लाइफस्टाइल: गर्मियों की चिलचिलाती धूप से राहत पाने के लिए घरों में एयर कंडीशनर चलाना आजकल आम बात हो गई है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि दिनभर एसी में रहने से आपकी सेहत पर क्या असर पड़ सकता है? एसी केवल आपकी हड्डियों या फेफड़ों के लिए ही नुकसानदायक नहीं है बल्कि इसकी वजह से जीवनशैली इतनी निष्क्रिय हो जाती है कि मोटापा तेजी से बढ़ने लगता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें वो बता रही हैं कि किस तरह रोज महज 4-5 घंटे एसी में बैठकर आप अपना वजन बढ़ा रहे हैं।
इन कारणों से एसी में रहने से बढ़ता है हमारे शरीर का वजन
शारीरिक गतिविधि में आती है कमी
लगातार 4 से 5 घंटे एसी में बैठना आपकी शरीर की गति को लगभग समाप्त कर देता है। ठंडे माहौल के चलते सभी लोग एक ही कमरे में सिमट जाते हैं और इधर-उधर चलने-फिरने की जरूरत महसूस नहीं होती। इस तरह कम शारीरिक हरकत के कारण शरीर में ऊर्जा की खपत कम होती है जिससे वजन बढ़ने की आशंका भी काफी बढ़ जाती है।
मेटाबॉलिज्म का स्लो होना
कुछ शोधों से यह पता चला है कि जब कोई व्यक्ति ज्यादा समय तक ठंडी परिस्थितियों में रहता है तो उसका मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है। यानी शरीर ऊर्जा को पहले जितनी तेजी से नहीं जलाता। यही वजह है कि शरीर में जमा फैट धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।
जरूरत से ज्यादा खाना खा लेना
एसी के ठंडे वातावरण में जब माहौल सुकूनदायक हो जाता है तो व्यक्ति को आराम की स्थिति मिलती है। ऐसे में कई बार बिना भूख के भी स्नैक्स खाने की इच्छा होती है खासतौर पर टीवी या मोबाइल देखते हुए। जिसकी वजह से वजन में बढ़ोतरी होती है।
जरूरत के अनुसार कैलोरी का बर्न न होना
जब शरीर लंबे समय तक ठंडे टेम्परेचर में रहता है तो उसे अपने आंतरिक तापमान को बनाए रखने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। इस कारण शरीर ऊर्जा की खपत कम कर देता है। अब अगर इस दौरान आप खाने-पीने में संतुलन नहीं रखते तो अतिरिक्त कैलोरी वसा में बदलने लगती है और वजन बढ़ता है।
एसी का अत्यधिक इस्तेमाल हमारे शरीर के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी है हानिकारक
एसी का उपयोग केवल हमारी व्यक्तिगत सेहत पर के लिए ही नहीं नुकसानदायक है बल्कि इसका नकारात्मक प्रभाव हमारे पर्यावरण पर भी पड़ता है। एयर कंडीशनर से निकलने वाली गैसें जैसे हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFCs) वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा बढ़ा देती हैं जो ग्लोबल वॉर्मिंग का एक बड़ा कारण है। इसके अलावा एसी की खपत से बिजली की डिमांड भी बहुत बढ़ जाती है जिससे ऊर्जा संसाधनों पर दबाव पड़ता है और प्रदूषण भी बढ़ता है।
जब हम लगातार एसी का उपयोग करते हैं तो हम न सिर्फ अपने शरीर को निष्क्रिय बना रहे होते हैं बल्कि पृथ्वी के तापमान को भी धीरे-धीरे बढ़ा रहे होते हैं। इसका सीधा असर मौसम के असंतुलन, बर्फबारी में कमी और प्राकृतिक आपदाओं के रूप में देखने को मिलता है।
इसलिए अगर आप खुद को और आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ रखना चाहते है तो जरूरी है कि एसी का सीमित उपयोग करें और संतुलित खानपान के साथ शारीरिक गतिविधियों को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करें।