नई दिल्ली : देश की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई जब भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। रविवार रात को उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपा। इस्तीफे की वजह उन्होंने स्वास्थ्य कारण बताए, लेकिन विपक्ष इसे लेकर सवाल उठा रहा है। खास बात ये है कि यह इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन आया, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल तेज कर दी है।
धनखड़ ने क्यों दिया इस्तीफा?
आपको बता दें कि 74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा कि : “स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्याग-पत्र दे रहा हूं।”
धनखड़ ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री परिषद और सांसदों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया। हालांकि, उनका इस्तीफा तब तक प्रभावी नहीं होगा जब तक राष्ट्रपति इसे मंजूरी नहीं देते।
ऐसा पहली बार हुआ है...
गौरतलब है कि धनखड़ संसद सत्र के दौरान पद छोड़ने वाले पहले उपराष्ट्रपति हैं। वे तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने कार्यकाल के बीच में इस्तीफा दिया। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं, ऐसे में मानसून सत्र के बीच उनका जाना असामान्य माना जा रहा है।
त्यागपत्र की खास बातें :
आपको बता दें कि अपने पत्र में धनखड़ ने लिखा : “मुझे सांसदों से जो स्नेह, अपनापन और सम्मान मिला है, वह मेरी स्मृति में हमेशा रहेगा। देश की ऐतिहासिक प्रगति को देखना और उसका हिस्सा बनना मेरे लिए गर्व की बात रही। आज जब मैं पद छोड़ रहा हूं, मेरे मन में देश के भविष्य के लिए अटूट विश्वास है।”
जगदीप धनखड़ कौन हैं?
● जन्म: 18 मई 1951, झुंझुनू (राजस्थान)
● शिक्षा: राजस्थान यूनिवर्सिटी से B.Sc और LLB
● वकालत करियर: 1999 से 2019 तक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत
कैसा रहा राजनीतिक में सफर :
● 1989: झुंझुनू से सांसद (जनता दल)
● 1990-91: चंद्रशेखर सरकार में राज्य मंत्री
● 1993-1998: किशनगढ़ से विधायक
● 2003: भाजपा में शामिल
● 2019: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल
● 2022: भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बने
अब अगला कौन? हरिवंश का नाम चर्चा में :
आपको बता दें कि धनखड़ के इस्तीफे के बाद नए उपराष्ट्रपति को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। बिहार से JDU सांसद हरिवंश का नाम सबसे आगे चल रहा है। वे वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति हैं। जब तक नया उपराष्ट्रपति नहीं चुना जाता, राज्यसभा के उपसभापति ही सभापति की भूमिका निभाएंगे। लेकिन संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति का प्रावधान नहीं है।
विपक्ष ने उठाए सवाल, ‘सेहत या सियासत?’
विदित है कि धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर कांग्रेस, शिवसेना जैसे दलों ने सवाल उठाए हैं। जयराम रमेश (कांग्रेस) ने कहा कि : "जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। PM मोदी उन्हें मनाने की कोशिश करें।"
वहीं आनंद दुबे (शिवसेना UBT) ने कहा कि : "अगर स्वास्थ्य कारण थे, तो इस्तीफा सत्र से पहले या बाद में भी दिया जा सकता था। यह चिंताजनक है।"
संविधान क्या कहता है?
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति का इस्तीफा अनुच्छेद 67(a) के तहत राष्ट्रपति को सौंपा जाता है उपराष्ट्रपति की गैरमौजूदगी में, अगर राष्ट्रपति भी देश में नहीं हैं, तो CJI (मुख्य न्यायाधीश) राष्ट्रपति का पदभार संभालते हैं। लेकिन उपराष्ट्रपति की जगह कोई कार्यवाहक उपराष्ट्रपति नहीं बनाया जा सकता।
उपराष्ट्रपति का इस्तीफा भले ही स्वास्थ्य कारणों से दिया गया हो, लेकिन संसद सत्र के पहले ही दिन इस तरह का फैसला कई सवाल खड़े कर रहा है। अब सबकी निगाहें राष्ट्रपति पर हैं वे इस्तीफा कब स्वीकार करती हैं, और अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? यह इस्तीफा एक साधारण निर्णय नहीं, बल्कि राजनीति के पर्दे के पीछे कुछ बड़ा चलने का संकेत हो सकता है।