ग्रेटर नोएडा: दिल्ली-एनसीआर को देश का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया जा रहा है। भारतमाला परियोजना के तहत ग्रेनो (ग्रेटर नोएडा) में 8000 करोड़ रुपये के विशाल निवेश से एक 'मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब' विकसित किया जाएगा। यह हब देश के व्यापार और उद्योगों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा, जिससे माल की आवाजाही में अभूतपूर्व गति और दक्षता आएगी।
क्या है पूरी योजना?
आपको बता दें कि यह लॉजिस्टिक हब लगभग 800 एकड़ में फैला होगा, जो इसे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक केंद्र बना देगा। परियोजना पर कुल 8000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें से 6000 करोड़ रुपये एक निजी कंपनी निवेश करेगी, जिसे 45 साल के लिए यह प्रोजेक्ट दिया जाएगा। शेष 2000 करोड़ रुपये प्राधिकरण द्वारा जरूरी बुनियादी ढांचा विकसित करने में खर्च किए जाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी सुविधाएं :
गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड के साथ हुई बैठकों में इस हब को वैश्विक मानकों पर बनाने पर जोर दिया गया है। इसमें रेलवे ट्रैक, कई प्लेटफॉर्म, आधुनिक वेयरहाउस और अन्य मूलभूत सुविधाएं होंगी।
कैसे बदलेगी तस्वीर? उद्योगों और आम आदमी को ये होंगे फायदे
1. माल ढुलाई में सुपरफास्ट स्पीड: नोएडा, ग्रेनो और आसपास के जिलों के उद्यमी अपना माल तेजी से देश के विभिन्न हिस्सों में भेज पाएंगे। इससे समय और लागत दोनों की बचत होगी।
2. निर्यात को बढ़ावा: अंतरराष्ट्रीय मानकों का लॉजिस्टिक हब निर्यातकों के लिए एक बड़ी सुविधा होगी, जिससे 'मेक इन इंडिया' को बल मिलेगा।
3. बेरोजगारों की घटेगी संख्या: इस विशाल परियोजना के निर्माण और संचालन के दौरान हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। ट्रांसपोर्ट, होटल और अन्य सेवा क्षेत्रों में नए अवसर पैदा होंगे।
4. कनेक्टिविटी का जबरदस्त नेटवर्क: यह हब सड़क, रेल और संभवतः हवाई मार्ग से भी जुड़ा होगा, जिससे मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी का एक शानदार उदाहरण पेश करेगा।
5. ग्रेनो बनेगा 'लॉजिस्टिक कैपिटल': बोडाकी में लॉजिस्टिक पार्क के साथ-साथ इस हब के बनने से ग्रेटर नोएडा पूरे उत्तर भारत में लॉजिस्टिक्स का सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी?
विदित है कि ग्रेनो प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा, "उद्योगों की सबसे बड़ी जरूरत एक मजबूत लॉजिस्टिक चेन है। बोडाकी में लॉजिस्टिक पार्क और इस इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब यही जरूरत पूरी करेगा। इससे आसपास के जिलों को भी बड़ा फायदा होगा और ग्रेटर नोएडा एक प्रमुख लॉजिस्टिक केंद्र के रूप में उभरेगा।"
ग्रेनो में यह महत्वाकांक्षी लॉजिस्टिक हब सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के आर्थिक पुनर्जन्म की नींव है। यह देश के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में एक नए युग की शुरुआत करेगा, जहां दक्षता और गति केंद्र में होगी। इससे उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा, निवेश आकर्षित होगा और पूरे क्षेत्र का समग्र विकास तेज गति से हो सकेगा। यह परियोजना 'न्यू इंडिया' के इन्फ्रास्ट्रक्चर ड्रीम को साकार करने की दिशा में एक और ठोस कदम साबित होगी।