योगी सरकार के खिलाफ, डिजिटल-युद्ध छेड़ेगी सपा!: रील, डॉक्यूमेंट्री से बदलेगी चुनावी तस्वीर...जनसमस्याओं को बनायेगी हथियार?
योगी सरकार के खिलाफ, डिजिटल-युद्ध छेड़ेगी सपा!

लखनऊ : उत्तर-प्रदेश में 2027 का विधानसभा चुनाव अभी दूर है, लेकिन समाजवादी पार्टी ने जंग का बिगुल अभी से बजा दिया है। इस बार लड़ाई सिर्फ जनसभाओं और रैलियों तक सीमित नहीं रहने वाली। अखिलेश यादव ने अब डिजिटल मैदान में भाजपा को चुनौती देने की पूरी तैयारी कर ली है। गानों, डॉक्यूमेंट्रीज़ और सोशल मीडिया शॉर्ट्स के ज़रिए सपा एक ऐसा वीडियो कैंपेन शुरू करने जा रही है जो यूपी की राजनीति में हलचल मचा सकता है।

वीडियो-गानों से हल्ला बोल :

सपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी अब सोशल मीडिया को चुनावी हथियार की तरह इस्तेमाल करने जा रही है। इंस्टाग्राम रील, यूट्यूब डॉक्यूमेंट्री, फेसबुक लाइव और एक्स (ट्विटर) पर शॉर्ट वीडियोज़ अखिलेश यादव का डिजिटल ‘ब्रह्मास्त्र’ बनेगा। पार्टी प्रवक्ता शरवेंद्र बिक्रम सिंह के मुताबिक, "कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, शिक्षा, महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर वीडियो डॉक्यूमेंट्री तैयार हो रही हैं।"

‘जनता पुकारती है अखिलेश आइए…’  जैसे गानों से होगा प्रचार :

जानकारी के अनुसार सपा के लिए अब तक करीब 18 से ज्यादा गाने लिख चुके बिलाल सहारनपुरी का गाना ‘जनता पुकारती है अखिलेश आइए…’ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। यही नहीं, ‘सपा आई रे…’ और ‘तेरी अलग है सबसे यहां बात मुलायम’ जैसे गानों ने लाखों दिलों को छुआ है। इन गानों को अब कार्यकर्ता कॉलर ट्यून और रिंगटोन तक बना चुके हैं यानी सपा इन वीडियोज द्वारा डिजिटल युध्द चालू कर चुकी है।

2022 से कई गुना ज़्यादा आक्रामक होगा 2027 का कैंपेन :

गौरतलब है कि 2022 और 2024 के कैंपेन जहां सीमित वीडियो और फेसबुक पोस्ट तक सिमटे थे, वहीं 2027 में पार्टी प्रोफेशनल वीडियो प्रोडक्शन टीम, रील-कंपोज़र, स्क्रिप्ट राइटर और सोशल मीडिया स्ट्रैटेजिस्ट के साथ मैदान में उतर रही है। उनका टारगेट पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग के युवा और शहरी-ग्रामीण मतदाता है।

बीजेपी की प्रचार मशीनरी का डिजिटल जवाब देने की तैयारी :

विश्लेषकों का मानना है कि सपा की यह रणनीति सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि जनता की भावना को सीधे छूने का प्रयास है। राजनीतिक विश्लेषक राजेंद्र कुमार कहते हैं, "यह सिर्फ वोट मांगने की मुहिम नहीं, बल्कि बीजेपी के प्रचार मशीनरी को डिजिटल जवाब देने की रणनीति है। वीडियो, गाने और डॉक्यूमेंट्री एक ऐसे वोटर से संवाद बना रही हैं जो जनसभा में नहीं आता, पर मोबाइल हर वक्त हाथ में रखता है।"

सत्ता की दहलीज़ तक वीडियो का रास्ता :

आपको बता दें कि सपा नेताओं को उम्मीद है कि 2024 में 37 सीटें जीतने वाला पीडीए मॉडल, वीडियो कैंपेन के ज़रिए और मजबूत होगा। गानों में वर्गीय भावनाओं को उभारा जा रहा है, डॉक्यूमेंट्री में सरकारी विफलताएं और जनसंघर्ष, और शॉर्ट्स में युवा विरोध के स्वर। पार्टी मानती है कि यह मुहिम 2027 में भाजपा के प्रचार तंत्र को टक्कर देगी।

डिजिटल सेना मैदान में, ज़िलाध्यक्षों को टास्क :

गौरतलब है कि हर जिले में वॉट्सऐप ग्रुप बनवाए जा रहे हैं, यूट्यूब चैनल्स से जुड़ने की रणनीति बनाई गई है और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से टाई-अप की तैयारी है। आशु मलिक जैसे विधायक खुद गानों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और वीडियो शूटिंग पर पर्सनल ध्यान दे रहे हैं।

समाजवादी पार्टी ने प्रचार का पारंपरिक तरीका तोड़ दिया है। अब लड़ाई कैमरे के सामने, स्क्रीन पर और मोबाइल में होगी। 2027 की चुनावी जंग में कौन मारेगा बाज़ी, यह तो वक़्त बताएगा लेकिन इतना तय है कि अखिलेश यादव का वीडियो वॉर उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई कहानी लिखने जा रहा है।

अन्य खबरे