नोएडा/ग्रेटर नोएडा : देश की सुरक्षा प्रणाली में बड़ी क्रांति होने वाली है। नोएडा अब सिर्फ रियल एस्टेट या आईटी हब नहीं, बल्कि भारत की सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक चिप्स का भी हब बनने जा रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल, लड़ाकू विमान और अंतरिक्ष रॉकेटों में लगने वाली अति-संवेदनशील चिप अब नोएडा में होनें वाली है।
500 करोड़ रुपये होगी लागत :
गौरतलब है कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने एडिटेक सेमीकंडक्टर और अमेरिका की ICE-MOS के ज्वाइंट वेंचर को 15 एकड़ भूमि आवंटित कर दी है। इस ज़मीन पर 500 करोड़ रुपये की लागत से हाई-टेक सेंसर फैब यूनिट स्थापित की जाएगी।
भारत की ब्रह्मास्त्र चिप बनेगी नोएडा में :
आपको बता दें कि यह वही चिप होगी जो ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक मिसाइलों की आंख और दिमाग का काम करती है। अब तक इस तरह की 95% चिप्स चीन से आयात की जाती थीं लेकिन अब भारत यह तकनीक नोएडा खुद तैयार करेगा। हर साल इस फैक्ट्री में 25 करोड़ से अधिक चिप्स बनेंगी। 180 नैनोमीटर की यह चिप माइक्रो सेंसिंग, दिशा निर्धारण और पावर कंट्रोल जैसे मिशन-क्रिटिकल कार्यों के लिए प्रयोग होगी।
मिसाइल, फाइटर जेट और रॉकेट्स की चिप अब भारत में ही :
विदित है कि एडिटेक ग्रुप के चेयरमैन संजय विश्वनाथन के अनुसार, यह यूनिट भारत की पहली हाई-सेंसिटिव मिलिट्री ग्रेड सेंसर फैब में से एक होगी, जो फाइटर जेट्स, ISRO के सैटेलाइट रॉकेट्स, और अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों के लिए चिप्स बनाएगी। विशेषज्ञ संजय विश्वनाथन ने कहा कि : अब भारतीय मिसाइलों को चीन की चिप की ज़रूरत नहीं, हमारी जमीन पर, हमारे हाथों से अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी बनेगी।
1800 से अधिक नौकरियां, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का गेटवे :
गौरतलब है कि इस हाई-टेक यूनिट से 1800 से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलेगा। वहीं, जापानी और अमेरिकी तकनीक की मदद से यहां स्वास्थ्य, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले सेंसर भी बनाए जाएंगे। Yamuna Authority के CEO डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि Letter of Intent (LOI) जारी कर दिया गया है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। कंपनी ने भविष्य में पावर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए अतिरिक्त 15 एकड़ ज़मीन की मांग भी रखी है।
सेमीकंडक्टर युद्ध में चीन को कड़ी चुनौती :
आपको बता दें कि दुनिया में सेमीकंडक्टर को लेकर चल रही जियोपॉलिटिकल होड़ में भारत अब एक अहम खिलाड़ी बनने की ओर है। खासकर रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली चिप्स को लेकर चीन पर निर्भरता भारत की सुरक्षा नीति के लिए चिंता का विषय थी। अब नोएडा का यह प्रोजेक्ट इस चिंता का प्रत्यक्ष समाधान है। यह भारत को आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में बड़ा कदम भी कहा जा रहा है।
चीन को झटका, भारत को आत्मनिर्भरता का रास्ता :
गौरतलब है कि एक तरफ चीन से आयातित चिप्स की कीमतों में भारी बढ़ोतरी और निर्यात नियंत्रण, दूसरी तरफ भारत में 'नोएडा मेड' चिप्स का उत्पादन। यह कदम चीन के सेमीकंडक्टर दबदबे पर सीधा प्रहार माना जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञ, ब्रिगेडियर (से.नि.) के.पी. सिंह ने कहा कि : यह सिर्फ एक फैक्ट्री नहीं, बल्कि भारत की सामरिक स्वतंत्रता की आधारशिला है।
नोएडा अब राष्ट्र सुरक्षा का नया इंजीनियरिंग हब बनेगा। ब्रेन और बल का यह मेल भारत को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि रक्षा और तकनीकी सुरक्षा के मोर्चे पर भी नव युग की शुरुआत करेगा। भारत की सेमीकंडक्टर क्रांति को इस कदम से रफ्तार मिलेगी।