स्वास्थ्य : अब तक कॉफी को केवल एक सुबह की आदत या थकान मिटाने वाली ड्रिंक माना जाता था, लेकिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इससे जुड़ी एक चौंकाने वाली हकीकत का खुलासा किया है कि रोज़ाना कॉफी पीने से मौत का खतरा घट सकता है। यह दावा महत्वपूर्ण शोध और अन्य वैज्ञानिक अध्ययनों का है, जो यह संकेत देते हैं कि अगर आप दिन में 3 से 4 कप कॉफी पीते हैं, तो 15% तक असमय मृत्यु का खतरा कम कर सकतें हैं।
कॉफी पीने से कौन-कौन सी बीमारियां दूर रहती हैं?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, ब्लैक कॉफी (बिना दूध-चीनी) पीने वाले लोगों में निम्न बीमारियों का खतरा कम देखा गया:
●हृदय रोग (Heart Disease)
●स्ट्रोक
●टाइप-2 डायबिटीज
●न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (जैसे पार्किंसन और अल्जाइमर)
●लिवर सिरोसिस और फैटी लिवर
कॉफी के पीछे छुपा विज्ञान – क्यों है ये ‘लाइफ सेवर’?
गौरतलब है कि कॉफी में निम्न पदार्थ पाए जाते हैं:
●कैफीन: एनर्जी और अलर्टनेस बढ़ाता है
●क्लोरोजेनिक एसिड: मेटाबॉलिज्म सुधारता है
●एंटीऑक्सीडेंट्स: सूजन कम करते हैं और सेल्स को डैमेज से बचाते हैं
यह सभी यौगिक शरीर को बीमारियों से बचाते हैं और आंतरिक सफाई में मदद करते हैं। कॉफी, खासतौर पर फिल्टर्ड कॉफी, रक्त धमनियों को मजबूत बनाती है और हृदय की कार्यक्षमता को बेहतर बनाती है।
दिल के लिए भी फायदेमंद, लेकिन शर्तें लागू!
गौरतलब है कि शोध बताते हैं कि मध्यम मात्रा में कॉफी, यानी दिन में 2 से 4 कप तक, हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकती है। लेकिन अनफिल्टर्ड कॉफी (जैसे सीधी उबली कॉफी या बिना फिल्टर के कॉफी) से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा हो सकता है। यानी फिल्टर्ड ब्लैक कॉफी ही ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद मानी गई है।
डायबिटीज कंट्रोल करने में भी मददगार :
आपको बता दें कि कॉफी से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए राहत की खबर है। लेकिन याद रखें, चीनी डालकर कॉफी पीना इस लाभ को उल्टा भी कर सकता है।
मस्तिष्क और मानसिक स्वास्थ्य को भी फायदा :
विदित है कि कॉफी का न्यूरोलॉजिकल हेल्थ पर भी कॉफी का असर देखा गया है। इसके नियमित सेवन से अल्जाइमर और डिप्रेशन जैसी स्थितियों से बचाव संभव हो सकता है।
तो कितना कॉफी पीना है सही?
आपको बता दें कि आहार विशेषज्ञों के मुताबिक:
"रोज़ाना 2 से 4 कप कॉफी (200–400 mg कैफीन) तक का सेवन सुरक्षित माना जाता है। लेकिन कैफीन सेंसिटिव लोगों को सतर्क रहना चाहिए। ज़्यादा कॉफी बेचैनी, नींद की गड़बड़ी और हृदय गति तेज करने जैसी समस्याएं ला सकती है।”
ध्यान दें कि कॉफी फायदेमंद है, लेकिन ओवरडोज नहीं -
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिर्फ ब्लैक कॉफी ज्यादा लाभकारी है। दूध, चीनी, क्रीम डालने से फायदे कम हो सकते हैं। वहीं रात में पीने से नींद पर भी असर पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी, हार्ट डिजीज या कैफीन सेंसिटिविटी में डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है।
सुबह की वो एक प्याली कॉफी, अब सिर्फ आदत नहीं, हेल्थ की साथी भी बन गई है। बशर्ते आप सही समय, सही मात्रा और सही तरीके से पिएं।
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट मेडिकल रिसर्च और जनरल जानकारी पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर की राय ज़रूर लें। NCR पत्रिका इसकी सटीकता या व्यक्तिगत असर की जिम्मेदारी नहीं लेती।