330 करोड़ के मेगा-बजट से राजस्थान के शहरों की बदलेगी किस्मत!: जयपुर स्मार्ट-सिटी; अलवर, बीकानेर, खाटूश्याम समेत इन 6 शहरों को बनाएगी स्मार्ट सिटी...लोगों को मिलेंगी ये सुविधाएं?
330 करोड़ के मेगा-बजट से राजस्थान के शहरों की बदलेगी किस्मत!

जयपुर: राजस्थान सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन को गति देते हुए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड सिर्फ राजधानी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उसे प्रदेश के छह प्रमुख शहरों को स्मार्ट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राजस्थान अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉरपोरेशन ने इसकी औपचारिक स्वीकृति दे दी है, जिसके तहत 330 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकास कार्य होंगे।

किन 6 शहरों की बदलेगी किस्मत? जानें बजट ब्रेकअप:

आपको बता दें कि जयपुर स्मार्ट स्मार्ट सिटी लिमिटेड को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (PMC) का दर्जा देते हुए इन शहरों में काम करने का जिम्मा सौंपा गया है:

  1. बीकानेर: 80 करोड़ रुपये

  2. भरतपुर: 80 करोड़ रुपये

  3. अलवर: 60 करोड़ रुपये

  4. भिवाड़ी: 50 करोड़ रुपये

  5. मंडावा: 30 करोड़ रुपये

  6. खाटूश्यामजी: 30 करोड़ रुपये

जानें क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे? स्मार्ट सिटी के ये होंगे 'खास फीचर्स'

इन शहरों के निवासी अगले कुछ वर्षों में इन बदलावों का साक्षी बनेंगे:

● सड़कें, सीवर, ड्रेनेज और बिजली नेटवर्क को नया स्वरूप दिया जाएगा।
● डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट, और ओपन डंप साइट्स को पूरी तरह खत्म किया जाएगा।
● 24x7 जलापूर्ति, वर्षा जल संचयन, और ट्रीटेड पानी के पुन: उपयोग की प्रणाली लागू होगी।
● सेंसर-आधारित स्मार्ट सिग्नल, स्मार्ट पार्किंग, और साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे।
● सोलर प्रोजेक्ट, सीसीटीवी निगरानी, वाई-फाई जोन, और ऑनलाइन शिकायत निवारण सिस्टम जैसे डिजिटल सुधार भी किए जाएंगे।

यानी आने वाले समय में ये शहर स्मार्ट टेक्नोलॉजी, हरित ऊर्जा और पारदर्शी प्रशासन का मिश्रण बन जाएंगे।

जयपुर स्मार्ट सिटी की बढ़ी भूमिका:

जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की भूमिका अब और महत्वपूर्ण हो गई है। वह इन सभी छह शहरों के लिए:

● मास्टर प्लान तैयार करेगी।
● प्रोजेक्ट्स की डिजाइनिंग और तकनीकी सलाह देगी।
● सभी विकास कार्यों की निगरानी और मॉनिटरिंग करेगी।
● कार्यों के निष्पादन को सुनिश्चित करेगी।

सवाल भी, चुनौती भी: क्या जयपुर अपने लक्ष्यों से पिछड़ रही है?

हालांकि यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन एक बड़ा सवाल भी खड़ा हो रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड अभी तक राजधानी जयपुर से जुड़े अपने कई विकास कार्यों को पूरा नहीं कर पाई है। ऐसे में, संस्था की लचर कार्यप्रणाली और सीईओ डॉ. निधि पटेल की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। क्या जयपुर अपनी जिम्मेदारियों को संभालते हुए इन छह नए शहरों का विकास प्रभावी ढंग से कर पाएगी? यह देखना दिलचस्प होगा।

यह फैसला राजस्थान के शहरी विकास की रणनीति में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है। जयपुर के अनुभव का लाभ अब ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के शहरों को मिलेगा। अगर यह योजना जमीन पर सही ढंग से उतरती है, तो ये छह शहर न केवल पर्यटन के नक्शे पर और मजबूती से उभरेंगे, बल्कि यहाँ के निवासियों को रहन-सहन का एक बेहतर और आधुनिक स्तर मिलेगा। यह राजस्थान सरकार की 'समग्र विकास' की सोच को दर्शाता है।

 

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