूलाल कटारा से पेपर लिया और बच्चों को पास कराया।

जानें कौन-कौन सी हुई बड़ी गिरफ्तारियां:

आपको बता दें कि इस भर्ती घोटाले में बड़े-बड़े नाम जेल की सलाखों तक पहुंचे, जिसमें प्रमुख नाम निम्नलिखित रहें:

  1. रामूराम राईका (पूर्व RPSC सदस्य) – बेटे-बेटी को पास कराने का आरोप।

  2. देवेश राईका और शोभा राईका – दोनों अभ्यर्थी गिरफ्तार, बाद में जमानत।

  3. बाबूलाल कटारा – निलंबित सदस्य, पेपर सप्लाई करने का आरोप।

  4. राजकुमार यादव – पूर्व CM अशोक गहलोत के PSO, बेटे भरत के लिए पेपर खरीदा।

  5. दूधवाले तक पेपर पहुंचा – राजकुमार यादव ने आगे बेचा भी।

कोर्ट ने क्या कहा?

विदित है कि कोर्ट ने कहा कि : “सही और गलत की छंटनी संभव नहीं है। कुछ ने ईमानदारी से परीक्षा दी होगी, लेकिन अगर एक भी नकलची थानेदार बनता है, तो समाज को खतरा है। अगर भर्ती रद्द नहीं होती तो यह प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सीधा प्रहार होता। सिस्टमेटिक करप्शन में RPSC के कई मेंबर गले तक डूबे हुए पाए गए।”

राजनीति भी गरमाई:

गौरतलब है कि कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि : “इस फैसले से सच की जीत हुई। मेरी जानकारी के मुताबिक, 50% से ज्यादा चयनित अभ्यर्थी फर्जी थे। सरकार ने सिर्फ 58 फर्जी पकड़े, लेकिन असल में 500 से ज्यादा थे। सोचिए, अगर ऐसे लोग थानेदार बन जाते तो राजस्थान की कानून-व्यवस्था किस हाल में होती!”

आगे का रास्ता:

आपको बता दें कि अब 2025 में होने वाली नई भर्ती में 2021 के सभी पद जोड़ दिए जाएंगे। 2021 में बैठे हर उम्मीदवार को फिर से परीक्षा में शामिल होने का हक मिलेगा। वहीं जिनकी पुरानी सरकारी नौकरी छूटी थी, उन्हें वहीं पर वापस लिया जाएगा।

कुल मिलाकर, हाईकोर्ट ने यह साफ संदेश दिया है कि “भ्रष्टाचार से बनी भर्ती को किसी भी हाल में मंजूर नहीं किया जाएगा।” अब राजस्थान की निगाहें 2025 की नई भर्ती पर हैं, जहां लाखों युवाओं की किस्मत एक बार फिर दांव पर होगी।

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